बुढ़ा पहाड़ पर एक दशक बाद पुलिस ने लहराया तिरंगा, पुलिस ने कई बंकर किया ध्वस्त….

बुढ़ा पहाड़ पर एक दशक बाद पुलिस ने लहराया तिरंगा,
पुलिस ने कई बंकर किया ध्वस्त….
सत्येंद्र कुमार केसरी ,,, भंडरिया
झारखंड छत्तीसगढ़ सिमा पर गढ़वा जिला के भंडरिया प्रखंड अंतर्गत नक्सलियों का गढ़ माना जाने वाला बूढ़ा पहाड़ में एक दशक के बाद पुलिस का कब्जा हो गया है  । यहाँ से नक्सली भागने के लिए मजबूर हो गए हैं। झारखंड के बहुत चर्चित नक्सलीयो का गढ़ माना जाने वाला बूढ़ा पहाड़ पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ था। पुलिस ने इस पहाड़ की घेराबंदी कर रखी थी। एन्टी नक्सल अभियान जारी था। पिछले 10 साल से हजारों की संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए थे। पूर्व में जब भी बूढ़ा पहाड़ के लिए नक्सल विरोधी अभियान पुलिस द्वारा चलाई जा रही थी तो पुलिस को ही नुकसान पहुंच रहा था । इस बार सीआरपीएफ 172 बटालियन , कोबरा 203 ,205,जगवार एवं जिला  पुलिस के जवानों के अथक प्रयास के बाद बूढ़ा पहाड़ में पुलिस प्रशासन को बड़ी सफलता मिली है। जवानों में  बुढ़ा पहाड़ पर चढ़ाकर तिरंगा झंडा लहरा दिया है । बूढ़ा पहाड़ चढ़ने के दौरान नक्सली के द्वारा बनाए गए कई बंकरों एवं विस्फोटक पदार्थों को नष्ट करना पड़ा ।
      *कई बड़े नक्सलियों का अड्डा था बुढ़ा पहाड़* 
 बूढ़ा पहाड़ बड़े नक्सलियों का अड्डा बना हुआ था।राज्य के इनामी नक्सली कुंदन पाहन, सुधीर , अरविंद , सुधाकरण , बिरसाय जैसे स्टेट एवं सेंट्रल केंद्रीय कमेटी के माओवादी रहा करते थे ।उक्त नक्सलियों बीच सरकार द्वारा लाखों की इनाम घोषित की गई थी । इन में कुछ उग्रवादियों ने पुलिस द्वारा पकड़े गए, कुछ पुलिस की गोली से मार दिए गए।और कुछ उग्रवादी के पुलिस से डर कर सरेंडर कर दिए हैं।
*थाना प्रभारी सहित 13 जवानों को नक्सलियों ने बारूदी सुरंग विस्फोट कर उड़ा दिया था*
भंडरिया थाना प्रभारी राजबली  चौधरी सहित 12 जवानों को 2012 में नक्सलियों बारुदी सुरंग विस्फोट कर उड़ा दिया था। इस बड़े घटना की खबर पूरे हिंदुस्तान में  जंगल की आग की तरह फैल गई । इस घटना के दौरान  नक्सलियों ने तत्कालीन गढ़वा जिला परिषद चेयरमैन सुषमा मेहता, माले नेता अखतर अंसारी और उनके बोडीगार्ड सुनेश को किडनैप कर जंगल में गया था। पुलिस ने उक्त लोगों के छुड़ाने के लिए पूरे बुढ़ा पहाड़ की जंगल को घेराबंदी कर रखी थी, परंतु पुलिस प्रशासन ने उन्हें नहीं छोड़ सकी । नक्सलियों ने किडनैप  नेताओं को छोड़ने के लिए राज्य सरकार के साथ  शर्त रखी थी ,उनका सर्त था कि लातेहार के औरैया, कोन, सरयू  आदि गाँव से सरकार पुलिस कैंप हटा दे  ।और उसके कई बड़े गिरफ्तार नक्सली को छोड़ दे। नक्सली और सरकार के बीच समझौता के बाद ही उक्त  बॉडीगार्ड को रिहा किया था । पुलिस प्रशासन ने बूढ़ा पहाड़ के घेराबंदी के लिए दर्जनों की संख्या में पुलिस पिकेट स्थापित किया गया था। और लगातार अभियान चलाए जा रहा था।  वर्ष 2018 में गढ़वा एसपी शीवानी तिवारी और लातेहार एसपी के द्वारा संयुक्त रूप से छापामारी अभियान चलाया गया था  ।इस अभियान के दौरान खपरी महुआ  गाँव में  नक्सलियों ने बारूदी सुरंग विस्फोट 6 जवान को उड़ा दिया था  ।इस घटना में दोनों एसपी बाल बाल बच गए थे । 2017 में बुढ़ा पहाड़ में नक्सलियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान में सीआरपीएफ का डॉग स्क्वायड (खोजी कुत्ता) को नक्सलियों ने बारूदी सुरंग विस्फोट कर उड़ा दिया था । इस घटना में सीआरपीएफ के कई जवान घायल हो गए थे।
*भंडरिया थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने अब तक दर्जनों को अंजाम दे चुका है*
भंडरिया थाना क्षेत्र के बरीगांवां गांव  के पास से लालमटीया के जंगल में  नक्सलियों ने बारूदी सुरंग विस्फोट कर डीएसपी अमलेश कुमार की हत्या कर दी थी । 2010 के पंचायत चुनाव के दौरान  मदगड़ी( च) गाँव में पांच वाहन को आग लगाकर जला दिया था । और दर्जनों की संख्या में मत पेटी और चुनाव सामग्री को लूट लिया था । बाड़ी खजूरी गांव के पास तीन युवकों को पुलिस दलाल कह कर गोली मारकर नक्सलियों ने हत्या कर दी थी । इसी तरह कई  घटनाओं का नाम शामिल है।