करोड़ो रूपये से बन रहे स्टेट हाइबे सड़क निर्माण में मिट्टी और बड़े बड़े बोल्डर का हो रहा स्तेमाल….

पत्थलगांव ✍️जितेन्द्र गुप्ता

पत्थलगांव से धर्मजयगढ के बन रहे करोड़ों रुपए के स्टेट हाईवे सड़क निर्माण में गुणवत्ताहीन मटेरियल का उपयोग करोड़ों की सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर लग रहा प्रश्नचिन्ह

पत्थलगांव से धर्मजयगढ तक के वर्षों से जर्जर सड़क का दंस झेल रहे नागरिकों को तब खुशी का अनुभव हुआ जब पत्थलगांव से धर्मजयगढ तक के स्टेट हाईवे सड़क का निर्माण शुरू हुवा किंतु नागरिकों की खुशी तब हवा हो गई जब करोड़ों रुपए के स्टेट हाईवे सड़क निर्माण करने वाली कंपनी द्वारा सड़क निर्माण में गुणवत्ता हीन मटेरियल का उपयोग कर सड़क की गुणवत्ता को खत्म किया जा रहा है। सड़क निर्माण में डाली जा रही मुरूम की जगह मिट्टी एवं बड़े-बड़े बोल्डर जो सड़क पर बिछाकर सड़क की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहे हैं ।जहां सड़क पर मिट्टी बिछाने के कारण धूल का गुबार नागरिकों को चलने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। धूल के गुब्बार से नागरिकों का सड़कों में चलना मुश्किल से हो गया है। बांकारूमा के समीप श्रीजी कंपनी के ठेकेदार द्वारा मिट्टी एवं बड़े-बड़े बोल्डर जो कि काफी बड़े बड़े साइज के दिख रहे है। इस तरह के मटेरियल सड़क निर्माण में डाला जा रहा है। जो कि देखें पर ही सड़क की गुणवत्ता को को खत्म कर रहा है। इस संबंध में सड़क निर्माण के साइट इंजीनियर दुर्गेश तिवारी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मिट्टी डालें या मुरूम सभी मटेरियल एक ही हैं।

 

मिट्टी की क्वालिटी भी अच्छी है। मिट्टी या मुरुम दोनों ही एक होते है। एवं बड़े-बड़े बोल्डर के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। जब उनसे मौके पर उच्चाधिकारियों के नंबर की मांग की गई तब उन्होंने नंबर देने से भी इंकार कर दिया इससे अंदाजा लगाया जा सकता है। कि साइट इंजीनियर एवं ठेकेदार की किस तरह मिलीभगत से नागरिकों को गुणवत्ता से मिलने वाली करोड़ों रुपए की सड़कों पर किस तरह बट्टा लगाया जा रहा है। जहां शासन द्वारा करोड़ों रुपए सड़कों के लिए दिए जाते हैं। किंतु साइड पर पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों द्वारा गुणवत्ता से समझौता करते हुए सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। क्या इस तरह के सड़क निर्माण से सड़क की लाइफ ज्यादा होगी परिह बातों से ठेकेदार को कोई मतलब नही है।
धर्मजयगढ पीडब्ल्यूडी के एसडीओ बरवा से जब हमारे संवाददाता ने बात की तो उन्होंने बताया कि मैं आज ही बांका रूमा क्षेत्र के दौरे से लौट कर आया हूं मेरे द्वारा भी मिट्टी एवं बड़े-बड़े बिल्डरों को जो गिराया गया है। उसे हटाने के निर्देश दिए गए हैं। अगर फिर भी इसमें ढिलाई की जाती है। तो सड़क निर्माण की पेमेंट रोकी जाएगी


आखिर अधिकारियों द्वारा सड़क बनने के बाद पेमेंट रोकने से क्या सड़कों की गुणवत्ता फिर से वापस लौट पाएगी या यूं ही गुणवत्ता से समझौता करते हुए नागरिकों के पैसे पर डाका डाला जाता रहेगा क्या अच्छी सड़क निर्माण कर विकास के लिए महत्वपूर्ण सड़क से समझौता करते हुए शासन के रुपयों का इस तरह गुणवत्तापूर्ण सड़क निर्माण कितने दिन चल सकेगा ये बड़ा सवाल है।