Big News : हसदेव बचाओ आंदोलन को मिला मेधा पाटकर का समर्थन, जनवादी संगठनों के दर्जनों लोग पहुंचे हरिहरपुर……

 

 

उदयपुर /सरगुजा

हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खदान के ख़िलाफ़ हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति द्वारा सतत संघर्ष को देश के 15 राज्यों से विभिन्न जनवादी संघर्षों के लोगों ने हरिहरपुर धरना स्थल पर पहुँच कर संघर्ष को समर्थन दिया है।
जन आंदोलनों की नेत्री मेधा पाटकर, पूर्व विधायक और किसान नेता डा सुनिलम, लोर्मी विधायक धर्माजित सिंह इस सभा को सम्बोधित किए।
हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक उमेश्वर सिंह देश भर से जुटे साथियों का अभिनंदन किया। रामलाल ने हसदेव अरण्य संघर्ष के सभी महत्वपूर्ण पक्षों के बारे में बताया। आंदोलन की सुनीता पोर्ते ने संघर्ष समिति के संकल्प को दोहराते हुए इस आंदोलन में महिलाओं की सोच और भूमिका के बारे में बताया। सुनीता ने कहा कि कम्पनी के दिए पैसे पेड़ में लगे पत्तों की तरह झड़ जाएँगे, लेकिन हमारी ज़मीन और जंगल हमें हमेशा साथ देंगे। बाल साय ने गीत के ज़रिए आंदोलन की मूल भावना से आगंतुकों को परिचित कराया।
उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात,जम्मू-कश्मीर, दिल्ली,बिहार, झारखंड व उड़ीसा से आए साथियों ने अपना परिचय दे कर हसदेव अरण्य आंदोलन के प्रति अपना समर्थन जताया।
अनुराधा भार्गव ने मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा में अड़ानी थर्मल प्लांट के विरूद्ध चले संघर्ष की दास्तान को बयान किया और बताया की किस तरह उन्हें प्रताड़ित किया गया। उन्होंने भरोसा दिलाया की भले ही सरकार व सरकारी संस्थान आपके ख़िलाफ़ होगी, पर अंततः जीत जनता की ही होती है।
सर्वहारा जन आंदोलन की नेता उल्का महाजन ने अम्बानी के मुनाफ़े के लिए बनाए जा रहे महा मुंबई सेज के ख़िलाफ़ चले संघर्ष के अनुभव सुनाए। कैसे कम्पनी ने गाँव गाँव में दलाल पैदा किए और संघर्ष को तोड़ने की कोशिश की। प्रशासन, राजनीति और मीडिया में अम्बानी की हर तरह से मदद की, पर जीत जनता की ही हुई।आंदोलन के चलते आज वे ज़मीने वापस मिल गयी जो धोके से ली गयी थी।
लोक संघर्ष मोर्चा की साथी प्रतिभा शिंदे ने वन अधिकारों के लिए चले लम्बे संघर्ष के बारे में बताया। वहीं, कश्मीर घाटी के तोसा मैदान में फ़ायरिंग रेंज के ख़िलाफ़ लम्बे चले संघर्ष और स्थानीय बाशिंदों के जीत के बारे में डा शेख़ ग़ुलाम रसूल ने सभा को बताया और हसदेव के संघर्ष को समर्थन जताया।
लोरमी विधायक धर्मजीत ने अपनी बात रखते हुए संघर्ष के साथियों को अड़ानी के दलालों से सावधान रहने के लिए चेताया। उन्होंने राहुल गांधी को मदनपुर में किया वादा याद दिलाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अगले चुनाव में जनता सरकार को सबक़ सिखाएगी। अपनी प्रतिबद्दता दुहराते हुए उन्होंने हमेशा संघर्ष के साथ खड़े रहने की बात की।
*मेधा पाटकर* ने अपने सम्बोधन में कहा की छत्तीसगढ़ की जनवादी संघर्ष की परम्परा रही है। वह हसदेव के संघर्ष की जीवटता व प्रतिबद्दहता को प्रणाम करती है। उन्होंने अड़ानी व उन जैसे पूँजीपतियों को संरक्षण व समर्थन देने वाली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा की सरकारें अब सविधान और जनता से आँखे फेर चुकी है।पर लोग अब स्मविधान की रक्षा में खड़े है।
उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही है।