फैशनेबल कार्ड के बीच, आज भी कायम है, हल्दी चावल से विवाह न्योता की परम्परा….

जशपुर✍️जितेन्द्र गुप्ता

फैशनेबल कार्ड के बीच, आज भी कायम है, हल्दी चावल से विवाह न्योता की परम्परा।

जशपुरनगर- कभी पीले चावल, हल्दी और सुपाड़ी से शादी-ब्याह का न्योता भेजा जाता था.बदलते वक्त के साथ यह कार्ड में तब्दील हुआ और अब डिजाइनिंग कार्ड से लेकर चांदी के तार मढ़े कार्ड भी. इन सबके बीच ग्रामीण इलाके में हल्दी लगे चावल से न्योता देने की परंपरा आज भी बरकरार है।

बुजुर्ग ने नाती के शादी में पिले चावल से दिया न्योता
ब्लॉक बगीचा के महुवाडीह गांव में एक बुजुर्ग ने दोने में हल्दी चावल लेकर पूरे गांव को न्योता दिया है.दरअसल उनके नाती अनिरुद्ध की शादी है. बुजुर्ग कहते हैं। कि हल्दी चावल से न्योता देना बेहद शुभ माना जाता है। और यह एक परम्परा भी है. जिसका निर्वहन वह कर रहे हैं। बुजुर्ग ने बतया कि उनका नाती कार्ड से स्वजनों को न्योता भेजवाना चाहता था. लेकिन हल्दी चावल का महत्व बताने के बाद वह मान गया. जिससे उनके पैसे कि बचत हुई और शुभ परम्परा भी कायम रख सके हैं।

क्या कहते हैं जानकार
ग्रामीण के बीच गहरी पैठ रखने वाले महादेवडांड निवासी संजय पाठक कहते हैं कि गांव में चाहे जितना फैशनेबल कार्ड भेजा जाए, उसके साथ हल्दी की एक डली और हल्दी में रंगा चावल भेजना अनिवार्य है. इसके भी मायने-मतलब हैं यदि सिर्फ हल्दी-चावल भेजा जाता है तो आप सिर्फ शादी में शरीक होने का निमंत्रण है।