आखिर कोयला चोरी मामले में कब तक जाते रहेगी जान, थाना प्रभारी ने खुली खदान को जेसीबी से कराया बंद…..

 

*कोयला चोरी के दौरान कई बार घट चुकी है घटना जा चुकी जान फिर भी अवैध उत्खनन बंद होने का नाम नहीं।

* एसईसीएल प्रबंधक नहीं मानता अपनी गलती फिर अवैध उत्खनन का जिम्मेदार है कौन |

*क्यों जान जोखिम में डालकर क्षेत्र के लोग चोरी करते हैं कोयला आखिर क्या है ऐसी मजबूरी क्या इसके पीछे कोल माफियाओं का हाथ।

*वहीं यह भी आरोप है कि एसईसीएल के कुछ कर्मचारी के सह पर होता है अवैध उत्खनन।

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर। जिले के भटगांव थाना क्षेत्र में एसईसीएल की बंद पड़ी खुली खदान से आए दिन लोग अवैध उत्खनन कर कोयले की चोरी कर कोयले को अच्छे दामों पर बाहर बेचते हैं ऐसा माना जाता है कि यह कोयला माफिया के इशारे पर निकाला जाता है फिर यह कोयला उन्हीं को दिया जाता है जो जान जोखिम में डालकर कोयला निकालने के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर उसके एवज में अच्छा पैसा देता है, इस अवैध कारोबार में कई बार जान भी जा चुकी है फिर भी यह अवैध काम बंद होने का नाम नहीं लेता ऐसा लगता है कि इस काम का नशा सा लोगों को हो गया है जो बिना इस काम के रह नहीं सकते भले ही जान क्यों ना चली जाए, यही वजह है कि इस धंधे में लिप्त लोगों को अपनी जान की परवाह भी नहीं है। चंद रुपयों के लिए वे जान भी गंवा रहे हैं। ऐसा ही मामला गुरुवार की देर रात कोयला चोरी करने के दौरान सामने आया। बंद खदान से अवैध कोयला निकालने के दौरान अचानक मिट्टी धसकने से मलबे में दबकर 2 युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को मलबे से निकालकर पीएम के लिए भिजवाया। मामले में पुलिस जांच में जुटी है।
मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की रात एसईसीएल भटगांव की बन्द पड़ी दुग्गा खुली खदान में ग्राम बैजनाथपुर निवासी रामकेश्वर राजवाड़े और सुखलाल राजवाड़े अवैध उत्खनन कर कोयला चोरी करने गए थे। यहां कोयला निकालने के दौरान ऊपर की मिट्टी अचानक धसक गई, इससे दोनों युवक मलबे के नीचे दब गए व मौके पर ही दोनों की मौत हो गई।
इसकी सूचना पर भटगांव पुलिस मौके पर पहुंची, देर रात दोनों के शव को ग्रामीणों के मदद से बाहर निकाल लिया गया। शुक्रवार को पुलिस ने शवों का पीएम कराकर परिजनों को सौंप दिया।

* लगातार की जा रही कोयले की चोरी-

गौरतलब है कि भटगांव क्षेत्र में बंद पड़ी खुली खदान से अक्सर कोयला चोरी करने की बात सामने आती रहती है। आरोप लगता है कि एसईसीएल के कुछ कर्मचारी शह पर ऐसी गतिविधियां हो रहीं हैं। आए दिन कोयले की चोरी हो रहे है। कोयला चोरी करने लोग अपनी जान की परवाह किए बिना बेधड़क बंद पड़ी खदानों में घुस रहे हैं। पहले भी कोयला चोरी के दौरान कई लोग काल के गाल में समा चुके हैं, इसके बावजूद वे चंद रुपए कमाने जान जोखिम में डाल रहे हैं। लेकिन जब पुलिस पर आरोप तब सही लगता जब पुलिस इस और कोई पहल नहीं करता भटगांव थाना प्रभारी विमलेश सिंह ने जीएम को कई बार पत्राचार कर एसईसीएल प्रबंधन को अवैध खदान बंद करने का आग्रह किया पर एसईसीएल प्रबंधन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। लगता है पुलिस के आवेदनों को कचरे के डब्बे में डाल दिया जाता हे आज उसी का नतीजा है कि दो लोग की जान फिर चली गई यदि एसईसीएल प्रबंधन पुलिस के पत्र को गंभीरता से लेता तो शायद यह दोनों की जान नहीं जाती,

* भटगांव थाना प्रभारी मौके पर पहुंचकर जेसीबी से खुली खदान को करवाया बंद-

घटना के बाद थाना भटगांव के बंद पड़ी खुली खदान दुग्गा ocm में ग्रामीण द्वारा कोयला उत्खनन के लिए बनाए गए सुरंग नुमा मुहाडे को जेसीबी की मदद से मिट्टी से फीलिंग कराकर बंद कराया अब देखना यह होगा कि कब तक यहां पर अवैध उत्खनन व कोयले की चोरी बंद रहेगी?

जब भी अवैध कोयला की सूचना मिलती है तो तत्काल पुलिस कार्रवाई करती है हमने एसीसीएल प्रबंधक को कई बार पत्राचार किया लेकिन एसईसीएल प्रबंधन इस ओर कोई ध्यान नहीं देता

विमलेश सिंह थाना प्रभारी भटगांव