जिले में मात्रात्मक एवं गुणात्मक सुधार तथा प्रभावी शिक्षण हेतु प्रशिक्षण सह कार्यशाला का हुआ आयोजन……

 

 

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर/  संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सरगुजा संभाग, श्री हेमन्त उपाध्याय की अध्यक्षता में सूरजपुर जिले के जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मिशन समन्वयक, एडीपीओ समग्र शिक्षा, सहा. संचालक, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, सहा. विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक, समस्त प्राचार्य एवं समस्त संकुल स्त्रोत समन्वयकों का आज 26 मई 2022 को कारमेल कॉन्वेन्ट स्कूल विश्रामपुर के सभागार में जिले में शिक्षा गुणवत्ता के सुधार हेतु एक दिवसीय बैठक सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। आयोजित कार्यशाला में संयुक्त संचालक द्वारा शिक्षा तथा शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार एवं कसावट के लिये संकुल स्तर से लेकर विकासखण्ड एवं जिला स्तर से मॉनिटरिंग व्यवस्था पर प्रकाश डाला गया। विभिन्न स्तरों पर शालाओ के सघन मॉनिटरिंग एवं बोर्ड परीक्षाओं में शत-प्रतिशत सफलता प्राप्त करने तथा प्रवीण्य सूची में जिले के विद्यार्थियों को स्थान दिलाने हेतु प्रयास किये जाने के लिये बिन्दुवार चर्चा किया गया। इनके द्वारा बालकों की महत्ता साबित करते हुए कि विद्यालय में अध्ययनरत सभी बालक देव तुल्य हैं अतः उनकी सेवा करना तथा उनके हित में काम करना उन्हें अच्छी शिक्षा दीक्षा दिलाना देव पूजा है। सभी विद्यालयों में बालः देवो भव एवं लक्ष्य एक सरगुजा श्रेष्ठ का लेखन कार्य किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। प्रशिक्षण के अगले पायदान पर श्री योगेन्द्र तिवारी, मध्यान्ह भोजन निरीक्षक के द्वारा प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में अध्ययनरत बालकों को दिये जाने वाले मध्यान्ह भोजन से संबंधित समस्याओं एवं उसके निदान के बारे में बताया गया साथ ही संयुक्त संचालक कार्यालय के सहा. संचालक श्री आशीष कुमार दुबे द्वारा कार्यालयीन एवं आर.टी.ई. के तहत अध्ययनरत छात्र, छात्राओं एवं नोडल प्राचार्यों के द्वारा अपने कार्यालयीन कार्यों के साथ-साथ आने वाली समस्याओं एवं उसके समाधान पर सविस्तार प्रकाश डाला गया। आयोजित कार्यशाला में जिला शिक्षा अधिकारी श्री विनोद कुमार राय, जिला मिशन समन्वयक शशिकान्त सिंह, एडीपीओ रविन्द्र सिंह देव, सहा. परियोजना समन्वयक शोभनाथ चौबे, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी विनोद दुबे, सहा. विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सुनिल कुमार पोर्तें, बीआरपी सुदर्शन राजवाड़े आदि अन्य संकुल स्त्रोत समन्वयकों का सराहनीय योगदान रहा। इस कार्यशाला में लगभग 500 अधिकारी, कर्मचारियों ने भाग लिया।