शासकीय भूमि में अवैध कब्जा हटाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, बोले गलत तरीके से जमीन को किया गया है चयनित…..

 

 

शमरोज खान सूरजपुर

सुरजपुर। जिले के कई जगहों पर प्रशासन का अतिक्रमण हटाने में कार्यवाही दिख रहा है। किंतु कई गांवों में ग्रामीणों के शिकायत के बाद भी राजस्व अमला गहरी निद्रा में सोई हुई प्रतीत होता है। शिकायत के बाद भी अतिक्रमण पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही करने हाथ पांव फूलने लगता है। ग्रामीणो ने क्लेक्टर को शिकायत देकर अतिक्रमण हटाने की मांग की है। कार्यवाही नही होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

गौरतलब है कि प्रतापपुर विकास खण्ड के ग्राम पंचायत केरता के ग्रामीणों ने 12 अप्रैल को क्लेक्टर को दिए लिखित शिकायत में बताया कि गाँव के बाजार पारा में शासकीय भूमि खसरा न. 980, 933, 985, 975, 976, 977, 974 है। उक्त खसरा नम्बर में ही शासकीय प्राथमिक शाला, शा. माध्यमिक शाला स्कूल है। इस परिसर में स्कूल के बच्चों के लिए खेल मैदान आरक्षित है। साथ ही इसी परिसर में शासकीय उचित मूल्य दुकान का भवन है। उक्त भूमि में स्वास्थ्य विभाग द्वारा भवन का निर्माण कराया जा रहा है। जो नव निर्मित है। उक्त निर्माण के लिए भूमि का चयन सही तरीके से नही किया गया है। जिस जगह पर निर्माण कराया जा रहा वो बीच का जगह है। जबकि विभाग के शासकीय ऊचीत मूल्य दुकान के खंडहर भवन के समीप में एक किनारे निर्माण कराया जाना चाहिए था। किन्तु तकनीकी विशेषज्ञ द्वारा साइड चयन करने में लापरवाही बरता गया है।

आगे बताया कि उक्त खसरा नम्बरो में बाहरी व्यक्ति द्वारा अवैध अतिक्रमण करके बड़े – बड़े बिल्डिंग का निर्माण कर किराया में दिया गया है तो वहीं कुछ निर्माणाधीन है। उक्त भूमि में अवैध अतिक्रमण नही हटाया गया तो भविष्य में शासकीय भूमि शासन के योजनाओं के लिए नही मिलेगा साथ ही प्रति गुरुवार को लगने वाले साप्ताहिक बाजार सिकुड़ जायेगा। साथ ही बच्चो के खेलने के लिए स्कूल ग्राउंड नही बचेगा। आगे लिखते हैं कि अवैध अतिक्रमण करने वालो पर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा मना करने राजनीतिक धौश दिखाकर गाली गलौच, लड़ाई झगड़ा किया जाता है। जिसका पुलिस चौकी खड़गवा में पूर्व भी शिकायत किया जा चुका है।

इससे पूर्व भी स्थानीय ग्रामीणों द्वारा अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर क्लेक्टर को ज्ञापन शौपा गया है। जिसके बाद भी प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नही किया गया है देखना यह है जिला प्रशासन कब कार्यवाही करता है