केनापारा पोखरी में किया गया राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन का पूर्वाभ्यास, जोखिम में फंसे लोगों की सुरक्षा आपदा टीम की पहली प्राथमिकता – कलेक्टर

 

 

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर/ भारत सरकार राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छ.ग. राज्य शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देशानुसार कलेक्टर सुश्री इफ्फत आरा के उपस्थिति में आज जयनगर स्थित केनापारा पोखरी में बाढ़ आपदा एवं भूकम्प से राहत के लिए होमगार्ड, अग्निशमन एवं एसडीआरएफ ने संयुक्त रूप से मॉक ड्रील का अभ्याय किया।

सर्वप्रथम नोडल अधिकारी नन्द जी पाण्डेय डिप्टी कलेक्टर के द्वारा सर्च एण्ड रेस्क्यू टीम के प्रभारी विकास कुमार शुक्ला को सूचना दिया गया कि केनापारा पोखरी में जल का स्तर बढ जाने से कुछ लोग पोखरी में फंसे है। सूचना मिलने पर सर्च एण्ड रेस्क्यू प्रभारी द्वारा तत्काल बचाव दल को खबर कर मौके पर बुलाया गया। बाढ़ग्रस्त एरिया में फंसे 20 लोगों को एसडीआरएफ टीम के द्वारा बारी, बारी से दो मोटर बोट के माध्यम से एवं रेस्क्यू गोताखारों के द्वारा डूब रहे लोगों को सुरक्षित निकाल कर प्राथमिक उपचार उपरांत एम्बुलेंस एवं बस के माध्यम से रिलिफ कैम्प तक पहुचाया गया। मॉक ड्रिल के दौरान भूकंप आने का ट्रिगर मिला। तीव्रता 7.2 रिक्टर पैमाने के भूकंप से केनापारा पोखरी के समीप मेला स्थल भी प्रभावित हुआ। जिससे भगदड़ बच गयी। जिसमें होमगार्ड, अग्निशमन एवं एसडीआरएफ ने संयुक्त रूप के समन्वय से आपदा से निपटने का सफल अभ्यास किया गया। मेले में लगभग 100 लोगों की भीड़ थी जिसे रेस्क्यू कर बचाया गया। बाढ़ की स्थिति में छत पर फंसे लोगों को निकालने के लिए फायर टीम मौके पर पहुंची। फायर की गाड़ी भवन तक न पहुचने पर फायर की टीम के द्वारा फायरमैन लिफ्ट के माध्यम से छत में फंसे 3 लोगों स्लाइडिंग रेस्क्यू कर बचाया गया तथा उन्हें तत्काल एम्बुलेंस के माध्यम से रिलिफ कैम्प तक पहुंचाया गया। जयनगर स्कूल भवन परिसर में स्थित पंचायत भवन को स्टेजिंग एरिया बनाया गया था जिसमें लोगों के आने की जानकारी, उनके नास्ता एवं भोजन, पेयजल की व्यवस्था की गयी थी। इसके साथ ही आपदा स्थिति को देखते हुए हेलीपेड एवं राहत कक्ष बनाया गया था।

रिलिफ कैम्प की जानकारी अनुसार गम्भीर रूप से घायल 16 लोगों का उपचार किया गया। वहीं 70 लोगों को बाढ़ एवं भूकम्प से सुरक्षित निकाला गया। इसमें किसी प्रकार की जान माल की हानी नहीं हुई है। इस दौरान अनियत्रित भीड़ को पुलिस बल के द्वारा नियंत्रित किया गया। इसके अलावा जवानों ने परंपरागत तरीके से निर्मित गांव में उपलब्ध सामानों से बचाव के उपकरण तैयार करने एवं बचाने के तरीके भी बताएं।

मॉक ड्रिल में आज प्रभारी अधिकारी उप निरीक्षक राकेश पांडे, मेजर श्री बीरबल गुप्ता, बृजबिहारी गुुप्ता, मो. इरफान अन्सारी, उमेश जायसवाल, चन्दन सिंह, मृत्युंजय पाण्डेय, रूपेश वर्मा, रंग साय सिंह, विजय सिंह, मनोहर सिंह, गुरू बृजेश्वर सिंह, संतोष शर्मा, राजेश खेस का कार्य सराहनीह रहा।
कलेक्टर सुश्री इफ्फत आरा के द्वारा मॉक ड्रिल से संबंधित समस्त गतिविधियों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण उपरांत उन्होंने बाढ़ आपदा एवं बचाव की टीम को स्वयं का बचाव करते हुए आपातकालीन सेवा कर समय में बेहतर प्रबंधन कर जोखिम में फंसे व्यक्तियों का जान बचाने के लिए जवानों की हौसला अफजाई की।

इस दौरान संयुक्त कलेक्टर सुश्री प्रियंका वर्मा, नरेन्द्र पैकरा, एसडीएम रवि सिंह, डिप्टी कलेक्टर सुश्री वर्षा बंसल, तहसीलदार संजय राठौर, पूनम रश्मि तिग्गा, सुश्री हिना टण्डन, अंकिता तिवारी, जनपद सीईओ आंकाक्षा त्रिपाठी, बिहारी लाल राजवाड़े, भूपेन्द्र कुर्रे, ईई पीएचई एस.बी. सिंह एवं जिला के अधिकारी कर्मचारी सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे।