शहीद नीलांबर पितांबर की शहादत दिवस समारोह का आयोजन किया गया….

शहीद नीलांबर पितांबर की शहादत दिवस समारोह का आयोजन किया गया….
 सत्येंद्र कुमार केसरी ,,, भंडरिया
भंडरिया  गढ़वा जिला अंतर्गत भंडरिया के अंडा महुआ चौक में शहीद नीलांबर पितांबर के प्रतिमा पर मुख्य अतिथि समाजसेवी आनंदी सिंह प्रेम स्टार पन्ना के द्वारा  माल्यार्पण किया गया। शहीद दिवस मनाने के लिए शहीद के वंशज और अनेकों समाजसेवी एवं गणमान्य मौजूद थे तथा भारी संख्या में आम नागरिक उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाएं आगे बताते चलें कि शहीद नीलांबर पितांबर अपनी वीरता से देश की आजादी के लिए पहली क्रांति के दौरान अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे दोनों भाइयों के नेतृत्व में काफी संख्या में ग्रामीण आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़े इन लोगों के आंदोलन में अंग्रेजों को काफी नुकसान हुआ डाल्टन के विद्रोही बंदी के सहयोग से 13 फरवरी 1858 ईस्वी को नीलांबर पितांबर के जन्म भूमि में प्रवेश किया नीलांबर पितांबर का दल अंग्रेजों को देख चेमू गांव छोड़कर जंगल के तिहलों से वार करने लगे इसी बीच रामगढ़ के एक दफादार मारा गया शहजाद से आने वाले विद्रोहियों को रोकने का काम कर्नल टर्नर को सौंपा गया इस कार्रवाई से जागीरदारों ने नीलांबर पितांबर को सहयोग देना बंद कर दिया अंग्रेज खरवार एवं चेरों के बीच में फूट डालने में सफल रहे परिणाम स्वरूप नीलांबर पितांबर को इस क्षेत्र को छोड़ना पड़ा चेरो जाति से अलग हुए खरवार भोगता पर 8  फरवरी से 23 फरवरी तक लगातार हमले किए गए जिससे इनकी शक्ति समाप्त हो गई जासूसों की सूचना पर अंग्रेजी सेना ने पलामू में आंदोलन के सूत्रधार नीलांबर पितांबर को एक संबंधी के यहां से गिरफ्तार कर बिना मुकदमा चलाए ही 28 मार्च 1859 को लेस्लीगंज पहाड़ की चट्टान गुफा में फांसी दे दी गई नीलांबर के मात्र 1 पुत्र थे जिसका नाम साजन था साजन के 4 पुत्र हुए  आलिया रोवन समारू और पुरण चारों में से तीन का एक एक औलाद हुआ और एक बिना औलाद का था आज भी शहीद नीलांबर पितांबर का वंशज मौजूद है देश को आजाद दिलाने में अहम भूमिका निभाई है इसीलिए शहीद दिवस 28 मार्च को मनाया जाता है।