KATGHORA: पत्रकारिता के नाम पर ग्रामीणों को डरा-धमकाकर फ़र्जी लोग कर रहें जिले में अवैध उगाही…

साकेत वर्मा, कटघोरा :- कोरबा जिले के कटघोरा थानाक्षेत्र में पत्रकारिता के नाम से फ़र्जी लोग कर रहे अवैध वसूली का धंधा, जिस व्यक्ति को समाचार का पहला अक्षर ‘स’ लिखना नही आता वो व्यक्ति क्षेत्र में कर रहा पत्रकारिता को बदनाम उसको पत्रकारिता क्या हैं ..? पूछने पर तो उसे खुद भी मालूम नहीं केवल और केवल लोगों को डरा-धमका के ग्रामीणों से पैसा वसूली करना ही पत्रकारिता है। यही समझकर क्षेत्र में लोगों को डरा-धमकाकर अवैध रूप से पैसा उगाही जोरों पर हैैंं।

धौंस-धपट के साथ अवैध वसूली ने पत्रकारिता जगत को किया कलंकित – पत्रकारिता जगत के लिए पिछले दो सालों में वेबपोर्टलों ने अनेक समस्याएं खड़ी कर दी है। हर रोज धौंस-धपट के साथ अवैध वसूली की खबरों ने पत्रकारिता जगत को कलंकित कर दिया है। प्रदेश और देशभर में इन दिनों पत्रकारिता की आड़ में अवैध वसूली करने वालों की बाढ़-सी आ गई हैैं। अपने आप को न्यूज़ वेबसाइट के पत्रकार बताकर लोगों से अवैध वसूली के मामले काफी बढ़ते जा रहे है। कुछ ऐसे फर्जी लोग खुद को जिला पत्रकार या संभाग पत्रकार समझते है लेकिन उनको कोई भी विषय मे समाचार लिखने को बोलो तो वह नहीं लिख पता, आवेदन नही बना पाता ऐसे लोग कटघोरा थाना क्षेत्र में केवल और केवल उगाही का कार्य जानते हैं और वही प्रतिदिन करते भी हैं, इससे ईमानदार पत्रकारों पर भी लोगों का भरोसा उठते जा रहा है। ऐसे फर्जी लोग अपने आपको पत्रकार बताकर रुपये कमाने के लिए हर तरह के हथकंडा अपनाते है। फर्जी वेबपोर्टल बनाकर सड़कों पर घूमने वाले पत्रकार लोगों से अवैध वसूली के नाम पर धब्बा लगा देते है। लोगों को धमकाकर वसूली करने वाले वेबपोर्टलों के पत्रकार हर दिन कोई न कोई कारनामा करते ही है।

आर.एन.आई और डी.पी.आर में पंजीयन हो अनिवार्य – पत्रकारिता के ग्लेमर को भुनाने के लिए पिछले दो सालों में वेबपोर्टलों की बाढ़ ने अवैध वसूली जैसे करप्शन को जन्म दिया है। खबरों के नाम पर धौस-धपट, धमकी-चमकी को संज्ञान में लेकर सरकार को उन्ही वेब पोर्टलों को अधिकृत सूची में शामिल करना चाहिए। जिनका आर.एन.आई. और डी.पी.आर. में पंजीयन हुआ हो उन्हें ही वेबपोर्टल संचालन की अनुमति देनी चाहिए। साथ ही अपंजीकृत वेबपोर्टलों कड़ी नजर रखते हुए उनपर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जिससे फर्जी वेबपोर्टलों और अवैध वसूली पर कानूनन रोक लगाई जा सके।

जिले में यदि कोई भी पत्रकारिता के नाम से किसी भी प्रकार की अवैध वसूली करता हैं तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। गौरतलब है कि कोरबा जिले में पत्रकारिता के नाम पर लोगों से अवैध वसूली कर रहे हैं। इसी प्रकार अवैध वसूली की शिकायत भी फ़र्जी पत्रकार खुद अपने आपको बड़े पत्रकार समझकर पोस्ट के माध्यम से स्वच्छ छवि के पत्रकारों को बदनाम करने की कोशिश लगातार करते रहते है। उसको लगता है कि मैं बड़ा पत्रकार हूँ बांकी सब अल्लू-ख़ल्लु हैैं यह समझकर पोस्ट के माध्यम से शिकायत करता हैैं खुद को तो पत्रकारिता का सही मायने मालूम नही और समझते हैं बड़े पत्रकार”, ऐसे कई सवाल आ रहे है पत्रकारिता में जो क्षेत्र में ग्रामीणों को डरा-धमकाकर पैसा उगाही का कोई पहला मामला नहीं है। स्वच्छ पत्रकारिता करने वाले व्यक्ति को धूमिल करने का प्रयास भी किया जाता है और पोस्ट के माध्यम से शिकायत भी करवाया जाता हैं और ऐसे फर्जी तथाकथित पत्रकार अपने -आपको मास्टरमाइंड समझते हैैं।