पालतू पशु व जानवरों में होने वाले रोग से निजात हेतु जिले में चल रहा पीपीआर प्रतिबंधात्मक टीकाकरण…..

 

 

* जिले में भेड़-बकरियों एवं गौवंशीय व भैंसवंशीय पशुओं का किया जा रहा टीकाकरण.

शमरोज खान सूरजपुर
सूरजपुर/ पीपीआर विषाणु जनित भेड़-बकरियों में होने वाला एक विषाणु (वायरस) संक्रामक रोग है। यह रोग इतना खतरनाक है कि एक सप्ताह के अन्दर पशुओं की मृत्यु हो जाती है। इस रोग में तेज बुखार के साथ-साथ सर्दी, खासी के साथ-साथ निमोनिया, ऑख एवं नाक से पानी का स्त्राव जो बाद में गाढा होकर नाक में जम जाता है जिससे पशुओं को सांस लेने में दिक्कत, मसुड़ो में छाले एवं पहला बदबुदार दस्त जिसके कारण मेमनो में मृत्यु दर अधिक पाई जाती है तथा गाभीन बकरियों में गर्भपात हो जाता है ये इसके लक्षण है। इसके रोकथाम के लिए बाहर से लाये गये पशुओं को अलग रखना, बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरन्त समीप के पशु चिकित्सा अधिकारी को सूचित कर उपचार प्रारंभ करना चाहिए। पशुओं में पीपीआर से बचाव हेतु उत्तम उपाय प्रतिबंधात्मक टीकाकरण है। पीपीआर का टीकाकरण 04 माह के आयु से प्रतिवर्ष पशुओं में किया जाता है। जिले में भेड़-बकरी के प्रजाति के सभी पशुओं के पीपीआर टीकाकरण हेतु प्रतिबंधात्मक टीकाकरण 20 मई से 20 जून .2022 तक किया जा रहा है। सभी पशु पालकों से अनुरोध किया जाता है कि अपने सभी 04 माह से उपर भेड़-बकरियों का टीकाकरण अवश्य करायें।

गौवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुओं को दिया जा रहा एचएस एवं बीक्यू टीका

बरसात के मौसम में पशुओं में गलघोंटू एवं एकटंगिया का खतरा बड़ जाता है। वर्षा ऋतु से पूर्व गौवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुओं में गलघोंटू एवं एकटंगिया बीमारी से बचाव हेतु जिले में सघन टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। गलघोंटू एवं एकटंगिया दोनों जीवाणु जनित रोग है। गलघोंटू बीमारी में पशुओं को तेज बुधार, ऑखों में सुजन के साथ-साथ गले में संक्रमण होता है। जिससे पशु को सांस लेने में तकलीफ होती है एवं घर्र-घर्र के आवाज के साथ मुंह से लगातार लार बहने लगता है। एकटंगिया बीमारी में भी तेज बुखार होता है। साथ में जांघ की मांसपेशी में दर्दयुक्त सुजन होता है जिसे दबाने पर चर्र-चर्र की आवाज आती है जिससे पशु को चलने में परेशानी होती है। एकटंगिया रोग के लिये 04 माह से 02 वर्ष के पशु अति संवेदनशील होते है, जबकि गलघोंटू 04 माह के उपर के सभी पशुओं में होने की संभावना रहता है।

जिले में गलघोंटू एवं एकटंगिया टीकाकरण अभियान चल रहा है जिसमें सभी गौवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुओं में एचएस व बीक्यू का टीका मुफ्त में पशुधन विकास विभाग द्वारा लगाया जा रहा है। सभी पशुपालकों से अनुरोध किया गया है कि एचएस व बीक्यू प्रतिबंधात्मक टीकाकरण कराकर होने वाले बीमारी एवं आर्थिक हानि से बचें।