छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की एक दिवसीय ओरियेंटेशन प्रोग्राम सम्पन्न, किसी भी कार्य को करने के लिए उसका मैदानी रूप में क्रियान्वयन न किया जाये तब तक उसका लाभ नहीं मिलता:- न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी

छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की एक दिवसीय ओरियेंटेशन प्रोग्राम सम्पन्न,
किसी भी कार्य को करने के लिए उसका मैदानी रूप में क्रियान्वयन न किया जाये तब तक उसका लाभ नहीं मिलता:- न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी

बलरामपुर :- अब्दुल रशीद

आप हमारा हाथ पकड़िये विधिक सेवा संस्थान आपके साथ काम करेगा, इससे अधिवक्ताओं को एक आत्मसंतोष प्राप्त होगा। थॉमस हॉस की पुस्तक इन डिफेंस ह्यूमन यूज पढ़े। किसी भी कार्य को करने के लिए उसका मैदानी रूप में क्रियान्वयन न किया जाये तब तक उसका लाभ नहीं मिलता। उपरोक्त विचार छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ बिलासपुर के संयुक्त तत्वाधान में उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं एवं पैनल अधिवक्ताओं का विधिक सेवा का लाभ आमजन को सरलता से उपलब्ध कराये जाने के प्रायोजन से एक दिवसीय ओरियेंटेशन प्रोग्राम का शुभारंभ करते हुए व्यक्त किये।
गौतम भादुड़ी ने कहा कि अधिवक्तागण विधिक सेवा से संबंधित न्याय बंधु मोबाईल एप्प से जुड़कर प्रो-बोनो लीगल सर्विसेस के तहत् अपना पंजीयन कराकर उसके माध्यम से कुछ प्रकरणों में जरूरमंदों को उनके प्रकरणों में निःशुल्क विधिक सलाह एवं सहायता प्रदान करना, नये अधिवक्ताओं को ज्ञान अर्जित करने हेतु वरिष्ठ अधिवक्ताओं से प्रकरणों के संबंध में चर्चा किये जाने की बात कही। उन्होंने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न अभियानों जैसे अभियान करूणा, उम्मीद, आसरा, सचेत, मुआवजा, उमुक्त आदि का जिक्र करते हुए कहा कि अभियान करूणा के तहत् वरिष्ठजनों को उनके परिवार में सम्मान सहित रहने, अभियान उम्मीद में मानसिक मरीजों जो स्वस्थ हो चुके हैं उन्हें उनके परिवार से मिलाने की कार्यवाही के बारे में बताया। इन सभी अभियानों से जुड़कर अधिवक्तागण कार्य करें तो उन्हें आत्मसंतुष्टि प्राप्त होगी।
ओरियेंटेंशन कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उच्च न्यायालय विधिव सेवा समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति संजय एस.अग्रवाल ने संबोधित करते हुए कहा कि गरीबी एवं अशिक्षा के कारण लोग न्याय पाने से वंचित हो जाते हैं। संविधान के अनुच्छेद 39 के अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जाता है कि सभी लोगों को न्याय पाने का अधिकार है। विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 में राष्ट्रीय, राज्य एवं जिला स्तर पर निःशुल्क विधिक सहायता दिलाये जाने का प्रावधान है। अधिवक्तागण जो विधिक सेवा के तहत् उन्हें प्रकरण प्राप्त होते हैं उसमें वे प्रभावी एवं गंभीरता के साथ कार्य करें। प्रकरणों से संबंधित दस्तावेज उन्हें प्राप्त नहीं होते हैं, तो वे इसके लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण या उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति से सहयोग ले सकते हैं। नये अधिवक्ताओं से कहा कि वे अपने समय का सदुपयोग करते हुए ऐसे कार्य में व्यस्त रहें तथा आज के कार्यक्रम में दिये गये जानकारी को आत्मसात कते हुए उसका लाभ लें।
कार्यक्रम का स्वागत उद्बोधन छत्तीसगढ़ राज्य न्यायलय के अध्यक्ष श्री अब्दुल वहाब खान ने करते हुए कहा कि गरीब व्यक्ति पैसे की कमी के कारण न्याय से वंचित न रहे उन्हें सरल एवं सुविधापूर्ण न्याय दिलाने के लिए अधिवक्ता संघ के प्रत्येक अधिवक्ता सतत् पर्यत्नशील है और वे इसे एक अभियान के रूप में चलाकर कार्य करने के लिए उत्साहित भी है। अध्यक्ष ने कहा कि इस भीषण गर्मी में भी अधिवक्तागण टीम बनाकर सायकल रैली के माध्यम से घर-घर जाकर जरूरमंद व्यक्तियों से मिलकर उन्हें सरल सुलभ न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे और वे स्वयं भी इसमें शामिल रहेंगे।

जिला प्रतिनिधि बलरामपुर