प्रोजेक्ट ‘उन्नति’ के जरिए मनरेगा मजदूर से स्वरोजगार तक का सफर तय करने वाले प्रदेश के 6 श्रमिक होंगे सम्मानित….

 

* केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा 24 मार्च को नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में किया जाएगा सम्मान.

रायपुर.

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत मनरेगा मजदूर से स्वरोजगार तक का सफर तय करने वाले प्रदेश के छह श्रमिकों का सम्मान किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2018-19 में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के अंतर्गत 100 दिनों का रोजगार हासिल करने वाले परिवारों के इन श्रमिकों को प्रोजेक्ट ‘उन्नति’ के माध्यम से कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार के लिए तैयार किया गया है। इन सभी को अपने-अपने जिले में स्थित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (R-SETI) में प्रशिक्षण प्रदान किया गया था। देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत देश भर से प्रोजेक्ट ‘उन्नति’ के 75 हितग्राहियों को सम्मानित किया जा रहा है।

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा 24 मार्च को नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में प्रोजेक्ट ‘उन्नति’ में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद मशरूम उत्पादन का स्वरोजगार करने वाली  धमतरी जिले के धमतरी विकासखण्ड की भनपुरी ग्राम पंचायत की श्रीमती नीतू बाई साहू तथा मोमबत्ती बनाने का काम शुरू करने वाली सारंगपुरी पंचायत की श्रीमती फूलवंती कंवर को सम्मानित किया जाएगा। कौशल उन्नयन के बाद सिलाई का काम कर रही गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर विकासखण्ड की लोहरसी की सुश्री गीतांजली ध्रुव और पतोरा पंचायत की सुश्री ओमेश्वरी कंवर को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। आर-सेट्टी (R-SETI) में प्रशिक्षण लेकर बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करने वाले कोरिया जिले के सोनहत विकासखण्ड के पोड़ी ग्राम पंचायत के कृष्ण कुमार एवं मोबाइल रिपेयरिंग का काम कर रहे महासमुंद जिले के बसना विकासखण्ड के दुर्गापाली के बिमल साव को भी नई दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा।

* प्रोजेक्ट ‘उन्नति’

“प्रोजेक्ट उन्नति” केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के मनरेगा डिवीजन द्वारा शुरू किया गया एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है, जो राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और मनरेगा के परस्पर समन्वय से संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मनरेगा के अन्तर्गत कार्य कर रहे ग्रामीण परिवारों के सदस्यों को उनकी रूचि के आधार पर प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार एवं स्वरोजगार के काबिल बनाना है। इसके तहत वित्तीय वर्ष 2018-19 में 100 दिनों का रोजगार हासिल करने वाले परिवार के किसी एक सदस्य को जिनकी आयु 18 से 45 वर्ष के बीच है, स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण मुहैया कराया जाता है।