मुख्यमंत्री ने वर्चुअल के माध्यम से किया छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि योजना का शुभारम्भ, ग्रामीण क्षेत्रों के तीज-त्योहारों की संस्कृति एवं परंपरा का होगा संरक्षण….

 

 

 

* प्रत्येक ग्राम पंचायत को दो किस्तों में मिलेगी 10-10 हजार रुपए की राशि.

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर/  आज राज्य शासन द्वारा प्रदेश के सामुदायिक विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों के तीज त्यौहार, संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री भूपेष बघेल द्वारा ‘मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि‘ योजना प्रारंभ किया गया।

मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से योजना का प्रारंभ करते हुए प्रदेष की जनता को योजना का उद्देश्य बताते हुए कहा कि प्रदेश के गैर-अनुसूचित ग्रामीण क्षेत्रों के तीज-त्यौहारों की संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करना और इन त्यौहारों, उत्सवों का मूल स्वरूप में आगामी पीढ़ी को हस्तांतरण तथा सांस्कृतिक परंपराओं का अभिलेखन करना है। सामुदायिक क्षेत्रों के गांवों में स्थानीय उत्सवों, त्यौहारों, मेला-मड़ई का विशेष महत्व रहता है। ऐसे सभी उत्सवों, त्यौहारों, सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रत्येक ग्राम पंचायत को राशि उपलब्ध करायी जायेगी। योजना की इकाई ग्राम पंचायत होगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत को दो किस्तों में 10-10 हजार रुपए दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पहली किश्त के रूप में आज योजना के अंतर्गत आने वाली सभी 6 हजार 111 ग्राम पंचायतों को 05-05 हजार रुपए के मान से कुल 03 करोड़ 05 लाख 55 हजार रुपए की राशि जारी की। उन्होंने इसके साथ-साथ मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्र के 14 जिलों की 03 हजार 793 ग्राम पंचायतों को आज 05-05 हजार रुपए के मान से कुल 01 करोड़ 89 लाख 65 हजार रुपए की राशि जारी की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास में यहां की संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण का काम अत्यंत महत्वपूर्ण है। राज्य में तीजा, हरेली, भक्तिन महतारी कर्मा जयंती, मां शाकंभरी जयंती (छेरछेरा), छठ और विश्व आदिवासी दिवस जैसे पर्वों पर सार्वजनिक अवकाश दिया जा रहा है। राज्य शासन की यह भावना है कि तीज-त्यौहारों के माध्यम से नयी पीढ़ी अपने पारंपरिक मूल्यों से संस्कारित हो और अपनी संस्कृति पर गौरव का अनुभव करें। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव, युवा महोत्सव, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक, बासी – तिहार जैसे आयोजनों के पीछे भी हमारा यही उद्देश्य है।
जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में संसदीय सचिव एवं विधायक पारसनाथ राजवाड़े ने बताया कि हमारे राज्य के मुखिया हमारे गांवों की रीति रिवाज पुरानी परम्परागत चलने वाले तीज त्यौहारों को ध्यान में रखते हुए योजना बना रहे है। उन्होंने आज राषि निर्धारित कर ग्राम स्तर पर ग्रामीण अच्छे से त्यौहार मना सके इसलिए इस योजना का शुभारम्भ किया है। दूर दराज के गांव के किसान सहित सभी वर्गो को आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो सके ऐसी अनेक योजनाए हमारी सरकार ने बनाई है। जिन लोग योजनाओ का लाभ नहीं ले पा रहा है। इसके लिए लिए हम सबको मिलजुल कर प्रचार-प्रसार कर लोगों को लाभ पहुंचाने का प्रयास होना चाहिए।
कलेक्टर इफ्फत आरा ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस योजना का महत्व इसलिए और अधिक बढ़ जाता है क्योंकि हमारे ज्यातर ग्रामीण अनुसूचित क्षेत्रों में रहते है, उनके तीज त्यौहार, मड़ई, मेला, देवगुडी, नवाखाई के परम्परा का संरक्षण करते हुए प्रोत्साहन करना है। मुख्यमंत्री की सभी योजना का फोकस गांव और किसान के उपर ज्यादा होता है। उन्होंने संवेदनषीलता के साथ यहा के लोक कला और संस्कृति तथा खेलकूद के लिए छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक का आयोजन जोरषोर हुआ। जिसमें महिलाए, बच्चे, बुजुर्ग, जवान सभी वर्गों ने अपनी सहभागिता निभाई। इस योजना के द्वारा ग्राम स्तर पर दो किस्तों में 10-10 हजार रुपये दिया जायेगा। इस योजना का इकाई गांव होगा। ग्राम स्तरीय शासी निकाय में सरपंच संबंधित ग्राम पंचायत अध्यक्ष, पुजारी, सिरहा, गायता, गुनिया, बैगा सदस्य, ग्राम के दो बुजुर्ग सदस्य, ग्राम के दो महिला सदस्य, ग्राम कोटवार, पटेल सदस्य, सचिव, ग्राम पंचायत सदस्य। जनपद स्तरीय शासी निकाय होगी। इस योजना के कार्यक्रम में आये सभी को बहुत-बहुत बधाई।
आयोजन के दौरान जिला पंचायत सदस्य बिहारी कुलदीप, श्रीमती सुमन सिंह, जनपद अध्यक्ष जगलाल सिंह, जनप्रतिनिधिगण, जिपं सीईओ लीना कोसम, तहसीलदार वर्षा बंसल, जनपद सीईओ आकांक्षा त्रिपाठी, आर एस सेंगर सहित जिला पंचायत के अधिकारी कर्मचारी तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।