बौद्धिक संपदा अधिकारों में उभरते नए आयाम मुद्दे और चुनौतियां विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन…..

 

 

 

सीतापुर

शासकीय श्यामा प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय सीतापुर में दिनांक 19 -20 फरवरी 2023 को बौद्धिक संपदा अधिकारों में उभरते नए आयाम:मुद्दे और चुनौतियां शीर्षक पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य मानवीय बौद्धिक सृजनशीलता को प्रोत्साहन देना है संगोष्ठी का उद्घाटन कार्यक्रम में श्रीमती संयुक्ता गुप्ता अध्यक्ष जनभागीदारी समिति,प्रोफेसर एस.के श्रीवास्तव,डीन ऑफ साइंस संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय अंबिकापुर,डब्लू बी.गुरनूले कमला नेहरू महाविद्यालय नागपुर ,डॉ.सचिन कुमार मंदिलवार मगध विश्वविद्यालय बोधगया बिहार ,डॉ.अरुण कुमार कश्यप विभागाध्यक्ष बायो टेक्नोलॉजी शासकीय राघवेंद्र राव पी.जी साइंस कॉलेज बिलासपुर,डॉ.ब्रम्हेश श्रीवास्तव डॉ.सी.वी रमन विश्वविद्यालय कोटा बिलासपुर एवं संस्था के प्राचार्य शाशिमा कुजूर की उपस्थिति में मां सरस्वती की प्रतिमा में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किये। जनभागीदारी समिति अध्यक्ष संयुक्ता गुप्ता ने महाविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं प्रेषित किए और अपने उद्बोधन में बौद्धिक संपदा अधिकार की मुद्दे एवम चुनौतियों पर वर्तमान परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए जन जागरूकता की आवश्यकता बताया।आईपीआर एक कानूनी अधिकार है जिसे हम सबको जानना चाहिए। डॉ. एस.के श्रीवास्तव ने “ग्लोबल एस्पेक्ट आफ आईपीआर इन साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ” पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकार की पेटेंट,डिजाइन एवं कॉपीराइट की वैज्ञानिक तरीके से शोध को बढ़ावा देने एवं उनका संरक्षण पर बल दिया ।

डब्लू बी गुरनूले ने “एसेंशियल ऑफ़ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स इन इनोवेशन”विषय पर व्याख्यान दिया।
उन्होंने आईपीआर के पेटेंट पर विस्तार से जानकारी देते हुए पेटेंट की आवश्यकता, संरक्षण ,रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पर जोर देते हुए वर्तमान में भारत को पैटेंट के क्षेत्र में आगे आने के लिए उन्होंने भावी पीढ़ी के शोधकर्ता एवं वैज्ञानिकों को सतत रूप से शोध कार्य करते हुए आगे आने के लिए प्रेरित किया।

डॉ.सचिन कुमार मंदिलवार ने ” भारत में बौद्धिक संपदा अधिकार का ऐतिहासिक संदर्भ” पर अपना व्याख्यान दिये। डॉ. मंदिलवार ने आईपीआर की अनियमितताओं पर नियंत्रण करने एवं समर्थ व्यक्ति को उनके अधिकार प्रदान करने पर जोर दिए। इन्होंने कॉपीराइट एवं पेटेंट के प्राचीन काल से वर्तमान तक की ऐतिहासिक संदर्भ पर विस्तार से चर्चा किए। डॉ.अरुण कुमार कश्यप ने “पेंटेटिंग ए साइंटिफिक इनोवेशन : द इंडियन सिनेरियो ” पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किए । डॉ.अरुण ने पेटेंट की जरूरत, पेटेंट अधिकार एवं पेटेंट फाइल करने की विभिन्न प्रक्रियाओं को विस्तार से शोधार्थी एवं छात्राओं के समक्ष प्रस्तुत किए। पेटेंट आईपीआर का मुख्य विषय वस्तु है जिसे हमें जानना आवश्यक है ताकि भारत पेटेंट में सबसे आगे आ सके ।आज भारत में पेटेन्ट की पंजीकरण लगातार बढ़ रही है । प्रो.बृजेश कुमार द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी के तृतीय सत्र में” ट्रेडमार्क एंड कंडीशनर ऑफ़ रजिस्ट्रेशन ” पर विचार प्रस्तुत किए ।जिसमें विभिन्न प्रकार के ट्रेडमार्क का वर्णन किया। साथ ही पंजीयन की प्रक्रिया को सरल शब्दों में प्रस्तुत किए जिससे पीजी विद्यार्थियों शोधार्थियों को इसका लाभ मिल सके द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में प्रो एम एम रंगा पर्यावरणविद ने अपने उद्बोधन में बौद्धिक संपदा अधिकार के मुद्दे और चुनौतियों पर प्रकाश डाला प्रो रंगा ने विषय ” इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स विद रेफरेंस टू इंडियन नॉलेज सिस्टम” पर प्रस्तुतीकरण किया।आईपीआर का भविष्य में इसके मुद्दे उन चुनौतियों को बताया गया। आप सभी को इस क्षेत्र में जागरूक करने की बात पर बल दिया। डॉ.उपस्थितमन नारायण उपाध्याय ने ” इंडियन पेटेंट एक्ट प्रोमोट्स इन्वेन्शन फार द हैल्थी लाइफ न हैल्थी प्लेनेट” पर विचार प्रस्तुत किए ।भारत के विभिन्न राज्यों के जियोग्राफिकल इंडिकेशन एवं उनका विस्तार से चर्चा हुई । इस सत्र में संगोष्ठी में उपस्थित शिक्षाविद ,शोधार्थी एवं विद्यार्थियों ने प्रश्न पूछ कर अपनी शंका समाधान किए। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में बौद्धिक संपदा अधिकार के तहत कॉपीराइट, पेटेंट, डिज़ाइन, ट्रेडमार्क, जियोग्राफीकल आदि विषयो पर चर्च हुई। डॉ.सी टोप्पो ,कु निकिता भगत,कुमारी अरुणा प्रधान ,हंस प्रधान ,ललिता, प्राची एवं अन्य शोधार्थियों ने अपना प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किए । प्रो.श्रीमती शशिमा कुजूर प्राचार्य द्वारा इस राष्ट्रीय सेमिनार को महाविद्यालय की उपलब्धियों में शामिल करते हुए इसके सफल संचालन के लिए शुभकामनाएं प्रेषित किए और भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। राष्ट्रीय सेमिनार के संयोजक डॉ.रोहित कुमार बरगाह ने सेमिनार के उद्देश्य पर प्रकाश डाला एवं बताया कि कुल 70 शोध सारांश एवं 157 शिक्षक , शोधार्थी एवं विद्यार्थियों ने अपना पंजीयन कराया । इस सेमिनार में छत्तीसगढ़ ,मध्य प्रदेश ,राजस्थान,उत्तर प्रदेश , बिहार ,महाराष्ट्र आदि कई राज्यों से विषय विशेषज्ञ उपस्थित रहे ।

जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्रीमती संयुक्त गुप्ता एवं प्राचार्य द्वारा सभी स्पीकर, चेयर पर्सन को प्रतीक चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किये। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की शानदार प्रस्तुतीकरण किया गया । सेमिनार के सह-संयोजक बोधराम चौहान ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किये और कार्यक्रम का संचालन सेमिनार के आयोजक सचिव डॉ. प्रवीण कुमार साहू ने किया । राष्ट्रीय सेमिनार की सफलता हेतु कुलपति , प्रो.अशोक सिंह ,संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय अंबिकापुर एवं क्षेत्रीय अपर संचालक उच्च शिक्षा, प्रो.एस एस अग्रवाल ने शुभकामनाएं प्रेषित किए।

दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में महाविद्यालय के आई क्यू ए ए.सी कोऑर्डिनेटर श्रीमती शीला तिर्की,क्रीड़ा अधिकारी धीरज मिश्रा, ग्रंथपाल राम किशुन टाइगर एवं टेक्निकल टीम में सुनील नाग एवं महाविद्यालय के सभी स्टाफ का पूर्ण सहयोग एवम सहभागिता रहा।