स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बाड़ी में मचान बनाकर की जा रही है खेती, मचान विधि किसानों के लिए काफी लाभदायक है, मचान विधि से खेती करने से बढ़ती है उत्पादन….

स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बाड़ी में मचान बनाकर की जा रही है खेती,
मचान विधि किसानों के लिए काफी लाभदायक है, मचान विधि से खेती करने से बढ़ती है उत्पादन…..

बलरामपुर :- अब्दुल रशीद

राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना की एक घटक है बाड़ी, जिले में बाड़ी विकास को प्रोत्साहित करने के लिए कलेक्टर विजय दयाराम के. के निर्देशानुसार एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रीता यादव के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के बिहान योजना के तहत् स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा कम जगह में मचान वाली बाड़ी बनाने की पहल जिला में किया गया है। स्व-सहायता समूह की ग्रामीण महिलाएं जिला प्रशासन के सहयोग से विभिन्न प्रकार की व्यक्तिगत और सामूहिक आजीविका गतिविधियां कर अपनी घर-परिवार का भरण-पोषण कर रही है। वहीं लगातार खेती-बाड़ी में विभिन्न प्रकार के अभिनव पहल ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा स्व-सहायता समूह की महिला किसानों के साथ किया जा रहा है जैसे आर्गेनिक कलस्टर के रूप में, सामुदायिक आधारित कृषि के रूप में तथा स्व सहायता समूह की महिलाएं अपने घरों की बाड़ी में कम जगह में ही साग-सब्जी उत्पादन के लिए मचान विधि को अपना रही है। मचान विधि को प्रोत्साहित करने का बीड़ा जिला प्रशासन के सहयोग व राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने उठाया है। जिला प्रशासन के सहयोग से महिलाओं द्वारा बाड़ियों में सीमित और कम पानी में सब्जी उत्पादन के लिए मचान तैयार किया जा रहा है। स्व-सहायता समूह की महिला किसानों को मचान तैयार करने हेतु जिला प्रशासन द्वारा प्रशिक्षित स्थानीय ग्रामीण महिला कैडरों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिसमें महिलाओं को खड़ा मचान, छतनुमा मचान, स्थानीय व्यवस्था से जंगलनुमा मचान तैयार करने की विधि तथा इसके फायदे के बारे में बताया जा रहा है। मचान विधि किसानों के लिए काफी लाभदायक है इसमें एक तरह जहां फसल खराब नहीं होती है, वहीं फलों के लटकने की वजह से उनमें जल्द बढ़ोत्तरी हो जाती है। मचान में लड़ी वाली सब्जी जैसे टमाटर, भिण्डी, करेला, लौकी इत्यादि, मचान विधि से खेती करने से इनके फलों की गुणवत्ता अच्छी होती है, साथ ही उत्पादन भी बढ़ता है और इस मचान विधि में सब्जी की तुड़ाई करने में बहुत आसानी होती है। जिससे वे अपनी बाड़ियों में इन पद्धतियों का उपयोग कर मचान तैयार कर रही है। छोटे किसान जिसका रकबा कम है उन किसानों के साथ सीएमएसए सामुदायिक आधारित संवहनी कृषि का कार्य भी किया जा रहा है, जिसके तहत् धान का थरहा तैयार करना फिर लाईन विधि से बुवाई करना शामिल है, जिससे कम रकबा में लगभग 3 गुना उत्पादन लिया जाना मुमकिन होता है। जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रीता यादव ने कृषि विभाग एवं उद्यान विभाग को निर्देशित किया है कि बिहान समूह की हर महिला को बाड़ी विकास एवं कृषि से संबंधित सभी आवश्यक सहयोग करें।

जिला प्रतिनिधि बलरामपुर