लापवाह शिक्षकों की किस्मत अब जिला शिक्षा अधिकारी के पाले में., होंगे निलंबित या रहेंगे बहाल..?

 

 

✍साकेत वर्मा, कटघोरा (मुड़ाभाठा) 

लापवाह शिक्षको की करतूत अब कोरबा जिला शिक्षा अधिकारी के पाले में है जहां शिक्षको की किस्मत तय होनी है, क्या शिक्षक बहाल रहेंगे या होंगे निलंबित..? दरअसल विगत दिनों विकासखंड कटघोरा के ग्राम पंचायत मुड़ाभाठा में स्थित शासकीय प्रायमरी स्कूल में एक छात्र की जान करेंट से बाल-बाल बची थी, घटना के बाद विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने तत्काल उक्त घटना पर संज्ञान लिया था और जांच टीम गठित कर उक्त मामले की जांच करा कोरबा जिला शिक्षा अधिकारी को प्रेषित किया गया हैं।

बता दे कि उक्त घटना कटघोरा के ग्राम पंचायत मुड़ाभाठा में स्थित शासकीय प्रायमरी स्कूल की हैं जहां एक बच्चे ने ध्वजारोहण किये जाने वाले पाइप को छू लिया था जिसमे करेंट प्रवाहित था, करेंट से चिपके बच्चे को मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने छुड़ाया और आनन-फानन में बच्चे को प्राथमिक इलाज मुहैया कराया गया, जहां बच्चे की हालत खतरे से बाहर बताई गई थी।

इस घटना में प्रथम दृष्टया ही स्कूल के शिक्षको की गलती साफ उजागर हो रही थी, इन्होंने शाला प्रवेश के पूर्व स्कूल की गतिविधियों में सुधार करना या उन्हें व्यवस्थित करना उचित नही समझा, लिहाजा शाला प्रवेश के महज 06 दिन बाद ही एक बच्चे की जान पर बन आई थी।वो तो भगवान का शुक्र है की घटना के दौरान ग्रामीण व स्कूल के रसोइया मौजूद थे, जिनकी बदौलत बच्चे को सकुशल बचाया गया।

सूत्रों के हवाले से खबर है कि कटघोरा विकासखंड शिक्षा अधिकारी की जांच में स्कूल के शिक्षको की लापवाही का ज़िक्र है, जहां इनकी लापरवाही साफ उजागर होती है, अब कोरबा जिला शिक्षा अधिकारी को तय करना है लापवाह शिक्षको की किस्मत..? वही ग्रामीणों की माने तो ऐसे लापवाह शिक्षको के भरोशें बच्चो को स्कूल भेजना खतरे से खाली नही हो सकता, अब जिला शिक्षा अधिकारी ऐसे लापवाह शिक्षको को स्कूल की कमान सौपेंगे या इनकी गलती पाए जाने पर इन्हें निलंबित करेंगे यह देखने वाली बात होगी।

कोरबा जिला शिक्षा अधिकारी अपनी कार्यशैली से जाने जाते हैं और स्कूलों में लापवाही बिल्कुल बर्दाश्त नही करते है। अब ऐसे में शिक्षकों की लापरवाही इनके संज्ञान में आना मतलब अनुमान लगाए जा रहे हैं कि शिक्षकों को लापरवाही बेहद भारी पड़ सकती है।शासकीय स्कूलों की लापरवाही से छात्रों का जीवन कष्टमय या खतरे में नजर आता है तो उन छात्रों के अभिभावकों पर क्या बीत सकती हैं, इसे शहर्ष ही समझा जा सकता है। खैर जिला शिक्षा अधिकारी स्वयं ऐसे लापवाह शिक्षको के पक्ष में नही रहते जो स्कूल की मर्यादा भंग कर बच्चो के भविष्य से खिलवाड़ करते हैं।