लोक अदालत में 12 वर्ष से लंबित मामले का हुआ निराकरण….

* 1 करोड़ रूपये से अधिक का अवार्ड पारित .

 

अम्बिकापुर

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2022 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के अनुक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाकर राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सहमति व सुलह समझौता से निराकृत किये गये है।

न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बिकापुर जिला सरगुजा में लंबित आपराधिक प्रकरण कमांक 116/09 सदाशिव ब्रदर्स विरुद्ध आरोपी नारायण यादव निवासी कौदू धोरघडी पोस्ट सेवारी थाना राजपुर जिला बलरामपुर रामानुजगंज का प्रकरण जो कि वर्ष 2009 से न्यायालय में लंबित था। 12 मार्च 2022 को आयोजित हुए नेशनल लोक अदालत में आरोपी घायल अवस्था में होने के बावजूद भी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बिकापुर दीपक कुमार कोशले के कोर्ट में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए परिवादी से राजीनामा हेतु सहमति व्यक्त किया गया परिवादी से राजीनामा किया आरोपी को चेक उल्लेखित राशि 24558 रूपये अदा कराना था. किन्तु आरोपी की अवस्था को देखते हुए परिवादी द्वारा 20000 रूपये राजीनामा किया गया तथा शेष राशि माफ कर दिया गया। इस प्रकार से मार्च 2022 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत में 2009 से लंबित प्रकरण कुल 12 वर्ष से चल रहे प्रकरण की सफलता से निराकरण कर दोनों पक्षों को संतुष्ट किया गया।

उक्त लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यम से उनकी उपस्थिति में निराकृत किये जाने के अतिरिक्त स्पेशल सिटिंग के माध्यम से भी पेटी ऑफिस के प्रकरणों को निराकृत किये गये हैं। न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा इस संपूर्ण लोक अदालत को सफल बनाये जाने हेतु निरंतर प्रयास करते हुए विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी लगातार अधिक से अधिक मामलों को निराकृत किये जाने हेतु प्रेरित किया गया तथा आज भी स्वयं राजनांदगांव एवं बालोद जिले में आयोजित नेशनल लोक अदालत की स्वयं समीक्षा कर पक्षकारों तथा बार एवं न्यायाधीशों से चर्चा की गई।

जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सरगुजा, श्री आर. बी. घोरे, के मार्गदर्शन में 12 मार्च 2022 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन के निर्देशानुसार जिला न्यायालय स्तर न्यायालय में पर श्रम न्यायालय को मिलाकर कुल 15 खण्डपीठों का गठन किया गया। जिला न्यायाधीश के मार्गदर्शन में नेशनल लोक अदालत प्रचार-प्रसार हेतु विभिन्न स्थानों में विधिक जागरूकता शिविरों तथा सरगुजा जिले के अंतर्गत नगर निगम अम्बिकापुर के सहयोग से लाउडस्पीकर के माध्यम से जनसाधारण तक सूचना पहुँचाया गया। जिले ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार हेतु ग्राम कोटवारों के माध्यम से मुनादी कराकर कर लोक अदालत का प्रचार प्रसार किया गया। इस लोक अदालत में कुल 1172 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 1 करोड़ 88 लाख रूपये का अवार्ड पारित किया गया तथा कुल 91 प्रिलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया गया।

सरगुजा जिले के अंतर्गत उदयपुर थाना में शिवबालक ने थाना में उपस्थित आकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि 02 अक्टूबर 2020 को सुबह मवेशी चराने गया था दोपहर करीब 02.00 बजे घर आकर बाहर बैठा उसी समय गांव का जयसिंह आया और बोला कि शिवमंगल कहां है तो शिवबालक द्वारा कि वे नहीं जान रहा है। उसी समय शिवमंगल घर से निकला हाथ में डंडा रखा था और अचानक गंदी गंदी गाली गुप्ता कर जान से मारने की धमकी देकर हाथ मुक्का, लात, डंडा से मारपीट किया गया मारपीट किया मारपीट करने से शिवबालक के दाहिने घुटना के नीचे एवं बांये पैर के सुपली व पिंडरा में चोट लगा है मारपीट करते समय गांव का जयसिंह, रामसिंह बीच बचाव किये है। प्रार्थी की रिपोर्ट पर अपराध कायम कर मामला सरगुजा जिले के जिला न्यायालय में द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश श्रीमती सरोजनी जनार्दन खरे मेडम में कोर्ट में लोक अदालत के दिन निराकरण किया गया जिसमें विशेष बात यह रही कि शिवबालक, शिवमंगल का पिता तथा न्यायालय में उपस्थित होने के बाद शिवमंगल द्वारा अपने पिता से मारपीट की घटना पर खेद व्यक्त करते हुए अपने पिता शिवबालक से क्षमा मांगा तथा अपने कृत्यों के लिए शर्मिंदगी व्यक्त किया इस प्रकार न्यायालय में पिता पुत्र के माध्यम उत्पन्न विवाद इस लोक अदालत में सफलतापूर्वक निराकृत हो पाया।