बांध मरम्मत कार्य के दौरान रोक दिया नहर आपूर्ति का पानी, किसानों द्वारा करीब 200 एकड़ में लगाए गए गेंहू एवं धान की रबी फसल को भारी नुकसान, कलेक्टर से शिकायत करने की ठानी…

पाली, राहुल वर्मा…✍

जल संसाधन विभाग की मनमानी से किसानों को भारी नुकसान पहुँचा है, जहां बांध में कराए जा रहे मरम्मत कार्य के दौरान नहर लाइन से पानी का आपूर्ति रोक दिए जाने के परिणामस्वरूप सैकड़ो एकड़ में लगाए गए रबी की ज्यादातर फसलें मुरझा गए और किसानों की मेहनत बेकार हो गई।

जिले के पाली विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पोड़ी स्थित बांध में जल संसाधन उप संभाग पाली द्वारा लगभग एक करोड़ के टैंक रेनिवेशन (मरम्मत कार्य) कराया जा रहा है। जिस कार्य के लिए करीब दो सप्ताह पूर्व अधिकारियों द्वारा नहर आपूर्ति लाइन का पानी रोक दिया गया। इसका दुष्परिणाम यह हुआ कि ग्राम पोड़ी एवं आसपास के दर्जनों किसानों की लगभग 2 सौ एकड़ में लगी गेंहू और धान की रबी फसल तक पानी नही पहुँच पाया और उनमें से अधिकतर फसलें पानी के अभाव में मुरझा गए। किसानों द्वारा भारी खर्च व कड़ी मेहनत से उक्त फसल उगाया था ताकि नहर के पानी से रबी फसल की पैदावार अच्छी होने के साथ उन्हें लाभ मिल सके, किंतु अधिकारियों की लापरवाही ने उन किसानों को सिर पकड़ने पर मजबूर कर दिया। नहर लाइन में पानी आपूर्ति बंद कर दिए जाने के बाद अनेक किसान उनके खेतों के आसपास डबरी- तालाब के पानी से सिंचाई कर फसल बचाने में सफल रहे, लेकिन अधिकतर किसानों के खेतों तक पानी पहुँचाने की व्यवस्था नही हो पाने से उनके खेतों की फसलें सूख गई। गांव के प्रभावित किसान अनुरुद्र राज, बाबूलाल, संतोष, परमेश्वर, श्रीराम, सम्मार, भारत सिंह, शत्रुहन, रामचंद्र, लक्ष्मण, परदेशी, बंधन, चिरौंजी सहित अन्य ने बताया कि बांध का मरम्मत कार्य प्रारंभ होने के दौरान उनके द्वारा संबंधित अधिकारियों को इस दिशा पर अवगत कराया गया था जहां अधिकारियों ने मरम्मत के दौरान दो- चार दिन के लिए पानी आपूर्ति रोके जाने की बात कही थी, परंतु आज पर्यंत दो सप्ताह तक पानी रोके रखे जाने से अधिकतर फसलें सूखकर चौपट होने की कगार पर है। ऐसे में उनकी लागत और मेहनत की भरपाई कौन करेगा! जल संसाधन के पाली एसडीओ, उक्त कार्य का देखरेख करने वाले इंजीनियर एवं कर्मचारियों के मनमाने कार्य रवैये से गरीब किसानों को भारी क्षति पहुँची है। किसानों द्वारा इसकी शिकायत कलेक्टर से करने की ठानी है।