KATGHORA: लापरवाह स्कूल प्रबंधन की खुली पोल, करेंट से बाल-बाल बचा छात्र…

✍साकेत वर्मा, कटघोरा :- एक तरफ सरकार बच्चो को शिक्षित करने नई-नई योजनाओं के क्रियान्वयन में भरसक प्रयास कर शिक्षा के स्तर को बढ़ाने प्रयासरत है वही जिला कोरबा के विकासखंड कटघोरा में शिक्षा विभाग व स्कूल प्रबंधन की घोर लापरवाही सामने आई है जहां स्कूली बच्चो की सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है, आखिर स्कूल प्रबंधन इतनी बड़ी लापरवाही कैसे कर सकता हैं, जहां अभिभावक अपने बच्चों को बड़े यकीन के साथ स्कूल भेजते हैं ताकि उनके बच्चे पूरी सुरक्षा के साथ पढ़ाई कर सलामत घर पहुच सके।

प्राप्त जानकारी अनुसार विकासखंड कटघोरा के संकुल जेन्जरा अंतर्गत ग्राम मुड़ाभाठा में स्थित शासकीय प्रायमरी स्कूल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है जहां, कक्षा दूसरी में पढ़ने वाला एक बालक करेंट की चपेट में आ गया,जिसे आनन फानन में मोके पर मौजूद लोगो ने बच्चे को करेंट से छुड़ाकर अलग किया, ततपश्चात उनके परिजनों को इसकी सूचना दी गई जहां परिजनों ने बच्चे का इलाज करवाया,बहरहाल बच्चे की हालत खतरे से बाहर है। यह पूरा घटनाक्रम उन अभिभावकों के लिए बड़ा सबब साबित हो सकता है जो बच्चो को स्कूल भेज निश्चिंत हो जाते हैं।उन्हें भी समय समय पर स्कूल के गतिविधियों पर ध्यान देने की आवश्यता है।इस पूरे घटना में स्कूल प्रबंधन की लापरवाही साफ साफ देखी जा सकती है, दरअसल स्कूल में ध्वजारोहण हेतु लगे खम्भे में बिजली का तार लपेट कर स्कूल में लाया गया था जिस वजह से पूरे खम्भे में करेंट प्रवाहित था। लंच के दौरान बच्चे स्कूल प्रांगण में खेल रहे थे इस दौरान कक्षा दूसरी में अध्ययनरत निखिल कुमार पिता कृष्णा यादव खम्भे की चपेट में आ गया, जहां देखते ही देखते निखिल मूर्छित होकर गिर पड़ा। इससे पहले कोई कुछ समझ पाता स्कूल में हड़कंप मच गया, मोके पर उपस्थित लोगों ने बच्चे को करेंट से छुड़ाया और उसके परिजनों को सूचना दी गई,जहां उसका प्राथमिक इलाज हुआ।

इस पूरे घटनाक्रम में स्कूल प्रबंधन की घोर लापवाही सामने आई हैं, जहां स्कूली बच्चो की सुरक्षा भगवान भरोसे है। सूत्र बताते हैं कि इस दौरान स्कूल के हेडमास्टर छुट्टी पर थे, वही जिम्मेदार टीचर अन्यत्र डाक लेकर गए थे। अब ऐसे हालात में उन बच्चों की जिम्मेदारी आखिर किनके हवाले होगी यह बड़ा सवाल हैं? हालांकि कटघोरा विकासखंड शिक्षा अधिकारी को जब उक्त मामले की जानकारी हुई तो इन्होंने तत्काल जांच टीम बनाकर मामले पर संज्ञान लिया हैं, वही जांच में लापरवाही पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही किये जाने की बात कही जा रही है।

जिला शिक्षा विभाग को स्कूलों में कसावट व स्कूलों की व्यवस्थाओं पर संज्ञान लेने की नितांत आवश्यकता है विभाग की लापवाही है उन अभिभावकों को भारी पड़ सकती है जो सरकार के भरोशें अपने बच्चों का भविष्य सवारने का सपना देख रहे हैं। अब जिला शिक्षा विभाग इस लापवाही को किस नजरिये से देखता है यह बात बहुत अहम हो सकती है।