बदलते रहे SP मां लगाती रही न्याय की गुहार नए पुलिस कप्तान के आते ही मां को जगी थी उम्मीद डेढ़ साल के बाद उसकी बेटी के हत्यारे तक पहुंची पुलिस…..

 

 

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर नव पदस्थ आईपीएस रामकृष्ण साहू ने सूरजपुर जिले की कमान संभालते ही पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा था आम जनता है हमारी पहली प्राथमिकता इसी पर हम और हमारी पुलिस टीम काम करेंगे जब पत्रकारों ने इस मसले पर पुलिस कप्तान से बात की तो उन्होंने बताया कि हम इस मामले की एक टीम गठित कर जांच कर रहे हैं और जल्द ही इसका खुलासा कर देंगे हालांकि ये खुलासा पुलिस के लिए बहुत बड़ी चुनौती थी क्योंकि ये मामला डेढ़ साल पुराना था बदलते रहे एसपी मृतक की मां लगाती रही गुहार लेकिन किसी को नहीं आया मां पर तरस जब उस माँ को यह पता चला की सूरजपुर जिले में नए एसपी आए हैं तो उसकी  आस की उम्मीद जगी कि अब मेरी बेटी जिंदा है या मुर्दा उसका पता चलेगा आखिरकार ये सच हुआ नए पुलिस कप्तान ने टीम गठित अपनी टीम को निर्देश दिया था कि हर पहलू पर बारीकी से जांच करें और इससे मामला का निकाल करें उसी पर अमल करते ऊनकी पुलिस ने काम किया और पूरे मामला का खुलासा कर दिया मृतिका को उसका पति व ससुर ही डेढ़ साल पहले मारकर गड्ढे में दफन दिए थे पुलिस ने पति व ससुर को गिरफ्तार कर लिया है।

. . लंबे अरसे के बाद एक मां को मिला न्याय आखिरकार उसकी बेटी के हत्यारों तक पहुंची पुलिस बेटी के आरोपियों को पकड़ने एक माॅ ने दुरुस्त अंचल 200 किलोमीटर की सफर तय कर आती थी और जिला मुख्यालय पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचती थी सूरजपुर से लेकर सरगुजा आईजी से फरियाद लगाती रही लेकिन क्या मजाल की पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेती..डेढ साल बाद उसी थाने की पुलिस ने सोनी साहु का कंकाल बरामद कर उसके पति और ससुर को गिरफ्तार किया है जिस थाने से सोनी साहु की मां को जलील करके भगा दिया जाता रहा. मौत से पहले सोनी साहु को एहसास हो गया था कि मेरे पति व परिजन उसे जान से मार देगे इस लिये उसने मौत से पहले चादनी पुलिस थाने से लिखित शिकायत की थी जिसमें उसके पति तिरथ यादव उसे जान से मार डालेगा. लेकिन तब भी पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही. पुरा मामला बिहारपुर चांदनी का है वहा कि रहने वाली सोनी साहु 2 जनवरी 2021 से गायब थी गुम होने से पहले उसने चांदनी थाने में अपने पति के खिलाफ मारपीट करने व जान से मारकर फेकने की लिखित शिकायत की थी और पुरे घटना की जानकारी अपने मायके वालो को भी दी थी. पुलिस ने अगर तत्काल उसके आवेदन पर सुनवाई कर ली होती तो आज ये दिन नही आता. पिडित मां सुशीला साहु ने बहुत दिनो तक अपने पुत्री को न देखने पर थाने सहित उच्चधिकारियों से गुहार लगाई कि उसकी पुत्री सोनी साहु जो गर्भवती भी थी और उसका पति आये दिन उसके साथ मारपीट करता था और मार कर फेक देने की घमकी भी देता था इस आशंका से डरी हुई मां ने पुलिस को सीधे रुप से कहा कि मेरी बेटी की उसके पति व परिजनो ने मिलकर हत्या कर शव को कही फेक दिया. उसके बावजूद भी पुलिस ने इस मामले को कोई दिलचस्पी नही दिखाई. फरियादी मां लगातार थाना सहित उच्चअधिकारियों तक नामजद शिकायत की थी. आज उसकी शिकायत उसके कहे गये एक एक बात सत्य साबित हुई. वह कल भी यही कहती थी कि उसकी उसकी बेटी को बहुत पहले ही मारकर फेक दिया गया है पुलिस उसे गुमराह करती रही. आज उसका कंकाल मिला तो वह बिखर गई.

डेढ साल बाद हो सका खुलासा
वैसे तो चांदनी बिहारपुर क्षेत्र के अंचल को पता था कि सोनी साहु की मौत हो चुकी है उसको मार दिया गया है. फिर भी वह पुलिस के कागज में जिंदा थी और पंजाब पटियाला में रहने और उससे बात करने का दावा किया जाता रहा. वक्त बदला और कुर्सी बदली और हो गई कार्यवाही. पुलिस ने बताया कि सोनी साहु की हत्या 3 जनवरी को भोर में डडे से वार कर उसके पति तिरथ राम यादव ने कर दी थी  वह अपने पिता राम मोहन यादव के सहयोग से सोनी के शव को जंगल में ले जाकर गढ़ा खोद कर गांड दिए थे . फिलहाल चांदनी पुलिस ने आरोपी पिता पुत्र को धारा 302,201,34 के तहत अपराध दर्ज कर गिरफ्तार किया है पुलिस की टीम में एसडीओपी राजेश जोशी केपी चौहान, बृजेश यादव, आरक्षक रवि पाण्डेय, संत कुमार पैकरा, अनिल, चेतल राम राजवाडे का विशेष योगदान रहा.

कमाल की पुलिसिंग

जिले में तीन पुलिस अधीक्षक आये और चले गये हालाकि महिला पुलिस अधीक्षक की स्थापना से सुशीला साहु के मन में एक आश जगी थी की अब उसकी भावनाओ को समझने वाली पुलिस की महिला आ गई है और उसकी पुत्री जिंदा या मुर्दा की जानकारी मिल जायेगी पर वह भी नही हो सका. तो वही थाना प्रभारियों की बात करे तो उनकी भी संदिग्ध गतिविधियां सामने आते रही. सुशीला साहु ने बताया पूर्व प्रभारी पर पहले ही लाखो रुपये का लेनदेन का आरोप भी लगाई थी. तभी शायद इस मामला का खुलासा होने में पुलिस को डेढ साल लग गये जब उनका स्थानांतरण हो गया. और बदल गए एसपी और नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक के आते  ही पूरा मामला साफ हो गया कि हत्यारा कौन था।

ऐसे पुलिस वालों से हमारा निवेदन

यह सब हत्या के मामलों में पैसे का लेनदेन ना किया करें कि एक गरीब व्यक्ति माॅ को बेटी के हत्यारों तक पकडवाने कितना कष्ट झेलना पड़ा हालांकि ये आरोप हम नहीं लगा रहे हैं जो हमारे पास अवीडेंस है व जैसा जैसा आरोप मृतका की मां  ने पुलिस पर लगाया था आज उस माॅ का आरोप सच्च निकला
अगर पुलिस जरा सा भी इमानदारी से इस मामले गंभीरता से लेकर कारवाई की  होती तो आज डेढ़ साल नहीं लगते बाकी आरोपियों का धन भी गया धर्म भी गया लास्ट रास्ता बचा जेल का दरवाजा बाप बेटा पहुंचे जेल।