शादी की रस्में शुरू हो गई थीं, दुल्हन भी तैयार हो रही थी, फिर जो हुआ उससे खौफ में आ गए परिजन…..

 

 

 

* जिला प्रशासन की टीम ने एक दिन में रुकवाये तीन बाल विवाह.

* विवाह होने के अंदेशा से बालिकाओं को संरक्षित किया गया सखी वन स्टाप सेंटर में.

सूरजपुर/ जिला कलेक्टर रोहित व्यास के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग के बाल संरक्षण इकाई जिले में बाल विवाह रोकने हेतु सक्रिय हैं। कलेक्टर के निर्देश पर संयुक्त टीम एलर्ट मोड में है। सूचना मिलते ही टीम तुरंत मौके पर जाकर छानबीन करती है और सूचना सही पाये जाने पर समझाइश की कार्यवाही की जाती है। वर्तमान में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के पास आई सूचना की सरईपारा विकासखंड रामानुजनगर में बाल विवाह हो रहा है। विवाह की सूचना जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू को दी जिला कार्यक्रम अधिकारी के त्वरित कार्यवाही के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग, चाईल्ड लाईन, पुलिस थाना रामानुजनगर की संयुक्त टीम गांव गई जहां मौके पर शैक्षणिक दस्तावेजों का निरीक्षण करने पर शिकायत सही पाई गई। मौके पर विवाह के कार्यक्रम किये जा रहे थे। मण्डप सजा हुआ था। लोग नाच-गा रहे थे। पुलिस सहित संयुक्त टीम को देखकर सभी डर गये। बाल विवाह करने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही किये जाने की जानकारी परिजनों समेत ग्रामीणों को दी गई। विवाह होने पर दो वर्ष का कारावास और 1 लाख रुपये का अर्थदंड की कार्यवाही होने की बात बताई गई। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम में विवाह करने वाले, अनुमति देने वाले, सहयोग करने वाले एवं शामिल होने वाले सभी के ऊपर कार्यवाही के प्रावधान होने की जानकारी दी गई है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी के साथ समस्त टीम ने गांव में होने वाले विवाहों की जांच की जिसमें गांव में एक 17 वर्षिय बालिका एवं एक 18 वर्ष छः माह के बालक और बाल विवाह होते पाया गया। सभी के यहां कथन पंचनामा तैयार किया गया। मौंके पर यह देखा गया कि बालिका के छोड़ने पर आज ही विवाह कर देगें। इस स्थिति में बालिकाओं को विवाह से बचाने के लिए उन्हें ले जाने का पंचनामा तैयार किया गया और महिला स्टाफ के साथ उन्हें सूरजपुर के सखी वन स्टाप सेंटर ले लाया गया।

वहीं बालिकाओं को बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किया जायेगा। तत्पश्चात् अभिभावकों का कथन, शपथ पत्र लेकर बालिका का उम्र हो जाने पर ही विवाह किया जायेगा। तब उनके पालकों के सुपुर्द किया जायेगा। बाल विवाह रोकवाने वालों में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, संरक्षण अधिकारी अखिलेश सिंह, चाईल्ड लाईन क्वार्डिनेटर कार्तिक मजूमदार, टीम मेंबर कुमारी शीतल सिंह, पर्यवेक्षक मानकुवंर, सरपंच श्रीमती देव बाई सिंह, पुलिस थाना रामानुजनगर से प्रधान आरक्षक सुशील तिवारी, आरक्षक विकास सिंह, देवचन्द पाण्डेय आउटरीच वर्कर हर गोविन्द चक्रधारी उपस्थित थे।