सरकार तो बदल गई पर क्या जिले में प्रशासनिक व्यवस्था भी बदलेगी या वही पुराना ढर्रा चलता दिखेगा….

 

* सरकार बदलने के बाद अब लोगों को एक अच्छे प्रशासन की उम्मीद है जगी

* पूर्व सरकार में प्रशासन लोगों के राहत के लिए नहीं लोगों की समस्या के लिए जाना जा रहा था।

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर /  पुराने सरकार में प्रशासन का बुरा हाल था प्रशासन से लोग हलकान थे लगातार शिकायतों का दौर जारी था और लोगों की परेशानियां की चर्चा आम थी लंबे समय के बाद लोगों को सरकार बदलने के बाद राहत मिली है और अब वर्तमान सरकार से उम्मीद है कि अब उन्हें एक अच्छा प्रशासन देंगे ताकि लोगों का हित होगा और लोगों के सारे काम होंगे, साथ ही न्याय व्यवस्था भी लोगों के लिए सम होगी जो अभी तक बेहाल थी।

प्रदेश में नई सरकार बनते ही आम लोगो की उम्मीदें बढ़ गई है। पिछली सरकार के काम काज से त्रस्त लोगो ने मौका मिलते ही मत के रूप में अपने पावर का इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया। सरकार बदलते ही जिले के विभिन्न विभागों में ऊंचे ओहदे में बैठ कर मलाई खा रहे अधिकारियों की भी हवाइयाँ उड़ी हुई है। रेत उत्खनन के नाम पर जिले की जीवनदायिनो का अस्तित्व मिटाने का गोरख धंधा हो या फिर राशन की कालाबाजारी, धान खरीदी के नाम पर करोड़ो का वारान्यारा या फिर शासन की योजनाओं के नाम पर घोटालों की आकंठ तक डूबने का मामला हो या कोयला कबाड़ जैसे मामले में जमकर लूट मची थी। जिसका क्षेत्र की पीड़ित जनता ने जवाब देते हुए सत्ता से बेदखल कर यह बता दिया है कि अति करोगे तो अंत भी निश्चित है। सत्ता बदली सरकार बदली अब इस बदले हुए माहौल में जहां जनता की नई सरकार से उम्मीदे भी ज्यादा है। हर वर्ग के लोग इस उम्मीद में है कि सरकार कुछ नया करेगी जिससे क्षेत्र की त्रस्त जनता को राहत मिल सके। इधर बीते 5 वर्षो में सत्ताधारियों से नजदीकियां बना जेब गर्म करने वाले अधिकारियों के भी चेहरे की हवाइयाँ कुछ इस कदर उड़ी हुई है जैसे गधे के सिर से सिंघ, कुछ अधिकारी तो स्थानीय नेताओं से संपर्क बढाने के प्रयास में लगे हुए है तो कुछ नई सरकार के मंत्रिमंडल गठन का इंतजार कर रहे है, वह इस उम्मीद में की कहीं से कोई जुगाड़ लग जाये। परंतु सूत्रों की माने तो भाजपा के पदाधिकारियों ने विभिन्न विभागों के ऐसे चापलूस अधिकारियों की लिस्ट तैयार कर ली है जो गिरगिट की तरह रंग बदलने में माहिर है और भ्र्ष्टाचार से उनका गहरा नाता रहा है।

अधिकारी तो अधिकारी पटवारी से लेकर वर्षो से अंगद के पांव की तरह विभागों में जमे बाबुओं की भी लिस्टिंग तैयार की जा रही है जिनका भी हिसाब किताब करने की तैयारी है। यहां कई विभाग प्रमुख ऐसे भी है जिनके मार्ग दर्शन में समूचे जिले में अभियान चलाया गया जैसे महिला बाल विकास का कुपोषण से सुपोषण अभियान अब इस अभियान से कितने कुपोषित सुपोषित हुए यह तो अलग बात है पर इस अभियान ने विभाग के अधिकारियों को खूब सुपोषित किया है। वहीं जिले का पीएचई विभाग भी निशाने पर है जहां गाँव गाँव मे केंद्र की नल से जल पहुंचाने की महत्वाकांक्षी योजना के नाम पर जमकर बंदर बांट व रिश्तेदारी निभाई गई है।यहां के बड़े साहब तो लगता है सदा सुहागन रहने का वरदान लेकर आये है। चंद महीने दूसरे जिले में रहने के बाद फिर से सूरजपुर में अपनी आमद देते रहे है। कांग्रेस में जहां बड़े नेताओं से इनके सांठगांठ की चर्चा आम रही है वहीं अब भाजपा नेता के भी काफी करीबी है ऐसे में आप समझ सकते है कि साहब कितने पावर फूल है। शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग में पिछले 5 वर्षों में हुए भ्र्ष्टाचार भी कम नहीं है भजपाईयो के निशाने में ये विभाग प्राथमिकता के तौर पर है। देखना यह है कि सरकार बदलने के बाद जिले में कुछ बदलाव होगा भी या फिर वही पुराना ढर्रे पर ही सब चलता रहेगा?

बाकी फिर अगले अंक में देखें विस्तार से…