KATGHORA: लापता सुमन का पता अब बैगा लगाएंगे, पीड़ित परिवार बैगाओं की शरण मे जाने को मजबूर….

कटघोरा,✍साकेत वर्मा.. 

कोरबा/कटघोरा :- अपनी बेटी के खो जाने का असहाय दर्द झेल रहे आदिवासी परिवार का विश्वास अब पुलिस से उठता नजर आ रहा है जो पीड़ित परिवार अब लापता बेटी का पता लगाने बैगाओं की शरण लेने को मजबूर हैं। अब ऐसे में अगर पीड़ित जन बैगाओं की शरण लेने लगे तो नगर में पुलिस के होने का कोई औचित्य नही रह जाता है। दरअसल एक पिता अपनी लापता बेटी की पतातलाश करने की मंशा लेकर पुलिस के पास पहुँचा था लेकिन सूचना के करीब 10 दिन बीत जाने के बाद भी लापता युवती के बारे में कोई सार्थक जवाब स्पष्ट नही हो पाया, लिहाजा पीड़ित परिवार अब लापता बेटी की पतातलाश हेतु बैगाओं की शरण मे जाने को मजबूर हो गया है।

दरअसल ब्लाक पोड़ी-उपरोड़ा के ग्राम पंचायत रामपुर की रहने वाली सुमन धनुहार 27 मार्च की शाम से लापता है, सुमन के घर नही पहुँचने पर परिवारजनों ने आस-पास सुमन की खोजबीन शुरू की, पर सुमन का कही कोई सुराग नही मिला। जहाँ लोक लज्जा त्याग पीड़ित परिवार 15 अप्रैल को पुलिस के पास गुहार लगाने पहुँचा था, जहाँ पुलिस ने पीड़ित परिवार को सुमन के मिल जाने का हवाला देकर आस्वत किया था। लेकिन करीब 10 दिन का समय बीत जाने के बाद भी पुलिस के तरफ से लापता सुमन के बारे में कोई सार्थक जवाब सामने नही आ पाया। लिहाजा अब पीड़ित परिवार पुलिस का भरोसा त्याग बैगाओं की शरण में जाने को मजबूर हो गया है।

कोरबा पुलिस को जहाँ ब्लाइंड केश जैसे मामलों को सुलझाने में महारत हासिल है, वहाँ महज एक लापता युवती का केश बेहद तुझ है अब यह समझ से परे है आखिर पुलिस को अभी तक लापता युवती का सुराग क्यो नही मिल रहा? वही पुलिस के संज्ञान में मामला होने के बाद भी पीड़ित परिवार दर-दर भटकने को मजबूर हैं, हालांकि पुलिस द्वारा लापता युवती की तलाश जोरो से जारी है। बहरहाल पीड़ित परिवार बैगाओं की शरण लेने को मजबूर हैं जहाँ उन्हें उम्मीद की किरण नजर आ रही है, शायद इन्हें इनकी लापता बेटी हासिल हो जाये, वहीँ इस वाक्ये ने पुलिस की भूमिका को चिंतनीय स्थिति पर खड़ा कर दिया हैं।