ब्लड स्टोरेज में खराब एसी और लाइट के बीच किया जा रहा ब्लड डोनेट वही लाखो रुपये बगल के लैब के जीर्णोधार में किया जा रहा खर्च …..

पत्थलगांव ✍️जितेन्द्र गुप्ता

50 वर्षीय देवहरण के शरीर मे मात्र 1.7 ग्राम खून विनोद रोहिला ने ए निगेटिव ब्लड देकर जान बचाई

निजी अस्पताल मे 50 वर्षीय देवहरण जो गम्भीर रूप से बीमार होने पर उनके परिजन ने भर्ती किया पर जांच करने पर शरीर मे मात्र 1.7 ग्राम ही खून था आनन फानन में ब्लड के लिए परिजन इधर उधर दौड़ने लगे जिसकी जानकारी अंकित बंशल को मिली और उन्होंने 10 मिनट में ही विनोद रोहिला से बात कर ब्लड देने की बात कही जिस पर विनोद रोहिला भी गम्भीर हालत में भर्ती मरीज की हालात को देखते हुए ब्लड देने को राजी जो गए और छुट्टी के दिन होने के बाद भी ब्लड विभाग के बी डब्ल्यू शर्मा को स्थिति की जानकारी दी गई स्थिति की गम्भीरता को समझते हुए तुरन्त अस्पताल पहुच कर विनोद रोहिला का ब्लड निकाला गया।

?ड्रिप सेट से बाथरूम के दरवाजे को बांध कर काम चलाते

पर सिविल अस्पताल के ब्लड स्टॉरेज विभाग की स्थिति को देख कर दंग होना पड़ गया जहां ब्लड निकाला जाता है। वहा का लगा ऐसी खराब है। जिससे भारी गर्मी और उमस जैसे माहौल में लोग अपना ब्लड देने को मजबूर है। जबकि ब्लड निकाले जाने वाले रूम की ब्यवस्था अच्छी होनी चाहिए जिससे ब्लड देने वाले को किसी तरह की कोई परेशानी न हो संके रूम में ही बिजली ब्यवस्था भी खराब है। टिव लाइट एक साल से खराब है। पर अस्पताल प्रबंधन इस तरफ किसी तरह की सुध लेता नही दिख रहा है। बाथरूम की स्थिति को देखेंगे तो वास्तिवकता सामने नजर आएगी दरवाजे को ड्रिप सेट से बांध कर रखा गया है। इससे आप ये आसानी से समझ सकते है। कि सरकारी चीजो का रखरखाव के अभाव में सामान और ज्यादा खराब होने लगती है। पर अस्पताल प्रबन्धन है। कि ठीक कराएंगे नही
वही बगल के पैथो लैबो में फाल सीलिंग और अलमारी जैसे डब्बे का निर्माण किया जा रहा है। जो वर्तमान की सिविल अस्पताल की ब्यवस्था को देखकर गैर जरूरी लगता है। जिस तरह कारीगर रात दिन एक कर काम करते नजर आ रहे है। अब रातो को भी ये कारीगर क्यो इतनी जल्दबाजी में काम कर रहे है। ये तो अस्पताल प्रबंधन ही बता पायेगा अभी हाल के दिनों में सिविल अस्पताल के लैबो में हमर लैब के पोस्टर चिपके दिखे जो आम शहरी के बीच कोतुहल का विषय बना रहा कई बार इस बारे में अधिकारियों से पूछने पर उन्होंने टाल मटोल कर कुछ भी बताने से इंकार कर दिया था

पर अब जिस तरह लैबो में फाल सीलिंग और प्लाई की अलमारी डब्बा बनाते देखा जा रहा है। उससे ये लग रहा है। कि आनन फानन में कहि सरकारी रुपयो को गैर जरूरी कार्यो में लगा कर खपाने की कोशिश तो नही की जा रही है। जबकि वही बगल के ब्लड रूम की स्थिति बेहद खराब है। वर्षो से ऐसी और लाइट जैसी महत्वपूर्ण चीजे खराब हाल में है। बाथरूम के दरवाजे को ड्रिप सेट से बांध कर काम चलाया जा रहा है।

सिविल अस्पताल के ब्लड स्टॉरेज में खराब ऐसी लाइट के बारे में भाजपा युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष अंकित बंसल ने कहा कि ब्लड स्टॉरेज में इन जरूरी सामानों की आपूर्ति बेहद जरूरी है। इतनी तेज गर्मी में जो ब्लड डोनेट करेगा वो तो खुद परेशान रहेगा इस तरफ़ अस्पताल प्रबंधन तुरंत ब्यवस्था को बेहतर बनाना चाहिए वही लैब में किये जा रहे जीर्णोधार व अन्य कार्य समझ से परे है। जबकि लाखो रुपयों से किये जा रहे कार्य के लिए निविदा तक नही निकाली गई है। वही सिविल अस्पताल में अत्यंत महत्वपूर्ण मशीन बिजली का नया जनरेटर, सौर ऊर्जा जैसी सामान ठप्प पड़ी हुई है। कई सीसी टीबी खराब या बंद हालत पे है। सबसे पहले मरीजो को अच्छी ब्यवस्था देनी चाहिए आने वाले दिनों में सिविल अस्पताल की ब्यवस्था को लेकर हमारी पार्टी की तरफ से कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों से बात कर वास्तविकता से अवगत करा कर बेहतर सुविधा देने कहा जायेगा अगर सरकारी रुपयों को इस तरह गैर जरूरी चीजों में खर्च किया जाता है। तो हमारी पार्टी सड़क में उतर कर आम जनता के हितों के लिए आंदोलन करने से भी नही हिचकेगी

?हमर लैब का जीर्णोधार करने रातो को काम करते कारीगर

जब इन बातों पे सिविल अस्पताल के बीएमओ डॉक्टर जेम्स मिंज से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ब्लड स्टोरेज रूम के लिए नया ऐसी की मांग की गई है। पत्थलगांव के ब्लड स्टोरेज को आने वाले दिनों में ब्लड बैंक में तब्दील करना है। जिसकी स्वीकृति मिल गई है। उसकी भी तैयारी शुरू की जानी है। कुल चार कमरों को ब्लड बैंक के लिए लेकर उसमें ब्लड बैंक के अनुरूप कार्य करवाया जाएगा वही लैब में फाल सीलिंग और डब्बे जैसे अलमारी को बनाने जिले के अधिकारियों से निर्देश मिले है। जिससे ज्यादा सुविधा मिले इसके लिए वर्तमान में कोई फंड हमे नही दी गई है। सिविल अस्पताल के जीवनदिप समिति के फंड से ही खर्च कर कार्य करवाया जा रहा है।