जिला चिकित्सा अधिकारी ने विकासखण्ड स्तर के कर्मचारियों की ली क्लास-बोले…..

 

 

* सभी मिलकर ऐसा कार्य करें की जिला अपने नाम के अनुरूप सूरज की तरह लगे चमकने.

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर/ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.एस. सिंह ने जिला अस्पताल के सभा कक्ष में जिले के समस्त विकासखण्ड विस्तार प्रशिक्षण अधिकारी, खंड डाटा प्रबंधक, समस्त सेक्टर के प्रवेक्षक, और कनिष्ठ सांख्यिकी सहायकों की समीक्षा की बैठक ली। डॉ. सिंह की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक दो पालियों में आयोजित की गई, जिसमें प्रथम पाली में प्रतापपुर, प्रेमनगर और ओड़गी विकासखंड एवं द्वितीय पाली में सूरजपुर, भैयाथान और रामानुजनगर विकासखंड के विस्तार प्रशिक्षण अधिकारी, खंड डाटा प्रबंधक, समस्त सेक्टर के प्रवेक्षक, और कनिष्ठ सांख्यिकिय सहायक मौजूद रहे।

बैठक में जिला कार्यक्रम प्रबंधक गनपत नायक और समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रम के कंसल्टेंट द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की बिन्दुवार जानकारी दी गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा वर्ष 2023-24 में सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लक्ष्य के विरुद्ध उपलब्धि पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। बैठक में जिला कार्यक्रम प्रबंधक गनपत नायक ने बताया की प्रोजेक्ट 222 के अनुरूप कार्य कर राज्य में अपने जिले को सर्वाेच्च शिखर पर लाया जा सकता है। बैठक में मातृत्व स्वास्थ्य एवं शिशु स्वास्थ्य, परिवार कल्याण कार्यक्रम, गैर संचारी रोग जिसमें मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, फाइलेरिया, टीबी, कुष्ठ, मोतियाबिन्द, वयोवृद चौपाल, राष्ट्रीय बाल एवं किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, पोषण पुनर्वास एवं अस्पताल प्रबंधन पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.एस. सिंह ने कहा की प्रोजेक्ट 222 के तहत जिले में सभी मिलकर ऐसा कार्य करें की जिला अपने नाम के अनुरूप सूरज की तरह चमकने लगे।

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के सलाहकार संजीत सिंह ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के बारे में बताते हुये कहा की किसी भी टीबी मरीज के पोषण सहायता के लिये कोई भी व्यक्ति या संस्था टीवी मरीज का गोद ले सकता है। साथ ही टीबी मुक्त पंचायत हेतु दिशा-निर्देशों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के सलाहकार सुरेश गुप्ता ने बताया की कुष्ठ के मरीज की त्वरीत पहचान कर उसका इलाज किया जाए, जिससे मरीज अपंगता से बचे और परिवार एवं समुदाय के बोझ से मुक्त रहे। जिले में समय-समय पर कुष्ठ के मरीजों की खोज कर आने वाले समय में जिले को कुष्ठ मुक्त बनाया जा सके। विकासखंड स्तर पर होने वाले बैठकों में प्रोजेक्ट 222 के बिंदुओं पर समस्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर समीक्षा करने हेतु निर्देशित किया गया।