विज्ञापन कहीं और का राशन दुकान खुल रहे कहीं और ,,पत्थलगांव का मामला ,, कलेक्टर से संसोधन की मांग….

पत्थलगांव ✍️जितेन्द्र गुप्ता

विज्ञापन कहीं और का राशन दुकान खुल रहे कहीं और ,,पत्थलगांव का मामला ,, कलेक्टर से संसोधन की मांग

पत्थलगांव – सड़क बननी थी पत्थलगांव में लेकिन बन गई अम्बिकापुर में इस वाक्ये ने आपको सोंचने को मजबूर कर दिया होगा हम बात कर रहे हैं। पत्थलगांव में होने वाली दो नए राशन दुकान के सम्बंध में जहां विज्ञापन निकला किसी और वार्ड का और राशन दुकान खोली जा रही है किसी अन्य वार्ड में । दरअसल पूरे मामले की बात करें तो पत्थलगांव नगरीय क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। जिससे यहां की जनसंख्या भी तेज गति से बढ़ी है लेकिन जनसंख्या के दबाव के बीच यहां राशन दुकानों की भारी कमी है मात्र चार राशन दुकान के भरोसे शहर के 15 वार्डों के राशन वितरण का कार्य किया जा रहा है जिसे लेकर वार्ड क्रमांक 5एवं8 और वार्ड क्रमांक 14एवं15 को मिलाकर 2 नए दुकानों के सृजन के लिए विज्ञापन की प्रक्रिया के बाद 10 समूहों द्वारा दुकान संचालन हेतू आवेदन किया गया था जिसकी संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी है लेकिन यह जानकारी मिल रही है की पत्थलगांव एसडीएम कार्यालय से भेजी गई फ़ाइल में विज्ञापन के विरुद्ध वार्डों का चयन कर फ़ाइल जिला कार्यालय अनुमोदन हेतू भेजा गया है। यह जानकारी मिलने के बाद कई जनप्रतिनिधियों में इस बात की निराशा भी है जो पूर्णतः गलत प्रक्रिया है स्वसहायता समूह ने मामले की शिकायत कर कलेक्टर महोदय से संसोधन करने की मांग की है एवं दूरी एवं बढ़ती भीड़ को देखते हुए पूर्व प्रस्तावित वार्ड 5 एवं 8 में दुकान खोलने की मांग की है

गलत वार्डों को लिया गया —
प्राप्त जानकारी अनुसार नए राशन दुकान हेतू प्रस्तावित नए वार्ड जिसमें 2 नम्बर एवं 15 नम्बर वार्ड शामिल है जिन्हें आमने सामने तो बताया गया है लेकिन प्रस्तावित स्थल से 2 नम्बर वार्ड कम से कम 5 किमी से अधिक दूरी पर है वहीं 15 नम्बर वार्ड का एक हिस्सा भी स्थल से दूर है हालांकि विज्ञापन के विरुद्ध प्रक्रिया को बदलने में विभाग की मुख्य भूमिका रही है क्योंकि कुछ लोगों ने अपने सुसायटी को बचाने के लिए जमकर पैर दब्ब्वल जो किया है लेकिन उक्त प्रक्रिया को गलत किया गया है ।।

वार्ड क्रमांक 5 ,8 की पुरानी मांग —

पूर्व से ही सर्वे कर वार्ड नम्बर 5 एवं 8 में नई दुकान खोलने के लिए लगातार जनता कि माँग को लेकर विज्ञापन निकाला गया था जिसके नागरिकों को राशन लेने लंबी दूरी तय करनी पड़ती है लेकिन इसमें राजनीतिवश पार्षदों द्वारा आपत्ति लगाई गई हालांकि इस आपत्ति का निराकरण हो चुका था बावजूद वार्डों के चयन में हेरफेर करना समझ से परे है ।।
मामले में जमकर हुई है राजनीति
विपक्षी हैं हावी —
गौरतलब है कि राशन दुकान संचालन में सत्ता पक्ष के लोगों की अहम भूमिका होती ही किंतु एक ओर नगर में इतनी कम मात्रा में राशन दुकान का होना और वर्तमान सभी दुकानों का भाजपा के लोगों के द्वारा संचालन करना भी सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की फजीहत से कम नही है गौरतलब है की इसके लिए कांग्रेस के पार्षद सहित युवा कांग्रेस ने भी इस मांग को कर चुकी है लेकिन इलाके में अब भी विपक्षी पार्टी का बोलबाला यहां के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के ऊपर असर डालता दिखाई दे रहा है ।