क्या जच्चा बच्चा मौत मामले में दोषी डॉक्टर को बचाने में लगे….?..स्वास्थ विभाग ऐसा कौन सी जांच कर रहा है कि 12 दिन बाद भी जांच नहीं हो पाई पूरी….

 

 

 

* जच्चा-बच्चा मौत मामले स्वास्थ्य विभाग जांच रिपोर्ट देने में कर रहा कोताही और पुलिस अपराध पंजीबद्ध करने के लिए कर रही जांच रिपोर्ट का इंतजार।

* रश्मि नर्सिंग होम में जच्चा-बच्चा मौत मामले में आखिर ऐसी कौन सी जांच चल रही है की अभी तक जांच पूरी नहीं हुई?

* जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉक्टर जो रश्मि नर्सिंग होम में डिलीवरी कराती थी वह भी उस मामले के बाद से अस्पताल नहीं आ रही।

* क्या जच्चा बच्चा मामले में अपराध दर्ज ना हो इसलिए जांच रिपोर्ट पुलिस को नहीं दी जा रही?

* गठित जांच टीम रिपोर्ट नहीं दे रही और पुलिस रिपोर्ट के इंतजार में बैठी ऐसे में कैसे मिलेगा पीड़ित को न्याय?

* आखिर रश्मि नर्सिंग होम वैध है या अवैध इसकी जांच कब होगी पूरी?

* यदि जांच में रश्मि नर्सिंग होम अवैध पाया गया तो क्या उसके संचालक व नर्सिंग होम में इलाज करने वाली सरकारी डॉक्टर पर होगी कार्रवाई?

 

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर।  निजी नर्सिंग होम में हुए जच्चा बच्चा की मौत के मामले में स्वास्थ विभाग की संदिग्ध नजर आने लगी है उसके मुख्य वजह है कि स्वास्थ विभाग द्वारा गठित 5 सदस्य टीम 10 दिन बाद भी जांच पूरी नहीं कर पाया है जबकि मामला पूरा साफ है और मामले की जानकारी जिले के तमाम लोगों को है पर स्वास्थ्य विभाग जांच रिपोर्ट में इतनी विलंब क्यों कर रहा कहीं ऐसा तो नहीं कि अपने जिला चिकित्सालय के डॉ को बचाने का प्रयास है जहां जांच रिपोर्ट तैयार कर पुलिस को सौंप देनी थी वहां पर कछुए की चाल में जांच चल रही है पुलिस भी स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट ना आने की बात कहकर पल्ला झाड़ता नजर आ रहा है अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि जच्चा-बच्चा मौत मामले में आखिर कब कार्यवाही होगी और कब पीड़िता को न्याय मिलेगा?

रश्मि नर्सिंग होम में जच्चा-बच्चा मौत मामले में जहां तत्काल जांच करके रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी थी वहां पर लेटलतीफी समझ के परे है आखिर क्यों गठित जांच टीम जांच को पूरा नहीं कर रही क्या वह भी जानती है नर्सिंग होम अवैध तरीके से संचालित था और जच्चा-बच्चा मौत में डॉक्टर की भूमिका संदिग्ध है और उस पर आरोप आ सकता है जिस वजह से उन पर कानूनी कार्यवाही होगी क्या यही वजह है कि स्वास्थ विभाग पुरजोर प्रयास करके रिपोर्ट कोही प्रभावित करने में लगा है या फिर पीड़ितों वाह डॉक्टर कुछ समय दिया जा रहा है कि मामले को समझौता पर खत्म कर ले अपराधिक मामले को समझौते की ओर कहीं खींचने का प्रयास तो नहीं? सूत्रों की माने तो इस मामले के दोषी डॉक्टर भी शहर से कहीं बाहर चली गई है और हो सकता है कि उन्हें इस बात का अंदाजा हो गया है कि उनके ऊपर अपराध पंजीबद्ध होना है जिस वजह से वह पहले ही फरार हो गए हैं जहां उन्हें जिले में रहकर जांच में सहयोग करना था यदि वह दोषी नहीं थी तो फिर वह क्यों शहर छोड़ कर चली गई है आखिर उस डॉक्टर पर जहां तत्काल कार्यवाही करते हुए उसे कार्य से पृथक कर प्रशासनिक कार्यवाही की जानी थी जो अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने नहीं की है नजरें स्वास्थ्य विभाग उस डॉक्टर पर क्यों मेहरबान है जो नियम विरुद्ध तरीके से निजी नर्सिंग होम में प्रैक्टिस कर रही थी और कहीं ना कहीं उस नर्सिंग होम की मालिक भी बनी हुई थी आज जब मामला जच्चा-बच्चा मौत पर जाकर खड़ा हो गया है तो पूरी सच्चाई सामने दिखने लगी है पर सच्चाई को देखने के बजाय आज भी सच्चाई पर पर्दा डालकर उस डॉक्टर को बचाने का प्रयास देखा जा रहा है।
गौरतलब है की यहां जिला अस्पताल में पदस्थ महिला चिकित्सक व स्टाफ सहित निजी नर्सिंग होम की लापरवाही उजागर हुई थी। जहां प्रसव के बाद जच्चा बच्चा दोनों की मौत का मामला सामने आया था। जिसके बाद परिजन थाने पहुंचकर निजी नर्सिंग होम पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराया है।

दरअसल पूरा मामला सूरजपुर के तिलसिवां में स्थित रश्मि नर्सिंग होम का है, जहां भुवनेश्वरपुर की रहने वाली पूजा साहू को प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था । परिजनों का आरोप है कि वह 3 अप्रैल को पूजा को लेकर प्रसव के लिए जिला चिकित्सालय आए थे, जहां उसका 4 अप्रैल तक इलाज किया गया, लेकिन जब वह पूजा की हालत में सुधार नही हुआ तो वह उसे लेकर अंबिकापुर किसी अन्य हॉस्पिटल उपचार के लिए जाने पर विचार कर रहे थे,, इसी दौरान जिला चिकित्सालय की डॉक्टर और नर्सिंग होम संचालक डॉ रश्मि ने उन्हें यह कहते हुए अपने नर्सिंग होम में एडमिट करा लिया कि जो वहां उपचार होगा वह उपचार उनके नर्सिंग होम में हो जाएगा। परिजनों ने बात मानते हुए पूजा को 4 अप्रैल की शाम डॉक्टर रश्मि के नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया जहां 5 अप्रैल को पूजा का बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ और कुछ देर बाद रात में पूजा ने भी दम तोड़ दिया। बहरहाल अब शिकायत मिलने के बाद पुलिस नर्सिंग होम पहुंचकर जांच में जुट गई थी साथ ही प्रशासन के निर्देश पर गठित स्वास्थ विभाग पांच सदस्यीय जांच टीम बनाई थी जिसमें आरके त्रिपाठी , दीपक जायसवाल , शैलेश गुप्ता , डॉ गरिमा सिंह , जे आर सुरता शामिल रहे टीम ने जांच रिपोर्ट तैयार कर अपने उच्च अधिकारी को प्रेषित कर दिया है। वही पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है। अब देखने वाली बात होगी की क्या कारवाही होती है।

* कराई जा रही है जांच कल जांच रिपोर्ट होगा प्रस्तुत सीएमएचओ-

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सिंह ने कहा कि 5 सदस्य टीम ने जांच कर अपनी रिपोर्ट दे दी है और बाकी जांच अभी बाकी है इसके बाद निश्चित थी दोषियों को पर कार्रवाई की जाएगी कल जांच रिपोर्ट कलेक्टर मैडम के यहां दिया जाएगा

* पुलिस भी पीएम व जांच रिपोर्ट का कर रही इंतजार –

सूरजपुर पुलिस को भी अच्छा मुद्दा मिल गया है और वह भी इस मामले मैं गंभीर नहीं दिख रही यही वजह है कि वह भी पीएम व जांच रिपोर्ट का हवाला देकर हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है अब पुलिस को इंतजार है कि पीएम रिपोर्ट व जांच रिपोर्ट आएगी तब वह कार्रवाई करेंगे पर पुलिस भी पीएम रिपोर्ट व जांच रिपोर्ट मंगाने में तत्परता नहीं दिखा रही है।