पैंगोलिन के खाल की हो रही थी तस्करी, वन विभागको हो गई खबर, बिछाया ऐसा जाल 3 तस्कर को पड गया महंगा……

 

 

* जबलपुर वन विभाग के अधिकारियों ने तस्करों को पकडऩे बनाया था प्लान, पेंगोलिन की खाल का तस्करों से सौदा तय होने के बाद तय स्थान पर बुलाकर पकड़ा गया, आरोपियों को भेजा गया जेल.

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर जिले के प्रतापपुर क्षेत्र में वन्य प्राणियों का शिकार कर उनके खाल की लंबे समय से तस्करी की जा रही है। इसी बीच सुदूर वनांचल क्षेत्र में पैंगोलिन के 10 किलोग्राम सिल्क के साथ 3 तस्करों को वन विभाग की टीम ने जाल बिछाकर पकड़ा है। उनके पास से 2 बाइक भी जब्त की गई। योजनाबद्ध तरीके से सूरजपुर वन मंडल के घुई वन परिक्षेत्र अंतर्गत 11 नंबर से रमकोला जाने वाली सडक़ के बीच तस्करों को पकड़ा गया। वन अमले ने आरोपियों को न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है। वन विभाग द्वारा तस्करों को पकडऩे जाल बिछाया गया था, इसके लिए विभाग के अधिकारी ग्राहक बनकर तस्करों से लगातार बातचीत कर रहे थे। जब सौदा तय हो गया तो वे पकड़े गए।

वन विभाग को लगातार सूचना मिल रही थी कि कुछ लोग पैंगोलिन खाल की तस्करी कर रहे हैं। इस पर सूरजपुर वन मंडल अधिकारी संजय यादव के निर्देश पर डब्ल्यूसीसीबी जबलपुर के टीम साथ संयुक्त टीम गठित की गई। फिर योजनाबद्ध तरीके से संयुक्त टीम 11 नंबर से रमकोला मुख्य मार्ग के बीच तस्करों का इंतजार करने लगी।

इसी दौरान टीम को कछुआ नाला के समीप दो बाइक में तीन लोग संदिग्ध स्थिति में जाते दिखे। टीम ने उन्हें पकडक़र तलाशी ली तो उनके पास से पैंगोलिन का 10 किलो सिल्क मिला।

पूछताछ में उन्होंने अपना नाम चरकु पिता शिवलाल उम्र 35 वर्ष निवासी ग्राम धुरिया भेलकच्छ, तनगु पिता सोमारु उम्र 30 वर्ष निवासी ग्राम दुलदुली व विजय पिता धनसाय उम्र 21 वर्ष निवासी दुलदुली बताया। संयुक्त टीम ने पेंगोलिन का 10 किलो सिल्क जब्त कर तीनों आरोपियों को पकडक़र वन विभाग के कार्यालय ले आई।

मामले में वन अमल ने आरोपियों को वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 39(अ), (ब), 49 (ख), 50(स)के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। यहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। इस कार्रवाई में एसडीओ वन प्रतापपुर आशुतोष भगत, रेंजर घुई संस्कृति बारले, रेंजर विनय टंडन, डिप्टी रेंजर सुरेंद्र सिंह, विष्णु गिरी व अन्य कर्मचारी शामिल रहे।


* आरोपियों को दबोचने तय किया सौदा.

इस विषय में वन विभाग के एसडीओ व वन परिक्षेत्र अधिकारी ने बताया कि लंबे समय से पेंगोलिन के खाल की तस्करी की सूचना मिल रही थी। इसके मद्देनजर जबलपुर की वन विभाग की टीम ने आरोपियों को दबोचने के लिए योजना तैयार की।

टीम द्वारा विगत कुछ महीनों से फोन पर लगातार तस्करों से बातचीत की जा रही थी। इसमें टीम को सफलता भी मिली। पैंगोलिन की खाल का सौदा तस्करों से तय हो गया। फिर वन विभाग की टीम द्वारा बिछाए गए जाल में तस्कर फंसकर पकड़े गए।