भाजपा की जांच समिति ने फर्जीवाड़ा का शिकार हुए पीड़ितों का किया बयान दर्ज…

जशपुर✍️जितेन्द्र गुप्ता

भाजपा की जांच समिति ने फर्जीवाड़ा का शिकार हुए पीड़ितों का किया बयान दर्ज

जशपुरनगर

आदिम जाति विकास विभाग में हुए फर्जी नियुक्ति के मामले की जांच के लिए भारतीय जनता पार्टी द्वारा गठित जांच समिति सोमवार को पीड़ितों का बयान दर्ज किया। इस समिति में सांसद श्रीमती गोमती साय के साथ ओपी चौधरी,जिला पंचायत जशपुर की अध्यक्ष श्रीमती रायमुनि भगत,प्रदेश कार्यसमिति सदस्य नरेश नंदें और भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य नीतिन राय शामिल थे। पार्टी के कार्यक्रम में व्यस्त होने के कारण ओपी चौधरी,जांच समिति की इस बैठक में नहीं पहुंच पाए थे। पीड़ितों ने जांच समिति को बताया कि आदिवासी विभाग में उन्हें चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति दिए जाने का झांसा देकर 1 से 3 लाख रूपए तक की मांग की थी। पीड़ितों के अनुसार उन्होनें इस मांग की गई राशि को सीधे जिले के तात्कालिन सहायक आयुक्त एसके वाहने और कुछ ने मंडल अध्यक्ष को दिया था। पीड़ितों ने बताया कि विभाग की ओर से उन्हें नियुक्ति पत्र देकर,लगभग दो माह तक छात्रावास और आश्रमों में काम भी कराया गया। एक दिन अचानक उन्हें मंडल अध्यक्ष ने बिना किसी कारण के काम पर न आने का मौखिक आदेश दे दिया। उन्हें न तो काम करने का वेतन दिया गया और न ही लिए गए रूपए लौटाए गए। सभी पीड़ितों से इस मामले की शिकायत जिला प्रशासन से की है। लेकिन मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। पीड़ितों का बयान दर्ज करने के बाद मिडिया से चर्चा करते हुए सांसद श्रीमती गोमती साय ने कहा कि आदिवासियों के विकास का दावा करने वाली छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार का यही असली चेहरा है। सरकारी विभाग और सरकारी अधिकारी जब आदिवासियों से इस तरह से खुले आम लाखों की ठगी कर रहें हैं और शिकायत के बावजूद सरकारी तंत्र मौन साधे हुए बैठा हुआ है। उन्होनें कहा कि सरकार दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करती तब तक भाजपा इस मामले को संसद से लेकर सड़क तक उठाती रहेगी। नरेश नंदे ने कहा कि फर्जीवाड़ा का शिकार हुए गरीब आदिवासी वर्ग के बेरोजगार युवक कर्ज में डूब चुके हैं। दोषियों के खिलाफ जब तक सरकार कार्रवाई नहीं करती भाजपा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करती रहेगी। जिला पंचायत जशपुर की अध्यक्ष श्रीमती रायमुनि भगत ने कहा कि इतने गंभीर मामले में प्रदेश सरकार की चुप्पी हैरानी की बात है। इससे साबित होता है कि सरकार और इसके प्रतिनिधि आदिवासियों के न्याय के लिए गंभीर नहीं हैं। नीतिन राय ने इस पूरे फर्जीवाड़े के लिए सीधे तात्कालिन सहायक आयुक्त एसके वाहने को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि जब तक उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हो जाता,तब तक भाजपा के कार्यकर्ता शांत नहीं बैठेगें।