ग्राम कछार वासी पहुचे थाना ढिया शिकायत पत्र कहा मुख्यमंत्री एवं कलेक्टर को भी दिए है शिकायत पत्र मामला है दशकों से कब्जो वाली जमीन में पटवारी आरआई से मिलकर हासिल किया गया पट्टा जांच कर निरस्त करने की है मांग….

पत्थलगांव✍️जितेन्द्र गुप्ता

कछार के ग्राम वासी ने मुख्यमंत्री भुपेस बघेल के साथ जनदर्शन में कलेक्टर को पत्र देकर कई पीढ़ियों से जमीन पे कब्जा एवं काबिज होने की बात बताई है। वही शासकीय सेवा में काबिज लोगो के द्वारा आरआइ पटवारी से साठ गांठ कर जमीन का पट्टा प्राप्त करने की बात कही उच्व स्तरीय जांच कर पट्टा निरस्त करने की मांग करते हुए पत्थलगांव थाने में दिया शिकायत पत्र

पत्थलगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत कछार के निवासी गुरुचरण पिता सेयनाथ, मिनुराम, संजय तिग्गा, किरण, राजनाथ तिग्गा सूरजभान तिग्गा, कछार स्कूल पारा ने लगाए अनेक आरोप कहा हम कई पीढ़ियों से कमा रहे है। अपने जमीन पे अपने जन्म से है। हम काबिज हमारे बाप दादा भी कमाते आये है। फिर भी पटवारी आरआई से मिलकर जमीन सबंधी दस्तावेजो में हेरफेर कर जमीन का पट्टा दे ढिया गया है। जिसे जांच कर निरस्त करने की मांग करते है।


गुरुचरण पिता सेयनाथ, मिनुराम, संजय तिग्गा, किरण,राजनाथ तिग्गा सूरजभान तिग्गा ने अपने शिकायत पत्र में लिखा है। 1. विषयांतर्गत निवेदन है कि हम प्रार्थीगण. गुरूचरण पिता सैनाथ जाति गोड़ 2. मीनू राम पिता पुनीराम जाति गाड़ा हम सभी का निवासी गाम कछार तह . पत्थलगाँव , जिला – जशपुर ( छ.ग. ) के निवासी हैं । एवं हम प्रार्थीगण के कब्जा भूमि पर देवेन्द्र पिता गुरुबारू जाति महकुल ने आर आई एवं पटवारी से सांठ – गांठ कर फर्जी तरीके से घास जमीन पर ख.न. 331 / 9 273 / 34 एवं 273/32 का नक्शा 1981-82 अपने नाम पर करवा लिया है । जबकि उपरोक्त भूमि पर हम 100 साल से ऊपर से कब्जा में रहे हैं । चूंकि देवेन्द्र पिता गुरुबारू जम्म पर्यन्त काबिज में नहीं है । 2. यह है कि देवेन्द्र पिता गुरुबारू एक शासकीय कर्मचारी सचिव के पद पर तथा उसका पिता गुरुबारू शिक्षक के पद पर पदस्थ होते हुए शासकीय भूमि पर अपना पट्टा वर्ष 1981-82 में बनवा लिया है जो कि दोनों पिता पुत्र शासकीय कर्मचारी होते हुए भी उनके नाम पर शासकीय भूमि का पट्टा कैसे मिला । 3. यह है कि भूमि पर हम प्रार्थीगण के नाम पर ख.न. 331/6 / ख एवं 331/7 . 331 / 9 रकबा 0.32 0.80 0.50 ख.नं. 303 / 1 / ख / 1 रकबा रकबा 1 : 120 ख.नं. 331/1 रकबा 0.324 जिसका पुख्ता सबूत 0.186 , ख.नं. 303 / 1 / क हमारे पास है एवं 4. यह है कि इसी तरह का फर्जी 273 / 58 ख.नं. रकबा 0.688 का भूमि को धोखे से नक्शा कटवाया है । एवं छल करते हुए उक्त भूमि सिलिंग भूमि को करोड़ों में सौदा कर तथा शासन को गुमराह कर हमें अपने भूमि एवं हक से वंचित करना चाहते हैं । जिस कारण देवेन्द्र यादव पिता गुरुबारू को 331/9 . 273 / 34 , 273 / 32 एवं 273 / 58 का पट्टा कैसे मिला ।


देवेन्द्र पिता गुरुबारु का जीवन पर्यन्त काबिज़ भी नही है। कब्जा हमारे पूर्वजों का कई पीढ़ियों से चला आ रहा है। एवं देवेन्द्र यादव हमें ऐसी फर्जी करके कई दिनों से हम आदिवासियों को हमारे जाति के नाम पर • गाली गलौज , डराना – धमकाना एवं लड़ाई झगडा होते रहता है। जिसका रिपोर्ट कई बार हो चूका है परन्तु आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो रहा है।जिसका दस्तावेज संलग्न है। गाँव में इसी तरह फर्जी तरीके से नक्शा कराकर भू माफियों का रोल निभा रहे हैं एवं गाँव में अशांति फैला रहे हैं । 6. अतः आप से निवेदन है कि उक्त भूमियो ख.नं. 331/9 , 273/34 , 273132 एवं 273/58 का पट्टा देवेन्द्र यादव को कैसे मिला के सम्बन्ध में अभिलेख | पट्टे एवं कब्ज़े का उच्च स्तरीय जांच कराना चाहते हैं एवं उचित कार्यवाही करते हुए हमें हमारे पूर्वजों के समय से किये गए कब्जे के हिसाब से हमारे कब्ज़े भूमि का पट्टा प्रदान किया जावे।