गुमास्ता एक्ट की उड़ रही धज्जियां, शहर में श्रम विभाग की उदासीनता के चलते शहर में गुमाश्त एक्ट बना मजाक…..

 

* श्रम विभाग की उदासीनता के चलते शहर में गुमाश्ता एक्ट मजाक बनकर रह गया है।व्यापारी इस एक्ट की खुलकर धज्जियां उड़ा रहे हैं।

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर जिला मुख्यालय में गुमास्ता एक्ट कागजो में सिमट कर रह गया है, सुरजपुर की अधिकांश दुकानदार गुमास्ता कानून का उल्लंघन कर रहे हैं।। श्रम प्रावधान के तहत सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए साप्ताहिक अवकाश रखना अनिवार्य है और सुरजपुर में शनिवार को व्यवसाईक अवकाश घोषित किया है बावजूद इसके शहर में शनिवार को भी बड़ी संख्या में दुकान खोले जा रहे हैं। जिससे इन दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारी सप्ताह में एक दिन भी अपने परिवार के साथ नहीं गुजार पा रहे हैं। देखने वाली बात यह है कि गुमाश्ता एक्ट को ठेंगा दिखाने वाले दुकानदारों के खिलाफ श्रम विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है या ये कहें कि श्रम विभाग के संरक्षण में गुमास्ता एक्ट की धज्जियां उड़ाई जा रही है,

जिला मुख्यालय के बाजारों में न तो साप्ताहिक अवकाश का ध्यान रखा जा रहा है और न ही दुकानें समय पर बंद हो रही हैं। गुमाश्ता कानून के तहत रात 9 बजे के बाद शहर के किसी भी मार्केट में दुकान नहीं खोला जा सकता है। लेकिन यहां के कुछ दुकानदार अपनी मर्जी से काम कर रहे हैं। इससे पता लगता है कि श्रम विभाग कितना मुस्तैद है। वहीं शहर के कुछ व्यापारियों का कहना है कि बाजार में अधिकांश व्यापारी ऐसे हैं जो अपनी मर्जी से दुकानें बंद करते हैं।

* क्या कहता है कानूनः

आपको बता दे महिला कर्मचारियों को लेकर जो नियम बनाए गए है वह कागजों में ही सिमट कर रह गए है जिले में नियम को पालन करने वाले अधिकारी गहरी नींद में नजर आ रहे है। छग कानून एवं स्थापना अधिनियम के अंतर्गत प्रावधान है कि गुमास्ता कानून के तहत सप्ताह के एक दिन सभी दुकानदारों को अपनी दुकान बंद रखनी होगी। साथ ही दुकान या स्थापना में काम कर रहे कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश भी देना होगा। इसका उल्लंघन करने पर दुकानों पर चालान काटने का भी कानूनी प्रावधान है।किंतु जिले में जिम्मेदार अधिकारी मौन धारण किए हुए है।

जिले के कई दुकानों में आज भी बाल श्रमिक कार्यरत हैं,श्रम विभाग के द्वारा कोरम पूरा करने के लिए बीच-बीच मे कार्रवाई भी की जाती है,लेकिन सवाल यह है कि श्रम विभाग कुछ खास मौके पर ही कार्रवाई क्यों करता है ?? जबकि क्षेत्र में लगातार बाल श्रम के मामले देखने को मिल रहे हैं जो श्रम विभाग के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है

बाजार में व्यापारी अवकाश के दिन दुकान खोल रहे हैं तो हम श्रम विभाग के अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश देंगे।

रवि सिंह, एसडीएम सूरजपुर।

अब देखने वाली बात होगी की क्या जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही करते है या यूं ही कुछ खास दिनों में ही कार्यवाही कर खानापूर्ति करते रहेंगे।