सूरजपुर जिले के उत्कृष्ट 07 शिक्षक हुए अक्षय अलंकरण सम्मान से सम्मानित…..

 

 

*अक्षय शिक्षा समिति ने पांच बिंदुओं को आधार मानकर साक्षात्कार कर चयन किया गया.

सूरजपुर : अक्षय शिक्षण समिति रायगढ़ ने कर्मवीर साहित्य साधक संघर्षशील शिक्षाविद स्व. अक्षय कुमार पाण्डेय जी की जयंती में अक्षय शिक्षण समिति के द्वारा अक्षय शिक्षा अलंकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। अलंकरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व कुल सचिव डॉ. के. के. तिवारी, विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. सुचित्रा त्रिपाठी, प्रसिद्ध शिक्षाविद जया षड़ंगी, रामचंद्र शर्मा संपादक क्रांतिकारी संदेश उपस्थित थे। समिति के अध्यक्ष उजयनी पाण्डेय, कार्यक्रम के अध्यक्षता सतीश पाण्डेय जिला शिक्षा अधिकारी व उपाध्यक्ष अक्षय शिक्षण समिति रायगढ़ थे। इस कार्यक्रम के समीक्षक लक्ष्मण मगर , डॉ. व्ही. पी. चंद्रा, डॉ. फरहाना आलम, डॉ. गजेंद्र तिवारी बेहतर समीक्षा करते हुए शिक्षकों को मार्गदर्शन प्रदान किए।
बता दें कि इस अलंकरण समारोह में 33 मुख्य अवार्ड सहित 113 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ठता हासिल करने वाले शिक्षकों का चयन कर प्रत्येक वर्ष अक्षय शिक्षा अलंकरण सम्मान से नवाजा जाता है। इस समिति का इस वर्ष पांचवा वर्ष है।

*सूरजपुर से अक्षय अलंकरण में सम्मानित हुए शिक्षक व उनका संक्षिप्त परिचय*

कृष्ण कुमार ध्रुव व्याख्याता शा. उ. मा. विद्यालय कोटेया, प्रेमनगर को अक्षय शिक्षा अलंकरण समिति ने सम्मानीत किया है। बता दें कि कृष्ण कुमार ध्रुव ने अनेक गतिविधियों से बच्चों को जोड़कर कार्य कर रहे हैं। इनके द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता,नशा मुक्ति, सामुदायिक सहभागिता व जागरूकता में महत्वपूर्ण भूमिका है। साथ ही स्काउट गाइड के बेहतर लीडर के रूप में लगातार कार्य कर रहे हैं।

सुजीत कुमार मौर्य व्याख्याता कन्या “टी” प्रतापपुर छात्राओं को लगातार हार गतिविधियों में शामिल कर प्रेरित करते आ रहे हैं। साथ ही इज्जत जैसे संस्था से जुड़कर स्वयं ही छात्राओं को घर घर जाकर सेनिटरी पेड वितरण कर उनको माहवारी के समय होने वाले परेशानियों से बचाते आ रहे हैं और जन समुदाय व स्काउट गाइड से जुड़कर लगातार सामाजिक कार्य करते आ रहे हैं।

शिवेन्द्र कुमार सिंह प्रा. शाला नरकालो विखं भैयाथान ने जब से शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखा है तब से अनवरत अनेक गतिविधियों से छात्रों को जोड़े रखा, जहां छात्र विद्यालय नहीं आते वहां शत प्रतिशत छात्राओं की उपस्थिति लाने में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। आज इनके द्वारा विद्यालय परिसर को बेहतर माहौल दिया गया है और समुदाय से जुड़कर बेहतर शिक्षा के लिए लगातार प्रयासरत है।

रीता गिरी व्याख्याता, कन्या उ. मा. विद्यालय अघिना सलका ने छात्राओं के अंदर शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाने उनमें व्यक्तित्व विकास करने अनेक सराहनीय कार्य कर रहे हैं। उनके द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रभारी के रूप में बेहतर कार्य करते हुए अनेक छात्राओं को उच्च शिखर तक पहुंचाकर सम्मान दिलाया और लगातार समाज के हिस्से के रूप समाज के साथ जुड़कर कार्य कर रहे हैं।

मीना राजवाड़े प्रा. शाला बरौटी विखं भैयाथान ने लॉकडाउन के समय छात्राओं को मास्क बनाना सिखाई, साथ ही घर घर जाकर मास्क वितरण करते हुए लोगों को जागरूक किये। साथ ही शिक्षा और स्काउट गाइड को लेकर बेहतरीन कार्य करते हुए छात्राओं को अच्छी शिक्षा प्रदान कर रही हैं।

मनोज कुमार पाटनवार मा. शाला कालीपुर विखं प्रेमनगर ने बच्चों को अनेक संस्कारिक कार्यक्रम आयोजित कर छात्रों में संस्कार परोस रहे हैं। साथ ही किचन गार्डन का बेहतरीन देखभाल कर अपने विद्यालय के छात्रों को लगातार ताजी सब्जियां उपलब्ध कराने इनका योगदान रहा है और समुदाय के साथ बेहतर समन्वय के साथ काम करते हुए छात्रों को मापदंड अनुरूप शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

दिनेश कुमार साहू मा. शाला सुन्दरगंज ने कोरोना काल के समय लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। साथ ही विभाग को खेल के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं। साथ ही साथ विद्यालय को डिजिटल विद्यालय बनाने में दिनेश साहू जी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इनको विभाग द्वारा जिला स्तर के कार्यक्रम में भी सम्मान से नवाजा जा चुका है।

*अक्षय शिक्षा अलंकरण समिति के ये थे मापदंड*

अक्षय शिक्षा अलंकरण हेतु चयन करने के निर्धारित मापदण्ड निम्नानुसार है
*1* विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु शिक्षक की प्रमुख भूमिका तथा वह विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास हेतु सक्षम भी हो एवं कार्य करने के लिए तत्पर भी हो।
*2* . शिक्षक पालकों समुदाय जनप्रतिनिधियों से निरंतर एवं जीवंत संपर्क तथा इन लोगों से विद्यालय एवं विद्यार्थियों के विकास हेतु आवश्यक सहयोग लेने मे समर्थता हो ।
*3* . शिक्षक अपने साथी शिक्षकों को प्रभावशाली, प्रेरणादायी मार्गदर्शन देने में सक्षम हो जिसके फलस्वरूप साथी शिक्षक अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य करने के लिए तत्पर हो एवं उच्चाधिकारियों से निरंतर संपर्क में रहे।
*4* .समय के साथ शिक्षक अपने स्वयं की क्षमता एवं दक्षता विकास के लिए सदैव तत्पर हो।
*5* शिक्षक समाज का पथ प्रदर्शक होता है अतः शिक्षक सदैव सामाजिक सारोकारों के विषयों में अपनी सहभागिता देने में सक्षम हो।
उक्त बिंदुओं के आधार पर सभी का चयन लिखित टेस्ट तथा साक्षात्कार के माध्यम से किया गया।

हर व्यक्ति को शिक्षक बनने से पहले विद्यार्थी बनना पड़ता है:-

इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि डॉ. के. के. तिवारी ने कहा बच्चों के प्रथम गुरु माता है इस भावना को लेकर काम करना हैं। किसी चीज को बार बार उनके मना करने पर भी प्रयास जारी रखना चाहिए एक दिन सफलता जरूर मिलेगी। हर व्यक्ति को शिक्षक बनने से पहले विद्यार्थी बनना पड़ता है और हर व्यक्ति हमेशा विद्यार्थी रहता है। एक श्रेष्ठ शिक्षक वही होता है जो आखिरी पंक्ति मे बैठे व्यक्ति को शिक्षा दे पाता है।

इस कार्यक्रम में अनेक शिक्षाविदों व अवार्डी शिक्षकों ने शिक्षा पर वक्तव्य दिया व मंथन किया गया। प्रा. शाला केदवाहिबार बरमकेला के छात्रों का प्रस्तुतिकरण कराया गया जो हिंदी को फर्राटेदार पढ़कर सुनाया व छात्रों द्वारा छत्तीसगढ़ व भारत के जनरल नॉलेज के प्रश्नों का फटाफट उत्तर देने को देखकर सभी अवार्डी शिक्षक दांतों तले उंगली दबा लिए। इस विद्यालय के प्रधान पाठक सुरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया हम बच्चों को दादा पोता जैसे व्यवहार करते हैं साथ ही उनको हम अतिरिक्त समय और नियमित योजना बनाकर शैक्षिक कार्य कराते हैं।
सूरजपुर जिले के 07 शिक्षकों का अक्षय अलंकरण सम्मान समारोह में सम्मानीत होने पर जिले में हर्ष है। इस सम्मान पर जिले के अधिकारी, शिक्षक साथी और परिवारों ने बधाई व शुभकामनाएं दिए।