कलेक्टर बोले- जनपद सीईओ हर गौठानो में जाकर करे मॉनिटरिंग जो हो कमी तत्काल करें पूरा……

 

 

* गौठान के बेसिक अधोसंरचना की जानकारी लेकर गौठान समिति का गठन अनिवार्य रूप से करने निर्देश दी.

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर/  कलेक्टर इफ्फत आरा ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में राज्य शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी एवं गोधन न्याय योजना की ब्लॉक वार समीक्षा की। उन्होंने जिले में संचालित गौठानो की जानकारी, आवर्ती चराई गौठनो की जानकारी लेकर गौठान के बेसिक अधोसंरचना जैसे फेंसिंग, सीपीटी, कोटना, पानी की उपलब्धता, बिजली व्यवस्था, चारागाह व्यवस्था, गोबर खरीदी, वर्मी कंपोस्ट निर्माण एवं बिक्री, गौठान समिति का गठन, गौठान में विभिन्न प्रकार के गतिविधियां संचालित करने के लिए निर्धारित इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधार पर प्रत्येक गौठान में व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दी तथा गौठान के बेहतर संचालन के लिए गौठान समिति का अनिवार्य रूप से गठन करने के निर्देश दी।

समीक्षा बैठक में डीएफओ संजय यादव, जिला पंचायत सीईओ लीना कोसम, जनपद पंचायत के सीईओ, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, मत्स्य विभाग, पशु पालन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, सहकारिता विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर ने सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को गौठान के बेसिक अधोसंरचना पूर्ण कर सभी गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दी एवं अपूर्ण अधोसंरचना को पूर्ण कर कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दी है। उन्होंने कार्यों के बेहतर संचालन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के कृषि विभाग के अधिकारी को दी। उन्होंने गोबर खरीदी के भुगतान की स्थिति की जानकारी ली तथा समय अवधि में भुगतान प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए कहा है। उन्होंने सभी जनपद सीईओ को प्रत्येक गौठान का निरीक्षण करने तथा सभी गतिविधियों की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दी। उन्होंने वर्मी कंपोस्ट की खरीदी की व्यवस्था सुनिश्चित करने विभाग के अधिकारियों को कहा है जिससे वर्मी कंपोस्ट की उपयोगिता सही समय में की जा सके। उन्होंने आवर्ती चराई के गौठान में भी गौठान समिति का गठन करने कहा है। कलेक्टर ने गौठानो में सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए चौकीदार रखने निर्देशित किया है। उन्होंने गौठान में चारागाह, पानी व्यवस्था, बिजली व्यवस्था सुनिश्चित करने निर्देश दी।
कलेक्टर इफ्फत आरा ने गौठानो में बहुउद्देशीय गतिविधियां संचालित करने के लिए, महिला स्व सहायता समूह को रोजगार की निरंतरता उपलब्धता हो इसके लिए बाड़ी विकास, मुर्गी पालन, बकरी पालन, मशरूम उत्पादन जैसे गतिविधियां नियमित करने निर्देशित किया है।