कछार के शिव मंदिर में चैत्र नवरात्र में भक्तो की लगातार उमड़ रही है भीड़ पूरे मंदिर परिसर की भब्यता देखते बन रही है….

पत्थलगांव ✍️जितेन्द्र गुप्ता

पत्थलगांव के कछार शिव मंदिर में रात्रि आरती में भक्तो की उमड़ी भीड़


कछार के शिव मंदिर में चैत्र नवरात्र में भक्तो की लगातार उमड़ रही है भीड़ पूरे मंदिर परिसर की भब्यता देखते बन रही है।


मंदिर की साज सज्ज़ा की भक्तो के द्वारा की आ रही सराहना जिनके मंदिर में ज्योति कलश स्थापित है वे और उनके परिवार के लोग आ रहे लगातार दर्शन करने मंदिर समिति के लोग सुबह से शाम तक मंदिर मि तैयारी में भिड़े देखे जाते है। मंदिर परिसर में ही बड़े बड़े पेड़ो के बीच बैठ कर भण्डारा प्रसाद खाने में अदभुत आनन्द मिलता है भक्तो को रात्रि आरती में भक्तो की सँख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। आरती के बाद महिलाएं मंदिर में माता रानी के भजन में नाचते गाते दिखते है।

आचार्य चन्द्रेश्वर मिश्रा ने नवरात्रि की द्वितीय दिवस ब्रह्मचारिणी देवी की उपासना की महिमा बताते हुए समय चक्र और काल चक्र के बारे में बताया कहा कि वर्तमान समय जो है वो बाद में नहीं आने वाला अतः समय के साथ चलने वाला कभी भी पराजित नहीं होता

अतः जो अभी पिंगल संवत्सर प्रारम्भ हुआ यह हमें हमारे परिवार को नया उर्जा प्रदान करें हमारे लिए यह वर्ष फलदाई बन सके वर्ष पर्यन्त कोई कठिनाई न उपस्थित हो इसके लिए हमें माता रानी का आशिर्वाद प्राप्त हो इसलिए हमारी सनातन संस्कृति में साल की शुरुआत नवरात्रि से हुआ क्योंकि मां से बढ़कर कोई नहीं होता और महराज ने बताया कि ईश्वर की महति कृपा जब होता है। तो मानव जीवन प्राप्त होता है। और इस मानव जीवन को सार्थक करने का एक मात्र उपाय है।

भगवती के चरणों में समर्पित होना और भगवती के चरणों में समर्पित होने के लिए संत की कृपा जरुरी है कहा भी गया है ,,संन्तन के संग लाग रे तेरी बिगड़ी बनेगी ,, और संत की कृपा होते ही भक्ति जागृत होती है और उस भक्ति से भगवती की प्राप्ति होती है भक्ति के लिए भावना प्रधान है।

कहा भी गया है कि वाक्यं तृप्यन्तु पितरा: सर्वे भावं मिच्छन्तु देवता: इस को देखते हुए भावना सच्ची है तो भगवती की प्राप्ति होती है कहा भी गया है जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी जिस भावना आप भजोगे प्रभु उसी रुप में आपको प्राप्त होंगे इसमें कोई संदेह नहीं है।

कछार मंदिर समिति के कृष्णा अग्रवाल, पद्मन पटेल, खितिज खूंटियां, जितेन्द्र गुप्ता, पप्पू यादव, गोपाल गोयल, चिंटू अग्रवाल, आयुष अग्रवाल, त्रिलोचन यादव,टुनटुन मिश्रा, नन्दलाल यादव, लछमन यादव, दिपांसु अग्रवाल, अंकित अग्रवाल, पंकज गोयल के साथ अन्य और लोग मंदिर के कार्य मे हाथ बटाते रहते है।