संविधान दिवस के अवसर पर जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन, बोले -संविधान हमारे देश के सभी ग्रन्थो से है सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ……

 

 

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर/ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के दिशानिर्देशन में जिला न्यायाधीश अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सूरजपुर गोविन्द नारायण जांगडे एवं प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सूरजपुर श्रीमती सुषमा लकड़ा के निर्देशन में संविधान दिवस के अवसर पर ग्राम पंचायत तिलसिवा, जिला जेल सूरजपुर एवं पोस्ट मैट्रिक अजजा कन्या छात्रावास सूरजपुर में संविधान दिवस के अवसर पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सूरजपुर की ओर से न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रवीण कुजूर, न्यायिक मजिस्ट्रेट पुनित तिग्गा, न्यायिक मजिस्ट्रेट अजय लकड़ा एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती सावित्री रक्सेल के उपस्थिति में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम की शुरुआत श्रीमती सावित्री रक्सेल जी के द्वारा संविधान की उद्धेशिका का वाचन कराने एवं अपने कर्तव्यों का पालन करने हेतु शपथ दिलाने के साथ की गई। कार्यक्रम में पुनित तिग्गा ने कहा इसी से हमें हमारे अधिकार प्राप्त है, संविधान हमें अधिकारों के साथ पढ़ने-लिखने की आजादी प्रदान करता है देशभर में 26 नवम्बर संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। संविधान दिवस को राष्ट्रीय कानून दिवस एवं भारतीय संविधान दिवस के नाम से भी जाना जाता है। देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को विधिवत रूप से 26 नवम्बर 1949 को स्वीकार किया था हालाकी स्वीकार करने के बाद 28 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया था। इस दिन हर देशवासी इस बात को लेकर गौरव महसूस करता है कि संविधान हम सब के सर की छत है।

कार्यक्रम में सहायक जेल अधीक्षक ए. के. शुक्ला, इरिनियुश कुजूर, शिक्षक नरेश तिर्की, प्राचार्य प्लादियुश बखला. राजकुमार बड़ा, ज्योतिश एक्का, युजिन लकड़ा, नोर्बट तिर्की, अनिल टोप्पो, अनिल कुजूर, शिक्षिका श्रीमती प्रेमलता कुजूर, श्रीमती कान्ती लकड़ा, श्रीमती वेलेंटिना तिर्की, छात्रावास अधीक्षिका श्रीमती मंजू एक्का एवं श्रीमती पूर्णिमा सिंह, पैरा लीगल वालेंटियर्स रोहित कुमार राजवाडें सद्दाम हुसैन, कुमारी कांति सिंह, राशिद, सत्य नारायण एवं ग्रामिणजन, छात्राएं एवं जेल में निरूद्ध बंदी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।