वरिष्ठजनों का किसी प्रकार की उपेक्षा न हो इसके लिए सरकार समय समय पर बनाती है कानून हमें प्रारंभ से अपने संस्कारों को उचित रूप से परिवार में करना है स्थापित….

 

 

 

* वरिष्ठजनों हेतु आयोजित एक दिवस कार्यशाला
वरिष्ठजनों का फूल माला एवं श्रीफल से किया गया सम्मान.

* माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007 के संबंध में कार्यशाला.

 

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर/  राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के दिशा निर्देशन में जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सूरजपुर  गोविन्द नारायण जांगड़े के निर्देशन में ’’माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007’’ के संबंध में कार्यशाला, प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन मंगल भवन सूरजपुर में किया गया। कार्यक्रम की शुरूवात उपस्थित न्यायिक अधिकारीगण एवं उपस्थित वरिष्ठजनों द्वारा द्वीप प्रज्वलन एवं न्यायिक अधिकारीगण द्वारा उपस्थित वरिष्ठजनों को पुष्प गुच्छ एवं श्रीफल भेट देकर सम्मानित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि   सुनिल कुमार नन्दे, प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीष श्रीमती सुषमा लकड़ा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट,प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सूरजपुर आनंद कुमार सिंह व्यवहार न्यायाधीष वर्ग-1 एवं  अजय लकडा,  पुनित तिग्गा,  प्रवीण कुजूर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी,  विवेक कुमार टंड़न, श्रीमती सावित्री रक्सेल न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय श्रेणी,  एच.एन. श्रीवास्तव चीफ लीगल एड़ डिफेंस कौंसिल, एवं  रवि सिंह एसडीएम  नंद जी पाण्डे एसडीएम सागर सिंह, एसडीएम दीपिका नेताम एसडीएम प्रतापपुर, वर्षा बंसंल तहसीलदार, हिना टंडन नायब तहसीलदार सूरजुपर, श्रीमती बी. तिर्की उप संचालक समाज कल्याण विभाग।

कार्यक्रम में सुनिल कुमार नन्दे द्वारा उपस्थित वरिष्ठजनों को कार्यक्रम में समय देने के लिए सभी का स्वागत किया एवं ’’माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007’’ के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा वरिष्ठजनों की किसी प्रकार की अपेक्षा न हो इसके लिए सरकार समय समय पर कानून बनाती है। हमें प्रारंभ से अपने संस्कारों को उचित रूप से परिवार में स्थापित करना चाहिए ताकी ऐसा दिन न आये कि वरिष्ठजन की उपेक्षा हो। आज कल के परिवार, एकल परिवार की ओर बढ़ते जा रहे हैं। पहले हमारे परिवार में दादा, दादी हुआ करते थे जो हमें चंदा मामा और राजा रानी की कहानियां सुनाया करते थे। परन्तु आज कल के एकल परिवार में यह सब देखने को नहीं मिलता है। हमें अपने बच्चों को संस्कारवान बनाने की आवश्यकता है, हम अपने परिवार में बच्चों को श्रवण कुमार तो नहीं बना सकते हैं किन्तु उनके समान संस्कारवान बनाने का प्रयास करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि जहां पर बुर्जूगों का सम्मान होता है वहां पर सुख, शांति एवं समृद्धि बनी रहती है। हमें ऐसा प्रयास करना चाहिए की हर घर परिवार के वरिष्ठजनों का सम्मान होना चाहिए।

उक्त कार्यक्रम का संचालन श्रीमती सुषमा लकड़ा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया गया। वहीं समाज कल्याण विभाग द्वारा जरूरत मंद को छड़ी वितरण किया गया एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा वरिष्ठजनों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराया। उक्त कार्यक्रम में  लालचंद अग्रवाल अध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक संध सूरजपुर,  अनिल गोयल प्रदेश संरक्षक वरिष्ठ नागरिक संघ सूरजपुर,  डी.एन. चौबे अध्यक्ष पेंशनर संघ सूरजपुर, राजेन्द्र प्रसाद पाठक डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल,  अभिषेक भाई पटेल असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस कौंसिल एवं समस्त पैनल अधिवक्ता व समस्त पीएलव्ही कार्यक्रम में उपस्थित रहे।