आत्मसम्मान का गौरव बोध करती है आदिवासी संस्कृति : डॉ प्रेम साय सिंह टेकाम

 

 

* मंगल भवन में विश्व आदिवासी दिवस का हुआ भव्य आयोजन.

* ’’आदिवासी जंगल रखवाला रे’’ प्रकृति गीत से कार्यक्रम की हुई शुरुआत.

 

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर/ ’’एक तीर एक… किसान सब आदिवासी… एक समान’’ नारा देकर राज्य योजना आयोग के अध्यक्ष डॉ. प्रेम साय सिंह टेकाम ने विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम स्थल पर अपने उद्बोधन की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित जनों को आदिवासी संस्कृति और उनके इतिहास से परिचित कराया। उन्होंने कहा हमारी संस्कृति, परंपरा और भाषा हमारी पहचान है। इसे हमें संरक्षित रखना है और विश्व पटल में इसे स्थान दिलाना है। आत्मसम्मान का गौरव बोध करती है, आदिवासी संस्कृति और आगे भी आदिवासी संस्कृति फलती फूलती रहे इसी आशा के साथ उन्होंने उपस्थित जनों को विश्व आदिवासी दिवस की बधाई दी। इस अवसर पर उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं का भी उल्लेख किया जो की आदिवासी वर्ग के लिए संजीवनी बूटी साबित हो रही है।

आज जिले के मंगल भवन हॉल में विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें आदिवासी समाज के सदस्यों के साथ, जनप्रतिनिधि, अधिकारी व कर्मचारी गण उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत प्रकृति गीत ’’आदिवासी जंगल रखवाला रे’’ से हुई। इसके पश्चात सुआ नृत्य के साथ-साथ आदिवासी संस्कृति को प्रस्तुत करने वाले कई भव्य कार्यक्रम की प्रस्तुति हुई। इस अवसर पर आदिवासी समाज के मेधावी छात्रों का सम्मान, वन अधिकार पत्र, सामुदायिक वन अधिकार पत्र एवं वन संसाधन अधिकार पत्र तथा व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र धारियों को ऋण पुस्तिका का वितरण किया गया। इसके साथी ही कृषि एवं बागवानी विभाग द्वारा स्वीकृत कृषि आदान, बीज, उपकरण का वितरण, समाज कल्याण विभाग द्वारा सहायक उपकरण का वितरण भी किया गया।

कार्यक्रम में जिला पंचायत उपध्यक्ष नरेश राजवाड़े, जिला सदस्य सुश्री शशि सिंह, जनपद अध्यक्ष जगलाल सिंह, श्रीमती शोभा राजवाड़े, कलेक्टर संजय अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक आई. कल्याण एसिसेला, अपर कलेक्टर श्रीमती नयनतारा सिंह तोमर, जिला सीईओ सुश्री लीना कोसम, एसडीएम रवि सिंह, सहायक आयुक्त के. विश्वनाथ रेड्डी सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक जन उपस्थित थे।