श्री श्याम बाबा का अलौकिक श्रृंगार करने पहुंचे खाटू के मुख्य पुजारी जितेंद्र सिंह चौहान से पत्थलगांव प्रेस क्लब पत्रकार हुए रूबरू…

पत्थलगांव ✍️जितेन्द्र गुप्ता

श्री श्याम बाबा का अलौकिक श्रृंगार करने पहुंचे खाटू के मुख्य पुजारी जितेंद्र सिंह चौहान से पत्थलगांव प्रेस क्लब पत्रकार हुए रूबरू

श्याम सेवा समिति ने पत्रकारों का किया सम्मान

पत्थलगांव में श्री श्याम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए 3 अप्रैल से 10 अप्रैल तक चले सात दिवसीय भजन संध्या व प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रमों को खाटू धाम राजस्थान से आए प्राण प्रतिष्ठा आचार्य एवं 21 पंडितों द्वारा विधि विधान एवं मंत्रोच्चार के साथ बाबा श्याम ,दादी रानी सती व सालासर बालाजी का भव्य प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई जिसको लेकर पत्थलगांव श्याम समिति के सभी सदस्यों ने दिन रात मेहनत कर कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया। कार्यक्रम में चार चांद लगाने के लिए प्रतिदिन हजारों लोगों ने श्याम रसोई के साथ श्याम के भजनों का आनंद लिया जिसमें मुख्य रूप से कलकत्ता, जयपुर, राजस्थान के कलाकारों ने लोगों को श्याम के भजनों का रसपान कराया। रात्रि में खाटू धाम के मुख्य पुजारी जितेंद्र सिंह चौहान द्वारा 12 घंटे की विधि विधान पूजा के साथ बाबा का अलौकिक शृंगार किया गया 12 घंटे श्याम भक्तों ने भरी हुई गर्मी में बाबा के प्रथम दर्शन का इंतजार किया ।बाबा ने अपने प्रथम दर्शन से लोगों को अपनी ओर मैग्नेटिक पावर की तरफ खींचा
खाटू धाम के मुख्य पुजारी जितेंद्र सिंह चौहान द्वारा पत्रकारों से रुबरु होते हुए बताया कि मेरे द्वारा खाटू धाम के बाद ब्रांच ऑफिस पत्थलगांव में श्याम बाबा की स्थापना की गई है पत्रकारों ने पूछा कि क्या श्याम बाबा के श्रृंगार में 12 घंटे लगते हैं।

पत्रकारो का सम्मान करते?

तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि श्याम बाबा कृष्ण के अवतार हैं आप जानते हैं कि कृष्णा जी नटखट लीला में माहिर थे हमने बाबा के श्रृंगार में जो समय लगता है वही समय लिया किंतु हमने बाबा का श्रृंगार को लगभग 12 घंटे में पूरा किया बार-बार बाबा के जयकारे से पुरा मंदिर गूंज रहा था हमने ज्यों ही बाबा के दरबार के पट खोले वैसे ही भक्तों के जयकारों से पूरा मंदिर प्रांगण गूंज उठा हमें ऐसा अनुभव हुआ जैसे बाबा स्वयं खाटू धाम से चलकर पत्थलगांव की धरा पर उतर आयेहैं। और मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि बाबा का हेड ऑफिस खाटू तो ब्रांच ऑफिस पत्थलगांव ही महसूस होता है ।यहां के भक्तों की मर्यादा व भक्ति को देखकर बाबा स्वयं खाटू से चलकर पत्थलगांव की धरा पर विराजमान हुए हैं।

 

उन्होंने श्याम शीश के बारे में विस्तार से बताया कि कौरव और पांडवों के युद्ध के समय कृष्ण जी ने बर्बरीक से छल पूर्व व प्रेम भाव से वरदान मांगा था की तुम्हें हारे हुए की तरफ से निर्णय लेना है और उन्होंने वरदान में अपना शीश दान दे दिया था और उन्होंने कहा था कि कलयुग में तुम्हारी शीश की पूजा होगी और पूरी दुनिया तुम्हारी शीश की ही पूजा करेगी खाटू धाम के मुख्य पुजारी ने यह भी बताया कि मेरे द्वारा कई मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा की गई है किंतु पत्थल गांव की धरा पर मुझे खाटू धाम के मंदिर की जमीनी हकीकत में याद आ गई यहां की निशान यात्रा में मुझे ऐसा प्रतीत हुआ मानो निशान यात्रा खाटू के रींगस से चलकर खाटू धाम की ओर रवाना हो रही है ऐसा ही माहौल मुझे पत्थलगांव के श्याम भक्तों में प्रतीत हुआ पूरे पत्थलगांव में केवल श्याम ध्वजा व श्याम के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही थी

? भारी संख्या में रोजाना रात्रि को श्री श्याम भजन में जुटते श्याम भक्त जिन्होंने श्याम भजनों का जम कर आनन्द लिया

पत्थलगांव श्याम सेवा समिति के अध्यक्ष महेंद्र अग्रवाल ने कहा कि यह तो बाबा की कृपा है कि सारे कार्य निर्विघ्न रुप से संपन्न हुए ।श्याम सेवा समिति के सभी कार्यकर्ताओं की मेहनत से श्याम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के सभी काम बड़े ही सुचारू रूप से संपन्न हुए ।श्याम सेवा समिति के महावीर अग्रवाल ने कहा कि यह श्याम भक्तों की ही कृपा है जो इतने बड़े 7 दिन तक चलने वाले कार्यक्रम को हमारे द्वारा मूर्त रूप दिया जा सका।

?निशान यात्रा की झलक जिसने सभी को मन्त्र मुग्ध कर दिया अब तक कि सबसे बड़ी शोभायात्रा

श्याम सेवा समिति के सुनील अग्रवाल ने कहा कि यहां के मैं पत्रकारों को धन्यवाद देता हूं कि जो उन्होंने श्याम सेवा समिति के अधूरे पड़े 10 वर्षों के मंदिर को पूरा करने के लिए समय-समय पर प्रेस के माध्यम से हमें श्याम मंदिर के कार्यों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया अंत में श्याम सेवा समिति के प्रवीण अग्रवाल द्वारा सभी का तहे दिल से स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया साथ ही पत्र वार्ता में पधारे सभी पत्रकारों का खाटू धाम के पुजारी जितेंद्र सिंह चौहान के हाथों से सम्मान किया गया।वही पूरी श्याम सेवा समिति ने पत्थलगांव के युवा श्याम भक्तों को दिन रात मेहनत कर पत्थलगांव में दिवाली जैसे माहौल व देव लोक के आगमन के प्रतीक के रूप में सजाए गए चौक ध्वजा के लिए भी तारीफ करते हुए कहा कि यह युवा शक्ति की ही मेहनत है जो आज पत्थलगांव का नाम देश तो क्या विदेशों के कोने-कोने तक भी पहुंच चुका है।