मंडप सजा था… दूल्हा था तैयार, बिना दुल्हन के बेरंग लौट आई बारात, और फिर खुल गई पोल…..

 

 

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर/ कलेक्टर संजय अग्रवाल के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रबेश सिंह सिसोदिया के मार्गदर्शन में बाल विवाह के रोक-थाम के लिये संयुक्त टीम सक्रिय है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला बाल संरक्षण ईकाई, चाईल्ड लाईन एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा निरंतर बाल विवाह रोके जा रहे है। संयुक्त टीम द्वारा विकासखण्ड के ग्राम आमगांव साल्ही में एक 17 वर्षीय बालिका का बाल विवाह रोका गया। ग्रामीणों द्वारा सूचना प्राप्त हुई थी की एक 17 वर्षीय बालिका का बाल विवाह होने जा रहा है, जिस पर संयुक्त टीम तत्काल मौके पर पहुंची, जहां बालिका एवं उसके पिता के द्वारा बताया गया कि बालिका 7वी तक कि पढाई कि है दस्तावेज मंगाया गया। जिसमे पाया गया कि अंकसुची अनुसार बालिका कि उम्र 18 वर्ष पुर्ण नही हुई है। उक्त बाल विवाह रोक कर घर वालो एवं ग्रामीणों को बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणामों के संबंध में जानकारी दी जाती है। यह विवाह न करने की समझाईश दिया गया, यह विवाह हुआ तो सभी को परेशानी उठानी पड़ सकती है, तब वधु एवं वर पक्ष सभी ने विवाह नहीं करने का निर्णय लिया। सभी को समझाईश दिया गया कि यदि विवाह होता है तो बाल विवाह प्रतिशेघ अधिनिय 2006 के तहत् विवाह कराने वाले, सहयोग करने वाले, अनुमति देने वालो एवं सामील होने वालों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध होगा और 02 वर्ष तक की सजा एवं 01 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। तब जाकर घर वाले अपना मण्डप स्वयं से उखाड़ दिये और विवाह 18 वर्ष पूर्ण होने के बाद करने का निर्णय लिया और पंचनामा बना कर टीम को दिया।
बाल विवाह रोकवाने वाले में, जिला बाल संरक्षण इकाई से जैनेन्द्र दुबे, हर गोविन्द चक्रधारी थाना रामानुजनगर से थाना प्रभारी विपीन लकडा ,आरक्षक दिपक यादव, चाईल्ड लाईन से केन्द्र समन्वयक कार्तिक मजूमदार, प्रकाश राजवाडे ,नंदिनी खटिक उपस्थित थे।