कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष ने ली विभागीय अधिकारियों की बैठक, धान के बदले दलहन-तिलहन फसल लेने हेतु किसानों को करें प्रोत्साहित, बढ़ेगी आत्मनिर्भरता….

कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष ने ली विभागीय अधिकारियों की बैठक,
धान के बदले दलहन-तिलहन फसल लेने हेतु किसानों को करें प्रोत्साहित, बढ़ेगी आत्मनिर्भरता….
गौठानों को उन्नत कर आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दें, ताकि ग्रामीणों को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके – अध्यक्ष

बलरामपुर :- अब्दुल रशीद

छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा(केबिनेट मंत्री दर्जा) ने आज संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष महेन्द्र चन्द्राकर, सदस्य संजय गुप्ता, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती रेना जीमल, संयुक्त संचालक कृषि विनोद कुमार वर्मा एवं यशवंत कुमार केराम सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
परिषद के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने जिले के सक्रिय गौठानों की समीक्षा करते हुए कहा कि जिन गौठानों में 10 एकड़ से अधिक जमीन है वहां एक तालाब निर्माण कराकर समूह के माध्यम से मछली पालन का कार्य किया जाए साथ ही समस्त गोठानों में बटेर पालन इकाई की स्थापना करें, जिससे समूह की महिलाओं के आय में बढ़ोतरी हो सके। उन्होंने वर्मी कम्पोस्ट निर्माण इकाई, मशरूम उत्पादन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, सब्जी उत्पादन, रीपा अन्तर्गत गोबर पेंट का निर्माण करवाना, दोना पत्तल निर्माण तथा लघु वनोपज मल्टीफुड प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर उनका बढ़ावा देने के निर्देश दिये, जिससे समूहों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सके। जिन किसानों के पास पर्याप्त जमीन है उन्हें धान के बदल अन्य फसल लेने हेतु प्रोत्साहित करते हुए दलहन-तिलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने की बात कही। उन्होंने राजस्व से संबंधित लंबित प्रकरणों को समय-सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिए ताकि किसानों को उनसे संबंधित योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने किसान समृद्धि योजना के तहत् पंजीकृत किसानों की जानकारी लेते हुए ड्रीप सिंचाई को बढ़ावा देने को कहा, जिससे कम पानी में अधिक फसल की सिंचाई हो सके। फसल बीमा योजना की लंबित भुगतान की समीक्षा करते हुए उन्होंने शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि शासन की मंशानुरूप हम अपने प्राकृतिक संसाधनों से छेड़-छाड़ किये बिना उनका संवर्धन करते हुए बेहतर उत्पादन करें। प्रत्येक गौठान अपने आप में ग्रामीण इंडस्ट्री बने, जहां गांव के लोगों को रोजगार मिले और ऐसा उत्पाद बनायें जो वहीं स्थानीय बाजार में खपत भी हो सके। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि शासन की योजनाओं का फलीभूत क्रियान्वयन करने के लिए आपसी समन्वय एवं जिम्मेदारी के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु अधिकारी ग्रामीणों से मिलकर बातचीत करें तथा उनकी समस्याओं को सुनें और उसका निराकरण करने का प्रयास करें।
उपाध्यक श्री महेन्द्र चन्द्राकर ने बैठक में रासायनिक खाद की पर्याप्त उपलब्धता, भण्डारण की जानकारी विभागीय अधिकारी से ली तथा बाजार में मिलने वाले रासायनिक खाद की दर उचित है या नहीं, इसके बारे में किसानों से पूछा। उन्होंने गौठानों में तैयार हो रहे वर्मी कम्पोस्ट का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर जैविक खेती करने हेतु कृषकों को प्रोत्साहित के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना अंतर्गत निजी भूमि पर वृक्षारोपण को प्रोत्साहन देकर काष्ठ आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना तथा आय एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। इसके अंतर्गत वाणिज्यिक वृक्ष प्रजातियों (क्लोनल नीलगिरी, टिशू कल्चर बांस, टिशू कल्चर सागौन, मिलिया डूबिया एवं अन्य आर्थिक लाभकारी प्रजाति) को शामिल किया गया है।

*अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष ने जाबर गौठान का किया निरीक्षण*

अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा ने विकासखण्ड बलरामपुर के जाबर गौठान का निरीक्षण कर प्रबंधन समिति से गौठान में संचालित विभिन्न गतिविधियों का अवलोकन किया। उन्होंने गौठान में गोबर खरीदी कार्य का जायजा लेते हुए वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, पैकेजिंग तथा विक्रय की कार्ययोजना एवं प्रगति, गौठान समिति लाभांश वितरण की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने गोठान में सामूदायिक बाड़ी, मधुमक्खी पालन, मुर्गीपालन का भी अवलोकन कर उत्पादन तथा लाभ की जानकारी ली।

जिला प्रतिनिधि बलरामपुर