सार्वजनिक पंडालो सहित कछार शिव मन्दिर में नवमी को हवन पूर्णाहुति…

‌पत्थलगांव ✍️जितेन्द्र गुप्ता

सार्वजनिक पंडालो सहित कछार शिव मन्दिर में नवमी को हवन पूर्णाहुति

पत्थलगांव के सभी सार्वजनिक पंडालो सहित ग्राम कछार के शिव मंदिर में पूरे विधि विधान से हवन पूर्णाहुति कर माता रानी से भक्तो ने आशीर्वाद मांगा


कछार मन्दिर में बनारस से आये आचार्य चन्द्रेस्वर मिश्रा नवरात्र पर्व के हवन पूर्णाहुति के बारे में बताया कि नवमी तिथी में हवन का विधान है। बहुत भक्त ऐसे है जो नवमी को ही हवन आदि कर स्वयं भी कन्या पूजन करके उसके बाद स्वयं भी भोजन कर लेते हैं। तो ऐसे भक्तों का नवरात्रि का व्रत पूर्ण नहीं होता क्योंकि नवमी के अगले दिन दशमी को ही पारण करें तो आपकी नवरात्रि व्रत पूर्ण होता है।

क्योंकि दशमी को विसर्जन की विधान है और विसर्जन के बाद ही पारणा किया जाता है। हमारे धर्म शास्त्रों में आया है कि हम दूर्गोत्शव जो हम मनाते हैं वह बहुत ही लाभकारी व्रत है।

मां के दरबार में किया हुआ हवन पूजन कभी भी व्यर्थ नहीं जाता है। मां तो दयामयी है। और श्रद्धा से किया हुआ पूजन कभी भी बिफल नही होता है। हवन करते हैं तो उस देवता की तृप्ति हेतु हम हवन करते हैं। उसके बाद तर्पण मार्जन की विधान है।

जो आजकल बहुत लोग नहीं करते हैं। परन्तु सभी को जरूर करना चाहिए जिससे आने वाले समय में ऐसा न हो जाए कि लोग तर्पण मार्जन भुल जाए सही तरीके से किया गया हमारे पूजन को देवी देवता तत्काल स्वीकार कर लेते हैं।