क्या सूरजपुर में पटवारी बने दलाल?, क्या जमीन खरीदने पटवारी से करना पड़ेगा संपर्क, नहीं तो चौहदी के लिए काटना पड़ेगा चक्कर?….

 

*राजस्व अमला के साठगांठ से भू-माफिया कब बढ़ता आतंक, गरीब परेशान, शासकीय जमीनों पर तेजी से बढ़ता अतिक्रमण।

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर। इस समय जमीन की खरीदी बिक्री एक बहुत बड़ा कारोबार बन गया है जिसमें नेता से लेकर पूंजीपति लोग इस कारोबार को बड़े धड़ल्ले से कर रहे हैं इस कारोबार में गरीबों की जमीन भी छीनी जा रही है जिस की खबरें कई बार सुनने को मिलती है यही एक ऐसा कारोबार है जिसमें पैसा दुगना नहीं चार गुना कमाया जा सकता है जिसके लिए हर तरह के गलत काम किए जा रहे हैं इस गलत काम में संबंधित विभाग के नौकरशाह भी शामिल है जिनके सांठगांठ से बड़े पैमाने पर जमीन का कारोबार हो रहा है। गलत तरीके से जमीन खरीदी बिक्री की वजह से पीड़ितों की संख्या भी दुगनी तेजी से बढ़ी है जिन्हें न्याय भी नहीं मिल रहा क्योंकि न्याय देने वाले हैं इस प्रकार के प्रकरणों से अपनी संपत्ति बनाने में लगे हुए हैं यही वजह है कि इन प्रकरणों को इमानदारी से निपटाने वालों की बेतहाशा बढ़ती संपत्ति कहीं ना कहीं जांच का विषय है राजस्व विभाग के नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारी व कर्मचारी आय से ज्यादा संपत्ति गलत तरीके से अर्जित किए बैठे हैं पर जांच करने वाला कोई नहीं?

सूरजपुर जिले में इस समय जमीन खरीदने के लिए राजस्व विभाग के पटवारी ही दलाल बन बैठे हैं जमीन यदि चाहिए तो इन दलाल पटवारियों से मिलिए हर तरह की जमीन इनकी जानकारी में रहती है और अच्छे दामों पर यह जमीन दिखाने का काम करते हैं और यदि इनसे अब जमीन नहीं लिए तो फिर आप इन्हें के पास चौहद्दी व तमाम तरह के काम के लिए भटकते रह जाएंगे उक्त जमीन को खरीदने पर कुछ ऐसा ही सूरजपुर जिले के सूरजपुर तहसील के अंतर्गत कई हल्का पटवारी में देखा जा सकता है पर ऐसे में सवाल यह उठता है कि पटवारी शासन का काम कर रहे हैं या फिर उसकी आड़ में जमीन का कारोबार?

सूत्रों की माने तो सूरजपुर तहसील से लगे महगवा का पटवारी हल्का नंबर 10 इनदिनो जमीन के खरीदी बिक्री के कारोबार में यह के पटवारी ही जमीन की दलाली कर रहे हैं, पीड़ित भी इन पटवारियों के चक्कर में इस प्रकार फंसे हुए हैं कि वह डर से उच्च अधिकारियों को शिकायत भी नहीं कर पाते क्योंकि पटवारियों का कहना है कि उनकी पहुंच ऊपर तक है आप कहीं भी शिकायत कर लो कुछ नहीं होगा जो होगा वह मेरे स्तर से ही होगा और राजस्व के मामले में वैसे भी सूरजपुर काफी चर्चित हो चला है अब ऐसे में ऊपर बैठे अधिकारी पटवारियों पर कैसे कार्यवाही करेंगे कैसे इन पटवारियों की जांच होगी यह तमाम तरह के सवाल इस समय सूरजपुर जिले के लिए बने हुए। पटवारियों को अपनी तनख्वाह कम पड़ रही है यही वजह है कि उनके पास अपने काम कराने आने वाले व्यक्तियों को कमीशन देना पड़ता है बिना कमीशन के कोई काम नहीं होता अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या इन पटवारियों को नौकरी इसीलिए दी गई है कि आप वेतन भी लीजिए और उगाही भी कीजिए, भ्रष्टाचार किस तरह पटवारी कर रहे हैं इसका उदाहरण सूरजपुर जिले के कई पटवारी हल्कों में भी देखा जा सकता है पर इस समय पटवारी हल्का नंबर 10 के पटवारी कुछ ज्यादा ही सुर्खियों में क्योंकि कुछ ज्यादा ही दबंगई के साथ जमीन के कारोबार में संलिप्त दिख रहे।

जमीन खरीदी बिक्री व सरकारी जमीनों पर कब्जे को
लेकर भू माफिया सक्रिय:- जमीन के कारोबार में सफेदपोश से लेकर तमाम तरह के लोग बड़े पैमाने पर जमीन का अवैध कारोबार कर रहे हैं जो भू-माफिया का रूप ले लिया है भूमाफिया शब्द का प्रयोग किस लिए किया जाना उचित है क्योंकि बड़े पैमाने पर जमीन की खरीदी बिक्री में एक भूमाफिया का गिरोह काम कर रहा, सूरजपुर शहर से लेकर गांव तक भू माफिया का गिरोह सक्रिय है जो गलत तरीके से जमीन खरीदी बिक्री कर लोगों को अपने झांसे में लेकर बड़े पैमाने पर राजस्व अधिकारियों की सांठगांठ से जमीन पर कब्जा कर रहे हैं|