बाल विवाह अब सामाजिक कुरीति ही नहीं बल्कि अपराध है… ग्रामीण महिलाओं को दी जा रही है अपराधो की जानकारी…..

 

 

* ग्रामीण महिलाओं, किशोरी बालिकाओं एवं जनप्रतिनिधियों को दिया जा रहा बाल अपराधों की जानकारी.

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर/ कलेक्टर सुश्री इफ्फत आरा के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रबेस सिंह सिसोदिया के मार्गदर्शन में जिला बाल संरक्षण इकाई, सखी वन स्टाप सेंटर एवं यूनिसेफ द्वारा गांव-गांव जाकर ग्रामीण महिलाओं, किशोरी बालिकाओं, जनप्रतिनिधियों को कानूनों की जानकारी दी जा रही है। ग्रामीण इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कर रहे हैं, और बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। सूरजपुर विकास खण्ड के ग्राम राजापुर में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में ग्राम पंचायत भवन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मनोज जायसवाल द्वारा बताया गया कि बाल विवाह प्रतिशेघ अधिनियम 2006 के अन्तर्गत बाल विवाह कराना, अनुमति देना, शामिल होना, सहयोग करना सभी अपराध है, और इसमें दो साल की सजा और एक लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान दिया गया है। बाल विवाह बालिका के जीवन के लिए अभिशाप है। यदि किसी नाबालिक लड़की का विवाह होता है तो वह शारीरिक एवं मानसीक रुप से तैयार नहीं रहती है। कम उम्र होने के कारण वह विवाह के बाद वाले दायित्वों को नहीं समझ पाती, जिससे पारिवारिक तनाव बढ़ जाता है, साथ ही बच्चें का बच्चा होने से वह भी कमजोर होता है जिसे ठीक करने के लिए पूरा प्रशासन लग जाता है। कम उम्र में विवाह होने से घरेलू हिंसा की घटनाऐं भी बढ़ रही है। लड़कियों को खुब पढ़ाइये और उसके बाद विवाह कीजिए। उन्हें लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम, गुड-टच बैड-टच, पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति, बाल संरक्षण समिति के कार्य, मानव तस्करी, कन्या भ्रुण हत्या, बालश्रम, बाल भिक्षावृत्ति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।
युनिसेफ के जे.पी. वर्मा ने बालिका शिक्षा एवं उनके परिवर्तन काल, हार्माेन के बदलाव, शारीरिक बदलाव एवं उसके लिए बच्चियों को जागरुकता से काफी समस्याओं का निराकरण हो सकता है। उनसे वार्ता बंद नहीं होनी चाहिए। सखी वन स्टाप सेंटर से केश वर्कर साबरिन फातिमा नें महिलाओं के लिए सखी वन स्टाप सेंटर के कामों के संबंध में टोल फ्री नं (महिला हेल्प लाईन नम्बर) 181 की जानकारी दी। जिसमें महिलाओं को आश्रय की सुविधा, चिकित्सा सुविधा, विधिक सहायता, काउंसलिंग की सुविधा एवं पुलिस सहायता जैसे पांच सुविधा सखी वन स्टाप सेंटर में महिलाओं को प्रदान की जाती है आदि की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में कॉफी संख्या में ग्रामीण महिलाओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, किशोरी बालिकाएं एवं छात्राए उपस्थित थी।