राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू के प्रस्तावको में रायगढ़ सांसद श्रीमती गोमती साय भी शामिल। भाजपा ने आदिवासी समाज की नारी शक्ति का अद्वितीय सम्मान किया – गोमती साय….

जशपुर✍️ जितेन्द्र गुप्ता

राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू के प्रस्तावको में रायगढ़ सांसद श्रीमती गोमती साय भी शामिल। भाजपा ने आदिवासी समाज की नारी शक्ति का अद्वितीय सम्मान किया – गोमती साय

रायगढ़ एवं जशपुर जिले के लिए बेहद गौरव का विषय है कि राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू के प्रस्तावको में रायगढ़ सांसद श्रीमती गोमती साय भी शामिल है । भाजपा नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली पहुंची श्रीमती गोमती साय ने द्रौपदी मुर्मू के प्रस्तावक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए और आज उनसे मुलाकात भी की। प्रस्तावकों में स्वयं प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष  जेपी नड्डा भी शामिल है। एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने अपना नामांकन दाखिल कर लिया है ।

सांसद श्रीमती गोमती साय ने उन्हें प्रस्तावक बनाये जाने पर  प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय नेतृत्व का हार्दिक आभार जताया है। द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार बनाए जाने पर भाजपा नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए इसे आदिवासी समाज और महिलाओं का सम्मान बताया है। आज उन्होंने दिल्ली में द्रोपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें बधाई दी।

सांसद श्रीमती गोमती साय ने द्रोपदी मुर्मू को जीत की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि भाजपा ने आदिवासी समाज की नारी शक्ति का अद्वितीय सम्मान किया है। झारखंड की पहली महिला राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू का जींवन संघर्ष संघर्षों की गाथा है।
श्रीमती साय ने कहा कि अपना घर चलाने और बेटी को पढ़ाने के लिए मुर्मू ने एक टीचर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और फिर उन्होंने ओडिशा के सिंचाई विभाग में एक कनिष्ठ सहायक यानी क्लर्क के पद भी नौकरी की। मां ने नौकरी से मिलने वाले वेतन से घर खर्च चलाया और बेटी इति मुर्मू को पढ़ाया-लिखाया. बेटी ने भी कॉलेज की पढ़ाई के बाद एक बैंक में नौकरी हासिल कर ली। द्रौपदी मुर्मू ने साल 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में जीत दर्ज कर अपने राजनीतिक जीवन का आगाज किया था। उन्होंने भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया. साथ ही वह भाजपा की आदिवासी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी रहीं। द्रौपदी मुर्मू मई 2015 में झारखंड की 9वीं राज्यपाल बनाई गई थीं। वह किसी भी भारतीय राज्य की राज्यपाल बनने वाली पहली आदिवासी हैं। आदिवासी समाज के लिए गौरव का प्रतीक द्रोपदी मुर्मू पर हमें गर्व है।