जैविक खेती में किसानों की प्राथमिकता बनी वर्मी खाद….

अम्बिकापुर

जिले के किसानों का रुझान जैविक खेती की ओर  बढ़ा है और खेती के लिए वर्मी खाद के उपयोग को प्राथमिकता दे रहे हैं। गोठानों में उत्तम गुणवत्ता के वर्मी खाद का निर्माण हो रहा है जिसे किसान सहकारी समितियों से जरूरत के अनुसार खरीद रहे हैं। इसके साथ ही जिले में रासायनिक खाद की भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है।

उप संचालक कृषि एम.आर. भगत ने बताया है कि वर्तमान में सहकारिता व निजी खाद व्यवसायियों के पास पर्याप्त मात्रा में रासायनिक खाद उपलब्ध है। जिले में 39 सहकारी सेवा समितियों व 268 निजी खाद व्यापारियों के माध्यम से किसानों को उनके मांग के अनुसार खाद उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ाने व जैविक खाद का उपयोग कर रासायनिक उर्वरक पर निर्भरता कम करने वर्मी खाद के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। वर्मी खाद की गुणवत्ता परीक्षण उपरांत सहकारी समितियों के माध्यम से निर्धारित दर पर किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम ब्याज मुक्त ऋण पर उपलब्ध कराया जा रहा है।

वर्तमान में जिले में कुल 7763 मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक भंडारित है जिसमें सहकारिता के 4987 मीट्रिक टन एवं निजी विक्रेताओं के 2776 मीट्रिक टन शामिल है।