दाऊ वासुदेव कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग द्वारा आदिवासी उपयोजना अंतर्गत,मुर्गी चूजों, दाना एवं उपकरणों का किया वितरण…..

 

 

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर/ दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग के द्वारा आदिवासी उपयोजना अंतर्गत 24 मई 2022 को ग्राम सोनवाही के 20 आदिवासी हितग्राहियों को चूजा, दाना, औषधी एवं उपकरण वितरण किया गया। यह आदिवासी उपयोजना भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित है। इस समारोह के मुख्य अतिथि दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलपति डॉ. एन. पी. दक्षिणकर अध्यक्ष, डॉ. आर. पी. तिवारी निर्देशक विस्तार शिक्षा समन्वयक, वेटनरी पॉलीटेक्निक डॉ. एस. डी. हिरपुरकर, रामचंद्र यादव, विश्वविद्यालय कार्य परिषद सदस्य, सरपंच ग्राम पंचायत सोनवाही श्रीमती श्यामा देवी, डॉ. नृपेन्द्र सिंह, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी सूरजपुर, डॉ. ओ. पी. दिनानी मुख्य अन्वेषक, टीएसपी प्रोजेक्ट डॉ. ओम प्रकाश पैकरा प्राचार्य वेटनरी पॉलीटेक्निक, डॉ. अमित गुप्ता, डॉ. अंकित कश्यप एवं डॉ. देवेन्द्र यादव इत्यादि उपस्थित रहें। टीएसपी की इस योजना अंतर्गत प्रत्येक हितग्राही को 250 किग्रा चिक मैस, 200 चूजों, 05 ड्रिंकर, 04 फीडर, 01 चिकगार्ड 01 ग्रीन मेट कुक्कुट औषधि सप्लीमेंट इत्यादि प्रदाय किये गये।

ग्राम सोनवाही की हितग्राही श्रीमती कंचन सिंह पति श्री रामकुमार सिंह को एक अंडा सेने की मशीन इनक्यूबेटर प्रदाय किया गया जिसका उपयोग ग्राम के सभी हितग्राहियों के मुर्गियों के अंडे को सेने हेतु भी किया जायेगा। कामधेनु विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एन. पी. दक्षिणकर ने अपने उद्बोधन में सरगुजा क्षेत्र को पोल्ट्री हब के रूप में विकसित करने एवं आदिवासी समूह के आजीविका सुधार मुर्गीपालन द्वारा करने हेतु इस आदिवासी उपयोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। निदेशक विस्तार डॉ. आर. पी. तिवारी ने बताया की यह परियोजना आदिवासी समूह में वैज्ञानिक विधि से मुर्गीपालन हेतु प्रेरित करेगी, जिससे उसका आर्थिक उन्नयन हो सके। रामचंद्र यादव, विश्वविद्यालय कार्य परिषद् सदस्य ने अपने उदबोधन में बताया कि यह परियोजना एक स्टार्ट अप की तरह मुर्गी पालन प्रारंभ करने में सहयोगी होगी। डॉ. नृपेन्द्र सिंह ने बतलाया कि विश्वविद्यालय द्वारा किया गया यह कार्य सराहनीय है जिसमें मॉनिटरिंग करने में पशुधन विकास विभाग, सूरजपुर द्वारा भी मदद की जाएगी। वैज्ञानिक मुर्गी पालन से इस परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ. ओ. पी. दिनानी ने बताया कि इस परियोजना के प्रथम चरण में चार दिवसीय जागरूकता एवं प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन ग्राम सकालो, सरगंवा देवीपुर एवं सोनवाही में किया गया। इसके द्वितीय चरण में सात दिवसीय वैज्ञानिक मुर्गीपालन विषय पर प्रशिक्षण का आयोजन वेटनरी पॉलीटेक्नीक सूरजपुर में किया गया। इसके तृतीय चरण में चयनित 100 आदिवासी हितग्राहियों को विभिन्न कुक्कुट फार्मों का भम्रण कराया गया। इसके अंतिम चरण में हितग्राहियों को मुर्गी चूजा, दाना, उपकरण, इक्यूबेटर, औषधि एवं फीड सप्लीमेंट का वितरण किया जा रहा है। इस परियोजना के क्रियान्वयन में वेटनरी पॉलीटेक्निक सूरजपुर एवं पशुधन विकास विभाग का सक्रिय योगदान रहा । कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अमित गुप्ता ने किया उन्होंने कुलपति डॉ. एन. पी. दक्षिणकर, संरपंच ग्राम सोनवाही, समन्वयक, वेटनरी पॉलीटेक्नीक डॉ. एस. डी. हिरपुरकर, एवं समस्त हितग्राहियों को कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया।