टीबी मुक्त पंचायत पहल पर कार्यशाला, स्वस्थ गांव की परिकल्पना को साकार करने टीबी मुक्त पंचायत जरूरी : कलेक्टर

 

 

 

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर/ राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम जिला के अन्तर्गत ”टीबी मुक्त पंचायत पहल” पर कार्यशाला एवं जिला टीबी एलिमिनेशन टास्क फोर्स (टीबी फोरम) की द्वितीय बैठक का आयोजन संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में किया गया।

कलेक्टर संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में कलेक्टर द्वारा पोलियो उन्मूलन की भांति क्षय उन्मूलन की बात रखी गयी। कलेक्टर द्वारा जिले के समस्त 487 ग्राम पंचायत को विभागों के पारस्परिक सहयोग से कार्ययोजना बनाकर योजनाबद्ध तरीके से 24 मार्च 2024 तक क्षय मुक्त करने हेतु कार्य निर्देशित किया गया। शत प्रतिशत संभावित क्षय मरीजों की जांच, औषधियों की उपलब्धता, मरीज के परिवार के सदस्यों को टीपीटी एवं निक्षय मित्र के माध्यम से रोगियों को अतिरिक्त पौष्टिक आहार देने हेतु क्षय विभाग को निर्देशित किया गया। सुपोषण योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा गरीब मरीजों को लाभान्वित करने के लिए लिए जिला महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देश दिया गया है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.एस.सिंह ने क्षय रोग को गंभीर व जानलेवा बीमारी बताया। इस रोग के मरीज बीमारी से दुर्बल हो जाते है। नाखून, दांत व बाल छोड़कर शरीर के प्रत्येक हिस्से को टीबी बीमारी नुकसान पहुंचा सकता है। यह बीमारी हवा के माध्यम से संक्रमित मरीज के छींकने व खांसने से फैलता है। क्षय होने की संभावना कम उम्र के बच्चांे, तम्बाकू का सेवन करने वाले व शुगर के मरीज, एड्स पीडित या कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति को रहती है। सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में क्षय रोग से संबंधी जांच एवं इलाज पूर्णतः निःशुल्क है।

कार्यशाला में पिरामल स्वास्थ्य से राज्य इकाई के डॉ. फैजल रजा खान द्वारा बताया गया की पंचायती राज्य संस्थाओं द्वारा सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु स्वस्थ गांव की परिकल्पना की गयी है। उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं ग्रामीण स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर एवं ग्राम पंचायतों के सहयोग से टीबी उन्मूलन की दिशा में प्रयास किये जा रहे है। इन प्रयासों को प्रतिवर्ष मान्य संकेतकों पर मापने एवं सत्यापन कर टीबी मुक्त पंचायत घोषित करने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ. टोप्पो ने कहा की ”टीबी मुक्त पंचायत पहल” के क्रियान्वयन से जिले के समस्त विकासखण्डो एवं पंचायतों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का संचार होगा और जिला टीबी मुक्त होने का दावा प्रस्तुत कर सकता है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन गनपत नायक ने बताया की भारत सरकार द्वारा वैश्विक लक्ष्य 2030 से पांच वर्ष पूर्व टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है जो सभी की सहभागिता से ही पूरा किया जा सकता है। समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रमों में टीबी कार्यक्रम विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसकी निगरानी प्रधान मंत्री कार्यालय से की जा रही है।

कार्याशाला में राष्ट्रीय क्षय उन्मूल कार्यक्रम के जिला समन्वयक संजीत सिंह ने वर्ष 2022 और 2023 में जिले में टीबी मरीजों की जानकारी दी और उनको दी जाने वाले सुविधाओं के बारे में विस्तार से बताया साथ ही टीबी उन्मूलन हेतु इस वर्ष किये जा रहे कार्याे का प्रस्तुतिकरण किया। कार्यशाला में अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर अनुविभागी अधिकारी, समस्त विभाग के जिला अधिकारी, समस्त जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, समस्त खण्ड़ चिकित्सा अधिकारी एवं कार्यक्रम प्रबंधक, एनटीईपी स्टॉफ एवं पिरामल स्वास्थ्य के कर्मचारी सम्मिलित थे।