बस्ती में घुसे हिरण का ग्रामीणों ने दौड़ा कर किया शिकार, समूचा गांव ने देखा शिकार, विभाग के कर्मचारी भी मान रहे हुआ शिकार, नही हुआ अवशेष बरामद…..

 

 

 

* वन विभाग अफसर लगे लीपापोती में, जांच में में नही आए बड़े अफसर.

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर। जंगल से नदी का पानी आया वन्य प्राणी हिरण का झुंड इंसानी बस्ती में घुसा जिसको देख ग्रामीणों ने दौड़ा कर शावक का शिकार शिकार कर खाने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले को वन विभाग दबाने में लगी हुई है। अफसर जमीन जांच करने जाना उचित नही समझे है। वन अमला के कर्मचारी भी शिकार होना कुबूल रहे है।

गौरतलब है कि वनमण्डला कार्यालाय सुरजपुर के अधीन वन परिक्षेत्र रामामानुजगर के अंतर्गत उमेश्वरपुर सर्किल के ग्राम नमना में 29 मई दिन सोमवार की शुबह प्रातः 6- 7 बजे के अंतराल में ग्राम चंदननगर के जंगल की ओर से नदी में पानी पीने वन्य पशु तीन हिरण आये थे। जो नदी पार कर ग्राम नमना के बस्ती चले गए थे। जिसमें 2 बड़े थे और 1 शावक था। जिसको देख गाँव वालों ने घेरा बंदी कर दौड़ाना शुरू किया, गाँव के चारपारा, लालीपारा के बीच में घेरा बंदी की गई। इस बीच मे बड़े हिरण जंगल की ओर भाग निकले किन्तु शावक हिरण बरछा बाड़ी मोहल्ला में खेत के मेड़ पर गिर गया, ग्रामीणो ठंडा टांगी से शावक हिरण के पैर तोड़ दिया और हिरण के शव से खून रिसने लगा था।

ग्रामीणो द्वारा हिरण के शव को बरछाबारी में रखे थे। कुछ ग्रामीण हिरण का कटिंग कर रहे थे। इस बीच कुछ ग्रामीण लालीपारा आकर हिरण को दौड़ाने वाले अन्य सहयोगियों को हिरण के मांस का कुछ हिस्सा बंटवारा देने की बात कही गई थी। इस बीच शिकार की सूचना स्थानीय ग्रामीणों द्वारा वन परिक्षेत्र कार्यालय के आरओ (रेंजर) को दिया गया। सूचना पर उमेश्वरपुर सर्किल के वन विभाग के कर्मचारियों को जांच के लिए भेजा। जांच बिल दौरान गाँव वालों ने बताया कि हिरण का शव बरछा बारी में रखा हुआ है। इसके उपरांत वन विभाग द्वारा सन्दिग्ध ग्रामीण अमृत, राम प्रसाद को पूछताछ करने के लिए ले उमेश्वरपुर ले गए। जिसे शाम तक छोड़ दिया गया। जबकि नमना से प्रेमनगर की दूरी, थाना की दूरी 4-5 किलोमीटर है। और उमेश्वरपुर कि दूरी 10 किलामीटर होने के बाद भी वन विभाग के कर्मचारियों ने उमेश्वरपुर ले गए जो समझ से परे है। साथ ही शिकार की सूचना रामामानुजगर रेंजर, एसडीओ, डीएफओ को होने के बाद भी जांच करने नही मौके पर नही पहुँचे है और ना ही जिले के पुलिस टीम की सूचित किया गया है। शायद सूचित किया गया होता तो हिरण का शव भी बरामद हुआ होता और वन्यप्राणी का शिकार करने वाले व्यक्ति पुलिस के पकड़ में होते। किंतु अफसरों ने लापरवाही बरतते हुए ध्यान देना उचित नही समझा है। स्थानीय ग्रामीणों ने उच्च कार्यालय में लिखित में शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है।