पंचायत सचिव संघ का अनिश्चितकालीन हड़ताल लगातार जारी आज है पाँचवा दिन….

पत्थलगांव✍️जितेन्द्र गुप्ता

पंचायत सचिव संगठन पत्थलगांव का अनिश्चितकालीन हड़ताल का 5वा दिन सचिवो के काम बंद कलम बंद हड़ताल से गाँव के विकास कार्य मे हो रही रुकावटे

प्रदेश पंचायत सचिव संगठन छत्तीसगढ़ के आह्वान पर पंचायत सचिव अपने एक सूत्रीय मांग परिवीक्षा अवधि पश्चात शासकीयकरण को लेकर छत्तीसगढ़ के सभी ब्लॉक मुख्यालय में काम बंद कलम बंद अनिश्चितकालीन हड़ताल में बैठे है।

पूरा प्रदेश के 11644 पंचायत कार्यालय में ताला लटका हुआ है। पत्थलगांव सचिव संघ के मीडिया प्रभारी रामधनी लकड़ा ने बताया कि चुनाव के समय कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने घोषणापत्र में हम सभी का शासकीयकरण करने का वादा किया था। साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा उनके निवास में पंचायत सचिवों के प्रतिनिधि मंडल से 24 जनवरी 2021 को पंचायत सचिवों का दिसंबर 2021 तक शासकीयकरण करने का वादा किया गया था। पंचायत सचिव / शिक्षक सम्मेलन इंडोर स्टेडियम रायपुर में दिनांक 29 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री के द्वारा मंच से ही पंचायत सचिव का शासकीयकरण करने हेतु घोषणा किया गया था। फिर भी अब तक इस तरह हमारे मांगो को पूरा नही करना समझ से परे है।
पंचायत सचिव संघ के प्रवक्ता विजय डनसेना ने बताया कि हम लगातार अपनी मांगों के लिए शासन से गुहार लगाते रहे है। पर अब तक हमारी मांग नही सुनी जा रही है । पंचायत मंत्री रविंद्र चौबे के द्वारा 17 फरवरी 2023 को पंचायत सचिव के 70 से अधिक प्रतिनिधि मंडल के समक्ष शासकीयकरण आगामी बजट में पूर्ण करने हेतु आश्वस्त किया गया था परन्तु छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 6 मार्च 2023 को प्रस्तुत बजट में पंचायत सचिवों शासकीयकरण का कोई प्रावधान नहीं होने से 10568 पंचायत सचिव व उनके परिवार दुखी एवं आक्रोश में हैं। छ.ग. के सम्मानीय 70 विद्यायक गण द्वारा भी पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने हेतु अनुशंसा किया जा चुका है।


पंचायत सचिव संघ के ब्लाक अध्यक्ष अरुण शाह ने बताया कि छ.ग. में कार्यरत पंचायत सचिव 29 विभाग के 200 प्रकार के कार्य को जमीनी स्तर पर पूर्ण ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करते हुए राज्य शासन एवं केंद्र शासन के समस्त योजनाओं को लोकतंत्र के अंतिम व्यक्ति तक पहुचाने का अतिमहत्वपूर्ण कार्य को कर रहे है। राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजना जैसे गोधन न्याय योजना, नरवा, गरूआ, घुरवा, बाडी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास, पेंशन सहित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओ का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन करते आ रहे है। छ.ग. में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यस्था जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत स्तर में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी शासकीय सेवक है, परन्तु पंचायती राज की बुनियाद आधार स्तंभ ग्राम पंचायत में कार्यरत पंचायत सचिव 27 वर्ष बाद भी शासकीय सेवक नहीं है। पंचायत सचिवों को विभाग में कार्य करते हुए 27 वर्ष से अधिक हो गया है. सचिवों के साथ नियुक्त अन्य विभाग के कर्मचारी जैसे शिक्षाकर्मी / बनकर्मी/ लोकनिर्माण विभाग के कर्मी को शासकीयकरण कर दिया गया है परंतु सचिवों को शासकीयकरण से वंचित है। प्रदेश में कार्यरत 10568 पंचायत सचिव में से 15 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके 7184 पंचायत सचिवों को शासकीयकरण का वेतनमान 5200-20200 ग्रेड 2400 मिल रहा है एवं 15 वर्ष के कम सेवावधि वाले पंचायत सचिव जिनकी संख्या 3384 को 3500-10000 ग्रेड 1100 का वेतनमान मिल रहा है। राज्य सरकार के कर्मचारी / शासकीय कर्मचारी नहीं होने से शासकीय सेवक की भांति अन्य सुविधा जैसे ओपीएस, चिकित्सा भत्ता, अर्जित अवकाश, टी ए क्रमोन्नति-पद्दोन्नति, बीमा, ग्रेजयुटी से वंचित है। परिवीक्षा अवधि पश्चात सचिवों के शासकीयकरण करने से वार्षिक वित्तीय भार 75 करोड़ अल्प मात्र आएगा।

पंचायत सचिवों के हड़ताल में चले जाने से शासन के महत्वकांक्षी योजना गोबर खरीदी, रीपा कार्य गौठान के समस्त कार्य, मनरेगा के कार्य, जन्म-मृत्यु पंजीयन, राशनकार्ड, प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण, सामाजिक सहायता कार्यक्रम अन्तरर्गत वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, सुखद सहारा पेंशन, मुख्यमंत्री पेंशन, राष्ट्रीय परिवार सहायता, श्रद्धांजलि योजना, पेयजल व्यस्था, शौचालय निर्माण, वन अधिकार पट्टा वितरण, स्वामित्व योजना सर्वेक्षण, ग्राम सभा, बजट निर्माण, समस्त निर्माण कार्य एवं वित्तीय वर्ष के अंतिम माह होने से लेखा जोखा के कार्य पूर्ण रूप से प्रभावित है।